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कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल की 24 घंटे में पार्टी से बाहर करने की चेतावनी की पोल 24 घंटे से पहले ही खुली, पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने ट्वीट कर वेणुगोपाल पर कसा तंज

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राजस्थान कांग्रेस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वर्सेज सचिन पायलट का सियासी संग्राम संक्रामक रोग बनकर अन्य नेताओं को भी अपनी चपेट में लेने लगा है। हालात इतने बदतर हो रहे हैं कि राजस्थान कांग्रेस के नेताओं पर एआईसीसी संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल की चेतावनी बेअसर है। कांग्रेस नेताओं को बयानबाजी करने पर पदों से 24 घंटे के अंदर ही हटाने की संगठन महासचिव की चेतावनी के 24 घंटे के भीतर ही पार्टी में रिएक्शन शुरू हो गया है। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल की चेतावनी और फटकार पर इशारों में निशाना साधा है। राहुल गांधी की यात्रा के राजस्थान आने से पहले ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश चौधरी की ट्वीटर के माध्यम से की गई इस बयानबाजी से कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है।चौधरी ने चे ग्वेरा के शब्दों से साधा निशाना- मैंने कब्रिस्तान में उन लोगों की भी कब्रें देखी हैं…
पंजाब कांग्रेस प्रभारी एवं बायतु विधायक हरीश चौधरी मशहूर क्रांतिकारी चे ग्वेरा के क्वोट को बुधवार शाम 7 बजे ट्वीट करते हुए तंज कसा है। हरीश चौधरी ने मशहूर क्रांतिकारी चे ग्वेरा के क्वोट को ट्वीट करते हुए लिखा- मैंने कब्रिस्तान में उन लोगों की भी कब्रें देखी हैं, जिन्होंने इसलिए संघर्ष नहीं किया कि कहीं वे मारे नहीं जाएं। दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा की कमेटी की मंगलवार को हुई बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बयानबाजी करने वाले नेताओं पर नाराजगी जताई थी। वेणुगोपाल ने बयानबाजी करने वाले नेताओं को सख्त लहजे में चेतावनी दी थी कि अगर अब किसी ने अपने ही नेताओं के खिलाफ मीडिया में बयान दिए तो उस नेता को 24 घंटे में पद से हटा दिया जाएगा।

वेणुगोपाल पर ट्वीट में तंज के साथ ही बाड़मेर में बयानबाजी से दिया जवाब भी
इस बैठक में हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल की सलाह पर सवाल किया था कि जिस पार्टी नेता को कुछ मन की बात कहनी होगी तो वह कैसे कहेगा? इस पर वेणुगोपाल ने हरीश चौधरी को फटकारने वाले लहजे में कहा था कि जब आप जैसे जिम्मेदार नेता ही इस तरह करेंगे तो कैसे चलेगा। हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल की सलाह के अगले ही दिन बुधवार को बाड़मेर में एक कार्यक्रम के दौरान ओबीसी मुद्दे पर भी बयानबाजी करके जवाब दे दिया है। हरीश चौधरी ने कहा- ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर वन मंत्री हेमाराम चौधरी इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर उन्होंने इरादा बदल दिया। उन्होंने कहा कि पिछली कैबिनेट मीटिंग में ओबीसी आरक्षण मुद्दे को डेफर करने के बाद कैबिनेट के मंत्रियों से मुलाकात की थी। मंत्री हेमाराम चौधरी इसी मुद्दे को लेकर मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले थे, लेकिन मेरे रिक्वेस्ट करने पर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया।ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर हेमाराम चौधरी की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले थे
हरीश चौधरी ने कहा- हम लोगों के संरक्षक मंत्री हेमाराम चौधरी ने मुझसे कहा कि हरीश ओबीसी मुद्दे पर आपका फैसला हो सकता है, मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूं। तब मैंने कहा कि यह गलती नहीं करनी है। मैंने रोका कि आपको इस्तीफा नहीं देना है। आपके इस्तीफे से हम लोगों को मदद नहीं मिलेगी। जहां पर यह निर्णय होना है, वहां पर हमारी आवाज कम हो जाएगी। जो कलम पर हाथ इस्तीफे के थे उसको रोकने का अगर कोई गुनहगार था तो वह हरीश चौधरी है। मंत्री हेमाराम चौधरी की जरूरत कैबिनेट मीटिंग में है। इससे पहले कैबिनेट मीटिंग में डेफर होने की एक वजह यह भी है कि मजबूत पैरवी करने वाला कोई नहीं था। काबिलेगौर है कि हेमाराम चौधरी को पायलट गुट से मंत्री बनाया गया था।चौधरी ने गहलोत को ट्वीट कर सवाल खड़े किए तो मंत्री खाचरिवास किया पलटवार
हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण की विसंगति दूर करने को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। पिछले सप्ताह ही कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण की विसंगति दूर करने के फैसले को मंजूरी दी थी। इससे पहले जब पिछली कैबिनेट में इसका एजेंडा डेफर कर दिया था तो हरीश चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए तल्खी वाले बयान दिए थे। हरीश चौधरी ने सीएम अशोक गहलोत को ट्वीट कर कई सवाल खड़े किए थे। इस मुद्दे पर मंत्री प्रतापसिंह खाचरिवास ने भी चौधरी के बयान पर पलटवार किया था। बाद में खाचरियावास ने सफाई दी थी। इस मुद्दे पर खूब विवाद हुआ। ओबीसी आरक्षण की विसंगति वाला प्रावधान बदलने के कैबिनेट के फैसले के बाद हरीश चौधरी पहली बार बाड़मेर दौरे पर थे, जहां कई जगहों पर उनके स्वागत कार्यक्रम रखे गए। इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।चेतावनी के 24 घंटे बीतने से पहले ही बयानबाजी और आरोपों का सिलसिला शुरू
पंजाब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने शक्ति प्रदर्शन और वेणुगोपाल पर तंज वाले ट्वीट पर जब विवाद बढ़ता देखा तो चौधरी ने उस ट्वीट को हटा दिया। हालांकि उनके हटाने से पहले ही यह ट्वीट सुर्खियों में आ गया और इसकी रिपोर्ट हाईकमान को कर दी गई है। काबिले गौर है कि कांग्रेस नेता वेणुगोपाल भूल रहे हैं कि उन्होंने ही 27 सितंबर को भी बयानबाजी न करने की लिखित एडवाइजरी जारी की थी। नेताओं की बयानबाजी पर लिखित में रोक लगाने का कितना बुरा नतीजा सामने आया, ये सब जानते हैं। अब उनकी मौखिक चेतावनी का हश्र भी बुरा ही हुआ है। वेणुगोपाल की चेतावनी के 24 घंटे बीतने से पहले ही बयानबाजी और आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है।राहुल गांधी की यात्रा के लिए गहलोत और पायलट के बीच दिखावे का ही सीजफायर
इससे पहले केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच चल रही खींचतान पर राहुल गांधी की यात्रा को देखते हुए दिखावे-का सियासी सीजफायर कराया था। खुद  वेणुगोपाल को उम्मीद नहीं है कि उनकी मौखिक चेतावनी असरदार होगी। इसलिए उन्हें बयानबाजी न करने के निर्देश के साथ यह भी जोड़ना पड़ा कि अगर अब किसी मंत्री और नेता की तरफ से गाइडलाइन का उल्लंघन कर बयानबाजी की गई तो उसे 24 घंटे में पद से हटा दिया जाएगा। इसके साथ-साथ उनको यह भी कहना पड़ा कि मेरी पिछली लिखित गाइडलाइन के बावजूद पिछले दिनों कई मंत्रियों और नेताओं ने जिस तरह के बयान दिए हैं, जिससे उनके साथ ही पार्टी का गलत मैसेज जनता के बीच जा रहा है। चौधरी ने कहा था कि राहुल की यात्रा के बाद बोलूंगा, लेकिन रुक नहीं पाए 
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की बैठक में दी गई चेतावनी पर बैठक में ही सवाल उठ गए थे। बैठक में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने वेणुगोपाल के बयानबाजी बंद करने की कहने पर काउंटर सवाल कर डाला। हरीश चौधरी ने कहा कि यदि बयानबाजी नहीं होगी तो किसी नेता के मन में कोई भावना है तो वह प्रकट कैसे करेगा? सीधे सवाल पर वेणुगोपाल उखड़ गए और उन्होंने चौधरी से कहा कि आपके मन में कुछ है तो अभी बोलें। पंजाब प्रदेश प्रभारी चौधरी ने भी तुर्की-ब-तुर्की बोल दिया कि मेरे मन में बोलने को बहुत कुछ है। लेकिन मैं जो कुछ भी कहूंगा, वह राहुल गांधी की यात्रा के राजस्थान से चले जाने के बाद ही कहूंगा। हालांकि वेणुगोपाल का सबके सामना फटकारना चौधरी को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने 24 घंटे बीतने से पहले ही अपने मन की भड़ास निकाल ली।

 

 

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