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पीएम मोदी की कट्टर आलोचक शेहला रशीद इजरायल-हमास जंग के बीच मोदी सरकार के कसीदे पढ़ने लगीं

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कभी केंद्र मोदी सरकार की मुखर आलोचक रही जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद के सुर अचानक बदल गए हैं। कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कट्टर विरोधी रहीं शेहला राशिद आज उनकी फैन हो गई हैं। पहले इजरायल में हमास आतंकियों की हैवानियत और अब जवाब में गाजा की तबाही को देख शेहला राशिद को कश्मीर के पुराने दिनों की याद आ गई। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व के हालात देखकर उन्हें लगता है कि भारतीय कितने खुशनसीब हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उनके प्रयासों के कारण आज कश्मीरी अमन-चैन के दिन देख रहे हैं। उमर खालिद और कन्हैया कुमार के साथ कभी कथित टुकड़े-टुकड़े गैंग की लीडर के तौर पर उभरीं शेहला राशिद का यह बयान इजरायल-हमास जंग के बीच काफी मायने रखता है।

इजरायल-हमास जंग देखकर महसूस किया, हम भारतीय कितने खुशनसीब
शेहला रशीद ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘मिडल ईस्ट की घटनाओं को देखकर आज मैंने महसूस किया कि हम भारतीय कितने खुशनसीब हैं। भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने हमारी सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया है।’ इसी पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय, मनोज सिन्हा (जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल), सेना मुख्यालय और सेना के जम्मू-कश्मीर डिवीजन चिनार कॉर्प्स को टैग करते हुए लिखा कि कश्मीर में शांति लाने का श्रेय इन्हें ही जाता है।

बिना सुरक्षा के शांति असंभव, सेना, सीआरपीएफ, पुलिस की भी प्रशंसा
शेहला राशिद कभी पीएम मोदी और बीजेपी की कट्टर विरोधी हुआ करती थीं। लेकिन अब उनका सुर बदल चुका है। वो आगे लिखती हैं, ‘मध्य पूर्व के संकट से स्पष्ट हो चुका है कि बिना सुरक्षा के शांति असंभव है। भारतीय सेना, चिनार कॉर्प्स और सीआरपीएफ के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के बहादुर कर्मियों ने कश्मीर में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।’

जम्मू-कश्मीर में विकास देखकर शेहला और फैसल का बदल गया रुख
शेहला ने वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर पर लागू संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करके प्रदेश को दो भागों में बांटकर उन्हें केंद्रशासित प्रदेश बनाने का विरोध किया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर भी दस्तखत किया था। हालांकि इस वर्ष अगस्त महीने में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। शेहला ने शाह फैसल की पार्टी भी जॉइन की थी। हालांकि, आर्टिकल 370 हटने के बाद फैसल ने पार्टी भंग कर दी और फिर से आईएएस की अपनी सर्विस में लौट गए। फैसल ने भी सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका से अपना नाम वापस लिया है। आज जम्मू-कश्मीर में विकास देखकर उनका रुख बदल गया है।

कश्मीर में ह्यूमन राइट्स में रिकॉर्ड सुधार हुआ
जवाहरलाल नेहरू यूनिर्विटी (JNU) की पूर्व छात्र नेता शेहला राश‍िद ने अगस्त 2023 में भी मोदी सरकार की तारीफ की थी। शेहला ने कहा है कि कश्मीर में मानवाधिकार का रिकॉर्ड सुधरा है। वह इस बात को स्‍वीकार करने के लिए मजबूर हैं। राज्‍य में जिंदगियां बच रही हैं। सरकार के स्पष्ट रुख ने लोगों के जीवन बचाने में मदद की है। शेहला राश‍िद की यह प्रत‍िक्र‍िया कई ल‍िहाज से बेहद महत्‍वपूर्ण है।

शेहला ने आर्टिकल 370 हटाए जाने का किया था तीखा विरोध
शेहला राश‍िद जम्‍मू-कश्‍मीर से ताल्‍लुक रखती हैं। जेएनयू छात्र संघ की शेहला उपाध्‍यक्ष रह चुकी हैं। फरवरी 2016 में जब जेएनयू के तत्कालीन छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर खालिद की राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी हुई थी, उसके बाद शेहला ने जोरदार प्रदर्शन किए थे। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का शेहला ने तीखा विरोध किया था।

शेहला के खिलाफ 2019 में दर्ज हुई थी आपराधिक शिकायत
वर्ष 2019 में शेहला रशीद के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने शेहला रशीद के खिलाफ आपराधिक शिकायत दायर की थी, जिसमें भारतीय सेना और भारत सरकार के खिलाफ फर्जी खबर फैलाने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग की गई थी।

शेहला ने 2019 में कहा था- कश्मीर में हालात बेहद खराब
शेहला रशीद ने अगस्त 2019 में कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर 10 ट्वीट किए थे जिसमें उन्होंने दावा किया कि कश्मीर में हालात बेहद खराब है। कश्मीर के हालात पर किए गए ट्वीट पर भारतीय सेना ने जवाब दिया था जिससे शेहला रशीद के दावों की हवा निकल गई थी। भारतीय सेना ने ट्वीट कर उनके दावों को बेबुनियाद बताया है। भारतीय सेना ने ट्वीट किया, ‘शेहला रशीद द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसी असत्यापित और फर्जी खबरें असामाजिक तत्वों और संगठनों द्वारा आबादी को भड़काने के लिए फैलाई जाती हैं।’

पीएम मोदी ने 70 सालों से उपेक्षित जम्मू-कश्मीर के विकास पर विशेष जोर दिया है। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद केंद्र की योजनाएं सीधे वहां पहुंच रही है और लोगों के जीवन में खुशहाली आ रही है। इस पर एक नजर-

जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी और आतंकी घटनाओं में कमी
अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पत्थरबाजी और आतंकी घटनाओं में कमी आई है। पत्थरबाजी की घटनाओं में 94 प्रतिशत की कमी आई है। कुल हिंसक घटनां में 68 प्रतिशत, नागरिकों की मृत्यु में 82 प्रतिशत और सुरक्षाबलों की मृत्यु में 56 प्रतिशत की कमी आई है। 5 अगस्त, 2016 से 4 अगस्त 2019 के बीच 900 आतंकी घटनाएं हुई थीं। इसमें 290 जवान शहीद हुए थे और 191 आम लोग मारे गए थे। वहीं 5 अगस्त 2019 से 4 अगस्त 2022 के बीच 617 आतंकी घटनाओं में 174 जवान जवान शहीद हुए 110 नागरिकों की मौत हुए। एनआईए ने आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने में काफी सफलता अर्जित की है। 2018 में 58, 2019 में 70 और साल 2020 में 6 हुर्रियत नेता हिरासत में लिए गए। 18 हुर्रियत नेताओं से सरकारी खर्च पर मिलने वाली सुरक्षा वापस ली गई। अलगाववादियों की आर्थिक ताकत को तोड़ने के लिए 80 बैंक खातों को सील कर दिया गया। पत्थरबाजी की घटना नहीं होने से शिक्षण संस्थाओं पर ताला नजर नहीं आता। स्कूलों कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ चुकी है।

पीएम मोदी के विजन से आजादी के बाद पहली बार कश्मीर के दुर्गम गांव पहुंची बिजली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में देश की सत्ता संभाली तभी उन्होंने ठान लिया था कि देश को अगर तरक्की के रास्ते पर चलना है तो हर गांव में बिजली पहुंचाना होगा। इसके बाद उन्होंने इस काम को पूरा करने का बीड़ा उठाया और इसके लिए एक हजार दिन का लक्ष्य रखा। यह दुखद बात थी कि आजादी के 70 साल बाद तक 18 हजार से अधिक गांव अंधेरे में डूबे थे। पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लाल किले की प्राचीर से एक हजार दिन के भीतर इन गांवों में बिजली पहुंचाने का ऐलान किया था। इस लक्ष्य को मई 2018 में समयसीमा पूरी होने से पहले ही हासिल कर लिया गया। इस मिशन के पूरा होने के बाद हर घर को बिजली देने का काम ज्यादा तेजी से आगे बढाया जा रहा है। इसी क्रम में जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के डोरू ब्लॉक के तेथन गांव में केंद्रीय योजना के तहत बिजली कनेक्शन पहुंची। पीएम डेवलपमेंट पैकेज स्कीम के तहत करीब 200 लोगों की आबादी वाले इस सुदूर गांव में बिजली पहुंचने के बाद यहां के लोग खुशी से झूम उठे और सरकार का शुक्रिया अदा किया।

अनंतनाग के तेथन गांव के लोग 75 साल बाद पहुंची बिजली देख खुशी से झूम उठे

अनंतनाग की दुर्गम पहाड़ियों पर स्थित तेथन के लोग उस समय खुशी से झूम उठे जब लगभग 75 सालों बाद पहली बार गांव में पहला बल्ब जला। 75 सालों से इस गांव के लोग अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए पारंपरिक लकड़ी पर निर्भर थे और दीये और मोमबत्ती का इस्तेमाल करते थे। यहां एक निवासी फजुलुद्दीन खान ने कहा, “हमने आज पहली बार बिजली देखी है। हमारे बच्चे अब रोशनी में पढ़ेंगे। वे खुश रहेंगे। बिजली के अभाव में हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। एक अन्य निवासी जफर खान ने कहा, “मैं 60 साल का हो गया हूं। आज मैंने पहली बार बिजली देखी। हम बिजली विभाग के आभारी हैं। पिछली पीढ़ियां बिजली नहीं देख पाई, लेकिन हम भाग्यशाली हैं कि हमें बिजली मिल गई।” लगभग 200 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 75 साल के बाद पहली बार बल्ब जला है। अब यहां के निवासियों ने असंभव को संभव करने के लिए प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया साथ ही बुनियादी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का आभार व्यक्त किया।

जम्मू की पल्ली पंचायत बनी देशभर के लिए मिसाल, सोलर प्लांट लगने के बाद बदली गांव की तस्वीर

जम्मू के सांबा जिले की एक छोटी सी पल्ली पंचायत, जिसका नाम शायद ही कोई जानता था, आज पूरे देश के लिए मिसाल बन गई है। इस पंचायत के लोग ना सिर्फ अपनी बल्कि दूसरे पंचायतों की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ग्रामीण आत्मनिर्भर गांव के निर्माण के साथ ही विकास की एक नई कहानी लिख रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उस पहल की वजह से संभव हुआ है, जिसके तहत इस गांव में 18 दिनों के रिकॉर्ड समय में 500 किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश की पहली कार्बन फ्री पंचायत घोषित किया था। इससे पल्ली पंचायत का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।

पीएम मोदी ने 500 किलोवाट के सोलर प्लांट की दी थी सौगत

प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल, 2022 को पंचायती राज दिवस के अवसर पर पल्ली पंचायत का दौरा किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने वहां 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया था। इसके साथ ही पल्ली की पंचायत कार्बन न्यूट्रल बनने वाली देश की पहली पंचायत हो गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पल्ली पंचायत के सभी घरों में सौर ऊर्जा प्राप्त करना ग्राम ऊर्जा स्वराज का एक आदर्श उदाहरण है और काम करने का बदला हुआ तरीका जम्मू-कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। पंचायत को सौर ऊर्जा से चौबीसों घंटे बिजली देने के लिए 2.75 करोड़ रुपये की लागत से 1500 सोलर पैनल लगाए गए। इस सोलर प्लांट के निर्माण का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम ने पल्ली पंचायत का दौरा किया था।

सोलर प्लांट से पंचायत के 340 घरों को मिल रही बिजली

पल्ली पंचायत में कई बदलाव किए गए हैं, जैसे- यहां सोलर चूल्हे का प्रयोग किया जा रहा है। सफर को आसान बनाने और प्रदूषण को घटाने के लिए इलेक्ट्रिक बस को बढ़ावा दिया गया है। यहां की सड़कों पर ऐसी बसें चल सकें, इसलिए पहले सड़क को बेहतर बनाया गया। पल्ली गांव में लगा सोलर प्लांट 6,408 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसकी मदद से गांव के 340 घरों में बिजली पहुंच रही है। इन सोलर पैनल के जरिए पल्ली गांव के लोगों की रोजाना 2 हजार यूनिट बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है। इस तरह यहां ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है।

लोगों के जीवन में आया बदलाव, विकास को मिली गति

सोलर प्लांट लगने के बाद जहां पल्ली पंचायत के लोगों के जीवन में काफी बदलाव आया है, वहीं विकास को गति मिली है। इस पंचायत के सरपंच रणधीर शर्मा के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से पहले इस गांव में बिजली ना के बराबर थी। इस गांव में कुछ घंटे ही बिजली आती थी लेकिन जो बिजली आती थी उसमें वोल्टेज की इतनी दिक्कत रहती थी कि इस गांव के लोग कोई काम नहीं कर पाते थे। प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से सोलर प्लांट की सौगात मिलने के बाद यहां के लोग शहर से ज्यादा बिजली पा रहे हैं और आज बिजली की समस्या खत्म हो गई है।

पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर को दी 20 हजार करोड़ की सौगात

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर 24 अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर पहुंचे। यहां पीएम ने 20,000 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। पीएम ने कहा कि इन प्रयासों से बहुत बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोजगार मिलेगा। मोदी सरकार में लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर की जड़ों तक पहुंचा है। इस दौरान उन्होंने सांबा ग्राम सभा की जमकर तारीफ भी की। उन्होंने कहा- मैं लाल किले से सबका प्रयास बोलता हूं। पल्ली के नागरिकों ने यह करके दिखाया है, ये देश के लिए मिसाल है। आजादी का अमृत काल यानी आने वाले 25 साल में जम्मू-कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा। पीएम मोदी ने कहा- यहां के पंच और सरपंच बता रहे थे कि यहां कार्यक्रम तय हुआ तो सरकार के लोग और कॉन्ट्रैक्टर्स आते थे, यहां कोई ढाबा नहीं है। यहां लंगर नहीं चलता है। ये लोग आ रहे हैं तो उनके खाने का क्या करें। सबने मुझे बताया कि हर घर से कोई 20 रोटी लाता और कोई 30 रोटी। 10 दिन से गांव वालों ने सभी को खाना खिलाया है। मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- न ये जगह मेरे लिए नई है और न मैं आपके लिए नया हूं। मेरे लिए खुशी की बात है कि आज यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट का लोकार्पण हुआ है।

केंद्र सरकार की योजनाएं अब यहां तेजी से लागू हो रही हैं: पीएम

आजादी के बाद कई साल तक कश्मीर विकास से अछूता रहा, लेकिन मोदी सरकार ने आकर बाबा साहब के सपनों को भी पूरा किया है। केंद्र की योजनाएं तेजी से लागू हो रही हैं। पहले दिल्ली से फाइल चलती थी और कश्मीर पहुंचने में 3-4 हफ्ते लग जाते थे। अब इतने समय में कश्मीर में योजनाएं लागू हो जाती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके दादा-दादी को जिस मुसीबत में जीना पड़ा, वो आपको और आपके बच्चों को नहीं होगीं, मेरी बात पर विश्वास करिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं अब यहां तेजी से लागू हो रही हैं। जिसका सीधा फायदा जम्मू कश्मीर के गांवों को हो रहा है। बिजली कनेक्शन हो, पानी कनेक्शन हो, स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट्स हो, इसका बड़ा लाभ जम्मू कश्मीर को मिला है।

बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल का उद्घाटन

पीएम मोदी ने अप्रैल 2022 को 3,100 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल का उद्घाटन किया। पीएमओ के अनुसार, 8.45 किलोमीटर लंबी सुरंग बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी कम कर देगी और यात्रा के समय को लगभग डेढ़ घंटे कम करेगी।

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस वे के तीन रोड पैकेज की आधारशिला

पीएम मोदी ने 7,500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनने वाले दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस के तीन रोड पैकेज की आधारशिला रखी। ये 4/6 लेन एक्सेस नियंत्रित दिल्ली-कटरा-अमृतसर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए है। इसके तहत NH-44 पर बाल्सुआ से गुरहा बैलदारन, हीरानगर; गुरहा बैलदारन, हीरानगर से जाख, विजयपुर और जख, विजयपुर से कुंजवानी, जम्मू, जम्मू से जम्मू एयरपोर्ट तक होगा।

रातले और क्वार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की आधारशिला

प्रधानमंत्री ने रतले और क्वार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपए की लागत से 850 मेगावाट की रतले और 4,500 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से 540 मेगावाट की क्वार हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। जम्मू और कश्मीर में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का और विस्तार करने और सस्ती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए, 100 केंद्रों को फंक्शनल बनाया गया है।

बनिहाल कांजीगुंड टनल से जम्मू और श्रीनगर की दूरी 2 घंटे कम हुई

पीएम मोदी ने कहा कि जैसे हमारे डोगरों के बारे में लोक संगीत में कहते हैं, ‘मिठ्ठी ए डोगरे दी बोली, ते खंड मिठ्ठे लोग डोगरे’। ऐसी ही मिठास, ऐसी ही संवेदनशील सोच, देश के लिए एकता की ताकत बनता है और दूसरी भी कम होती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि अब बनिहाल कांजीगुंड टनल से जम्मू और श्रीनगर की दूरी 2 घन्टे कम हो गई है। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला को लिंक करने वाला आकर्षक आर्क ब्रिज भी जल्द देश को मिलने वाला है। दिल्ली -अमृतसर-कटरा हाइवे भी दिल्ली से मां वैष्णो देवी के दरबार की दूरी को बहुत कम करने वाला है।

जम्मू-कश्मीर में टूरिज्म इंडस्ट्री फिर पटरी पर

पीएम मोदी ने कहा कि यहां पर्यटन उद्योग फिर तेजी से बढ़ रहा है। जून जुलाई तक के सभी होटल बुक हैं। यह बड़ी खुशी की बात है। मोदी ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर भी सबका साथ सबका विकास की राह पर चल रहा है। यहां मूलभूत सुविधाओं का विकास हो रहा है। यहां युवाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लागू की जा रही हैं।

नया जम्मू कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा: पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल यानी आने वाले 25 वर्षों में नया जम्मू कश्मीर विकास की नई गाथा लिखेगा। आजादी के 7 दशकों के दौरान जम्मू कश्मीर में मात्र 17,000 करोड़ रुपये का ही प्राइवेट इंवेस्टमेंट हो पाया था। पिछले 2 साल में ये आंकड़ा 38,000 करोड़ रुपये पहुंचा है। पीएम मोदी ने कहा कि कभी दिल्ली से एक सरकारी फाइल चलती थी, तो जम्मू कश्मीर पहुंचते-पहुंचते 2-3 हफ्ते लग जाते थे। मुझे खुशी है कि आज 500 किलो वॉट का सोलर पावर प्लांट सिर्फ 3 हफ्ते के अंदर यहां लागू हो जाता है, बिजली पैदा करना शुरू कर देता है।

2-3 सालों में जम्मू कश्मीर में विकास के नए आयाम बने

जम्मू कश्मीर में अब निवेशक खुले मन से पैसा लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बात डेमोक्रेसी की हो या संकल्प डेवलपमेंट का, आज जम्मू कश्मीर नया उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। बीते 2-3 सालों में जम्मू कश्मीर में विकास के नए आयाम बने हैं। पीएम मोदी ने कहा कि दशकों-दशक से जो बेड़ियां वाल्मीकि समाज के पांव में डाल दी गई थीं, उनसे वो मुक्त हुआ है। आज हर समाज के बेटे-बेटियां अपने सपनों को पूरा कर पा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बरसों तक जिन साथियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला, अब उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिल रहा है।

स्टार्टअप क्रांति से युवा बन रहे उद्यमी, प्रदेश में 400 से अधिक स्टार्टअप

एक जमाने में कश्मीर में बम धमाके, हड़ताल व पत्थरबाजी होती थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आये बदलाव से यहां के युवाओं के हाथ में पुस्तकें और लैपटॉप के साथ स्टार्टअप के लिए नई सोच है और वे दुनिया के युवाओं को चुनौती देने के लिए निकल पड़े हैं। आज जम्मू और कश्मीर की कश्मीर घाटी के युवाओं द्वारा स्टार्ट-अप की संख्या में भारी वृद्धि देखी जा रही है। जम्मू और कश्मीर सरकार का कहना है कि पिछले दो वर्षों में केंद्र शासित प्रदेश में 400 से अधिक स्टार्ट-अप पंजीकृत किए गए हैं। ई-कॉमर्स, बागवानी, कृषि, खाद्य उद्योग और शिल्प कुछ ऐसे प्रमुख क्षेत्र हैं जिनमें ये स्टार्ट-अप शुरू किए गए हैं। कश्मीर क्षेत्र में सबसे सफल स्टार्ट-अप में से एक फास्टबीटल है। डोर-टू-डोर डिलीवरी स्टार्ट-अप घाटी के स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करने और उन्हें दुनिया से जोड़ने में सहायता देकर हजारों लोगों को प्रेरित कर रहा है।

स्टार्ट-अप फास्टबीटल सैकड़ों लोगों को दे रहा रोजगार

कश्मीर क्षेत्र में सबसे सफल स्टार्ट-अप में से एक फास्टबीटल है, जो घाटी के स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों की मदद करने और उन्हें वैश्विक दर्शकों से जोड़ने के मकसद से डोर-टू-डोर डिलीवरी स्टार्ट-अप है। फास्टबीटल की स्थापना 2019 में आबिद रशीद और सामी उल्लाह द्वारा की गई थी और तब से यह तेजी से बढ़ी है। कंपनी के पास लगभग 110 कर्मचारी काम कर रहे हैं जो कई अन्य लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा कर रहे हैं।

फास्टबीटल 55 देशों में कश्मीरी प्रोडक्ट डिलीवर कर रही

ऐप के जरिए फास्टबीटल पूरे जम्मू कश्मीर ही नहीं, देश-दुनिया में भी सामान की डिलीवरी करती है। कंपनी ने 1200 बिजनेस के साथ कामकाज किया है। फास्ट बीटल ने 10 लाख से ज्यादा ऑर्डर डिलीवर कर दिए हैं जबकि 55 देशों में कश्मीरी प्रोडक्ट डिलीवर का रही हैं। जम्मू-कश्मीर के कोने-कोने में फास्टबीटल फ्लिपकार्ट-जियोमार्ट जैसे ब्रांड के आर्डर डिलीवर किए गए हैं।

क्राफ्ट वर्ल्ड कश्मीर को अपने उत्पाद बाहर भेजने में हुई सुविधा

कश्मीर के उत्पादों का ऑनलाइन स्टोर क्राफ्ट वर्ल्ड कश्मीर के संचालक 33 वर्षीय बीनिश बाहिर ख़ान कहती हैं कि उनके कारोबार को फास्टबीटल से बहुत मदद मिली है। वो हमारे उत्पादों को पिक अप करते हैं और ग्राहक तक पहुंचा देते हैं, इससे हमें कारोबार बढ़ाने में मदद मिली है।

कश्मीर ऑरिजिन के कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं इरशाद

फास्टबीटल की कामयाबी ने क्षेत्र के अन्य उद्यमियों को भी प्रोत्साहित किया है। आरिफ़ इरशाद डार इनमें से एक हैं। 30 वर्षीय इरशाद कश्मीर ऑरिजिन नाम से एक ऑनलाइन ऑर्गेनिक स्टोर चलाते हैं जिसपर कश्मीर के किसानों और स्थानीय कलाकारों के उत्पाद बेचे जाते हैं। इरशाद डार कहते हैं कि वो भी अपने कारोबार को फास्टबीटल की तरह बढ़ाना चाहते हैं ताकि अधिक लोगों को रोज़गार दे सकें। उभरते हुए कारोबारी इरशाद डार कहते हैं कि शार्क टैंक इंडिया में फास्टबीटल को देखकर उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। इससे पता चलता है कि कश्मीर का स्टार्ट अप भी बड़ा कर सकता है।

नए स्टार्टअप निजी निवेशक की तलाश करेंः आबिद राशिद

फास्टबीटल के सह-संस्थापक आबिद राशिद ने कहा कि युवाओं को केवल सरकार पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए बल्कि निजी निवेशकों की भी तलाश करनी चाहिए। मुझे लगता है कि एक स्टार्ट-अप एक कंपनी का निर्माण कर रहा है और इसे 10 गुना गति से बढ़ने की जरूरत है। स्टार्ट-अप को पहले चार से पांच महीनों के भीतर वित्त की आवश्यकता होती है ताकि वह विकास कर सके। मुझे लगता है कि युवाओं को वित्त के लिए केवल सरकार पर निर्भर न रहकर निजी निवेशकों को भी तलाशना चाहिए। निजी धन प्राप्त करना आसान है और उन्हें दोनों पर भरोसा करना चाहिए ताकि वे तेजी से बढ़ सकें।

घर का बना खाना पहुंचाने का काम करती है स्टार्टअप टिफिन आव

2019 में कार्यालयों, कॉलेजों और अस्पतालों में घर का बना खाना पहुंचाने के मकसद से टिफिन आव नाम का एक और स्टार्टअप शुरू किया गया, जिसका अर्थ है ‘भोजन यहां है’। टिफिन आव द्वारा कोविड मरीजों, तीमारदारों और डॉक्टरों को घर का बना खाना मुफ्त भेजा गया। स्टार्ट-अप ने बाद में फंड भी जुटाया और अपने काम के लिए दुनिया भर के लोगों से भारी समर्थन प्राप्त किया। संस्थापक रईस अहमद का कहना है कि स्टार्ट-अप जम्मू-कश्मीर की प्रमुख बेरोजगारी समस्या से बड़े पैमाने पर निपटते हैं। टिफिन आव में उनके साथ एक दर्जन कर्मचारी काम करते हैं।

कश्मीर एंजेल स्टार्ट-अप को दे रहा कारोबारी माहौल

प्रदेश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर एंजेल नेटवर्क स्थापित किया गया है जिसके नेटवर्क में एक दर्जन से अधिक निवेशक हैं। ये निवेशक क्षेत्र में स्टार्ट-अप का वित्तपोषण कर रहे हैं। पहले ये स्टार्ट-अप दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों में निवेशकों तक पहुंच रहे थे लेकिन अब उनके पास स्थानीय स्तर पर विकल्प उपलब्ध हैं। कश्मीर एंजेल नेटवर्क इस क्षेत्र में अपनी तरह की पहली कंपनी है, इसे जुलाई 2021 में एक मंच को बढ़ावा देने के विचार के साथ शुरू किया गया। जहां विशेषज्ञ निवेशकों से मिलेंगे और निवेशक स्टार्ट-अप्स से मिलेंगे। मूल विचार एक कारोबारी माहौल और स्टार्ट-अप के लिए सक्षम माहौल देना है।

कश्मीर एंजेल भी स्टार्ट-अप को मुहैया करा रहा फंड

कश्मीर एंजेल ने 8 स्टार्ट-अप को फंड दिया है और 12 पाइपलाइन में हैं। कश्मीर एंजल नेटवर्क के चेयरमैन शब्बीर हांडू ने कहा कि हम मेंटरशिप और इन्क्यूबेशन सुविधाएं और वैल्यूएशन भी देते हैं। कश्मीर हम तब तक उनके साथ रहते हैं जब तक कि वे लाभ नहीं कमाते। आज ये स्टार्ट-अप न केवल स्थानीय शिल्प और उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं बल्कि क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।

बजट में मिशन यूथ के लिए 200 करोड़ आवंटित

जम्मू कश्मीर के साल 2023-24 के बजट में युवाओं को रोजगार के अवसर देने को स्वरोजगार की योजनाओं, कौशल विकास पर ध्यान दिया है। मिशन यूथ के तहत 200 करोड़ का प्रविधान किया है। सरकारी नौकरियां उपलब्ध करवाने के लिए फास्ट ट्रैक सिस्टम अपनाया गया है। सरकार ने 33426 पदों को भर्ती एजेंसियों को भेजा जिसमें जम्मू कश्मीर बैंक के 2436 पदों सहित 25450 पद भरे गए हैं। शेष पदों को इस साल भरे जाने की कोशिश की जा रही है। मिशन यूथ, ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, महिला उद्यमिता कार्यक्रम, मुमकिन, तेजस्वनी योजनाओं को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

2 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया

साल 2022-23 में 202749 युवाओं को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत कवर किया। मार्च तक 237000 युवाओं को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। तीन साल में जम्मू कश्मीर में पांच सौ स्टार्टअप सामने आए हैं। स्वरोजगार शुरू करने के लिए युवाओं को बैंकों और मिशन यूथ के तहत युवाओं को वित्तीय सहायता दी जाएगी। स्वरोजगार योजनाओं, स्टार्टअप, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम एवं महिला रोजगार कार्यक्रम के तहत 8100 युवाओं को रोजगार देने के लिए 3200 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

60 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप का कौशल विकास किया जाएगा

जम्मू व श्रीनगर में दो विशाल सहित जम्मू कश्मीर में 40 रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, शोपियां, बांडीपोरा और कुपवाड़ा में छह माडल जीविका केंद्र स्थापित किए जाएंगे। विदेश में रोजगार के इच्छुक युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम होंगे। 60 हजार सेल्फ हेल्प ग्रुप का कौशल विकास किया जाएगा। कौशल केंद्रों का निर्माण होगा। कौशल विकास योजना तैयार की जाएगी। यूनिसेफ के माध्यम से वंचित युवाओं के लिए स्कूलों, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पालीटेक्निक कालेजों में युवाओं का समावेशी कौशल मानचित्र किया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का रास्ता साफ

जम्मू कश्मीर सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) से 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद का रास्ता साफ कर दिया है। यह केंद्रशासित प्रदेश में कृषि तथा संबंद्ध क्षेत्रों के विकास के लिए प्रोजेक्ट (जेकेसीआईपी) के क्रियान्वयन के लिए होगा। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने आर्थिक मामलों के विभाग को वित्तपोषण के लिए भेजने को हरी झंडी दे दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बताया कि यह प्रोजेक्ट ग्रामीणों की आय बढ़ाने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट के चार मुख्य घटक हैं जिसमें निर्यात पर फोकस वैल्यू चेन सपोर्ट, इन्क्यूबेशन व स्टार्टअप सपोर्ट, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट शामिल हैं।

कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा

यह प्रोजेक्ट सात साल में 2023-2030 तक प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगा। प्रोजेक्ट के कई सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। कृषि तथा संबद्ध क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। जीआई टैगिंग को बढ़ावा मिलेगा। बताया कि इससे जनजातीय समुदायों को लाभ होने के साथ ही पहाड़ी इलाकों में भी फायदा होगा। बताया कि कृषि उत्पादन विभाग डा. मंगला राय के नेतृत्व वाली एपेक्स कमेटी के साथ मिलकर तैयार निर्यात संवर्धन योजना पर एक से तीन मार्च तक स्कास्ट जम्मू में विचार करेगी। इसके बाद यह आईएफएडी प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी।

300 नए कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जाएगा

इस परियोजना में 300 नए कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने, 60 सब्जी, 117 सुगंधित-लाल चावल, गुच्ची, कश्मीरी मिर्च, केसर और औषधीय पौधों के उत्पादन समूहों की स्थापना के अलावा कृषि के व्यावसायीकरण और स्थिरता का समर्थन शामिल हैं। 20 सब्जी बीज, 20 आलू बीज और 40 तेल और दलहन बीज क्लस्टर भी हैं। इस परियोजना का लक्ष्य 3 एक्सपोर्ट हब और 2 बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के अलावा विशिष्ट कृषि उत्पादों के लिए 24 सैटेलाइट केंद्रों, फल और अखरोट की फसलों के लिए 4 मिनी-उत्कृष्टता केंद्रों के साथ 6 मिनी-सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य सीमांत और जनजातीय समुदायों के लिए 60,000 एकीकृत कृषि मॉडल और 200 बागवानी नर्सरी की स्थापना करना है।

जम्मू-कश्मीर में शिक्षा डिजिटल पथ पर सवार होगी

जम्मू-कश्मीर में शिक्षा डिजिटल पथ पर सवार होगी। केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के जारी जम्मू-कश्मीर में बजट में शिक्षा क्षेत्र में महत्व दिया है। सरकार ने 1521.87 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष 93.61 करोड़ रुपये अधिक है। बजट में डिजिटल शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए चार बड़े प्रोजेक्ट डिजिटल शिक्षा से जुड़े है। इसमें 40 रोबोटिक प्रयोगशालाएं हर जिले में दो, 188 वर्चुअल रियलिटी लैब हर जोन में एक, 500 स्कूलों को आईसीटी लैब, 1000 स्मार्ट क्लासरूम और हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी शामिल हैं।

दो हजार किंडरगार्टन स्थापित करने का प्रस्ताव

गुणवत्तापूर्ण प्री-प्राइमरी शिक्षा देने के लिए वित्तीय वर्ष में दो हजार किंडरगार्टन स्थापित करने का प्रस्ताव है। आदिवासी और कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए दस आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। उच्च और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पांच सौ अतिरिक्त कक्षाएं बनाई जाएगी, जिससे 20 हजार छात्रों को लाभ मिलेगा।

100 उच्च विद्यालयों में खेल सुविधाएं होंगी

100 उच्च विद्यालयों में खिलाड़ियों के लिए चेंज रूम के साथ खेल सुविधाएं उपलब्ध करवाने का भी दावा है। सकल नामांकन बढ़ाने के लिए आओ स्कूल चले अभियान के तहत सघन नामांकन अभियान चलाया जाएगा। विद्यार्थियों को स्वस्थ रखने के लिए योग प्रशिक्षण दिया जाएगा।

32 कॉलेजों को एनएएसी मान्यता

उच्च शिक्षा में आठ कॉलेज भवन और चार छात्रावास भवनों के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा। 32 कॉलेजों की एनएएसी मान्यता के लिए सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। विभाग में समर्थ पूरी तरह शुरू किया जाएगा।

जम्मू और श्रीनगर में दो बड़े रोजगार मेले

युवाओं को रोजगार देने के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। जम्मू और श्रीनगर में दो बड़े रोजगार मेला के साथ 40 रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे। वित्त वर्ष में जम्मू, श्रीनगर, अनंतनाग, शोपियां, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में छह मॉडल करिअर केंद्र स्थापित किए जाएंगे। स्वरोजगार, स्पीड कैपिटल फंड, यूथ स्टार्टअप ऋण अल्पसंख्यक विकास, वित्त निगम एवं महिला रोजगार कार्यक्रम के अंतर्गत 81000 रोजागार का लक्ष्य तय करने के लिए 3200 इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों में बायोमीट्रिक प्रणाली से लगेगी हाजिरी

प्रदेश में अब आंगनबाड़ी केंद्रों में बायोमीट्रिक हाजिरी प्रणाली स्थापित की जा रही है। इससे कामकाज में पारदर्शिता आएगी। इस बार सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र के लिए साल 2023-24 में पूंजीगत व्यय के तहत 98.92 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे। एक लाख 24 हजार छात्रों को छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएगी। शिशु देखभाल संस्थानों को आधुनिक पैटर्न पर विकसित किया जाएगा। 19 बाल आश्रमों और 12 नारी निकेतनों में 1700 लोगों रखा जाएगा।

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