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राहुल के करीबी रहे ममता के प्रवक्ता ने फिर फैलाई फेक न्यूज, लोग लगा रहे हैं फटकार

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने एक बार फिर झूठी खबर फैलाने की कोशिश की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी रहे साकेत गोखले ने इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर झूठी खबर फैलाई है। गुजरात चुनाव के दौरान साकेत गोखले ने ट्विटर पर लिखा कि एक आरटीआई से पता चला है कि प्रधानमंत्री मोदी के कुछ घंटों के मोरबी दौरे पर 30 करोड़ रुपये खर्च हुए। साकेत ने आगे लिखा है कि इसमें से 5.5 करोड़ रुपये खासतौर पर वेलकम, इवेंट मैनेजमेंट और फोटोग्राफी के लिए थे।

सोशल मीडिया पर झूठी खबर फैलाने के लिए कुख्यात साकेत गोखले के यह ट्वीट करते ही लोगों ने उन्हें दौड़ा दिया। असल में यह खबर पूरी तरह से झूठी है। इस बारे में ना तो कोई आरटीआई दाखिल की गई है ना इस तरह की कोई खबर प्रकाशित हुई है। चुनाव के समय इस तरह की झूठी खबर फैलाकर साकेत सिर्फ सनसनी फैलाने की कोशिश कर रहे थे। इस पर लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें तगड़ी फटकार लगाई।

ये पहली बार नहीं है। साकेत गोखले इसके पहले भी कई बार फेक न्यूज फैलाने की कोशिश कर चुके हैं। इसके लिए उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट से फटकार भी लग चुकी है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई राहुल के करीबी साकेत गोखले को फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल जुलाई 2021 में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के करीबी पक्षकार साकेत गोखले को कड़ी फटकार लगाई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने गोखले को संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ सभी ट्वीट 24 घंटे में डिलीट करने का आदेश देते हुए कहा था कि साकेत गोखले न सिर्फ इस मामले के सारे ट्वीट डिलीट करें बल्कि लक्ष्मी पुरी के खिलाफ कोई नया ट्वीट भी नही करेंगे। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अगर ये ट्वीट डिलीट नहीं किए जाते हैं तो ट्विटर इन ट्वीट्स को डिलीट करें। साकेत गोखले ने लक्ष्मी पुरी की संपत्ति को लेकर ट्वीट किया था। लक्ष्मी पुरी पूर्व भारतीय विदेश सेवा अधिकारी और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी हैं। गोखले ने जून 2021 में ट्वीट करके लक्ष्मी पुरी के स्विट्जरलैंड में संपत्ति खरीदने का हवाला दिया था। उन्होंने लक्ष्मी पुरी के साथ हरदीप सिंह पुरी का भी संदर्भ दिया था। इसके बाद लक्ष्मी पुरी ने मानहानि की याचिका दाखिल की थी, जिसमें गोखले के ट्वीट को डिलीट करने और 5 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने साकेत गोखले के ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वह लोगों को बदनाम कैसे कर सकते हैं, खासकर जब उनके द्वारा किए गए ट्वीट प्रथम दृष्टया गलत थे?

विधानसभा चुनाव की तारीखों को लेकर फैलायी थी झूठी खबर
चुनाव आयोग ने 26 फरवरी, 2021 को पश्चिम बंगाल सहित चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। लेकिन राहुल गांधी के करीबी और वकील साकेत गोखले ने चुनाव की तारीखों के ऐलान को लेकर टाइम्स ऑप इंडिया की एक खबर का हवाला देते हुए उन्होंने ट्वीट कर चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिया था।

साकेत गोखले और कांग्रेस के अन्य नेताओं द्वारा किए गए ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। लोगों ने कांग्रेस और उसके इकोसिस्टम को देश की जनता को गुमराह करने के लिए आड़े-हाथों लिया है। लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के एक अनुमान को कांग्रेस और उसके समर्थकों ने साजिश के तहत तोड़-मरोड़कर पेश किया।

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम में 22 फरवरी को एक रैली में कहा था कि पिछली बार (2016 में) असम विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा चार मार्च को हुई थी, इस बार भी मार्च के पहले हफ्ते में तारीखों का ऐलान किए जाने का अनुमान है। हालांकि यह चुनाव आयोग का काम है। लेकिन कांग्रेस के नेता और उसके समर्थक प्रधानमंत्री मोदी के अनुमान को तोड़-मरोड़कर पेश किया औऱ प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की।

साकेत गोखले ने इससे पहले राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में भी अडंगा लगाने और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की थी। अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन पर रोक लगाने के लिए साकेत गोखले ने पीआईएल याचिका दायर की थी। साकेत ने कोरोना संकट काल में जारी अनलॉक 2.0 के दिशानिर्देशों के तहत भूमिपूजन पर रोक लगाने की मांग की थी।

साकेत सोशल मीडिया पर मोदी सरकार के खिलाफ फेक न्यूज फैलाते रहते हैं। फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार साकेत बीजेपी के खिलाफ और कांग्रेस के पक्ष में अभियान चलाकर 22 लाख रुपये जुटाए थे।

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