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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूट को कांग्रेस की चन्री सरकार ने कराया लीक, पीएम मोदी को रोककर हत्या की साजिश का भंडाफोड़

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पंजाब में भटिंडा से फिरोजपुर के रास्ते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश का भंडाफोड़ हो गया है। पीएम मोदी के रूट की जानकारी पंजाब सरकार और पुलिस को थी। पीएम के रूट को इन दोनों ही स्तर पर लीक किया गया। पंजाब के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर की चिठ्ठी से सीएम चन्नी के कल के दावों की पोल खुल गई है। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी (फूल) के राज्य महासचिव बल्देव सिंह जीरा ने कहा कि फिरोजपुर एसएसपी ने हमें सूचित किया था कि इस रोड पर पीएम मोदी आ रहे हैं। उधर, पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। कोर्ट शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करेगा।

एडीजीपी की चिठ्ठी से चरणजीत चन्नी के दावों की खुली पोल
पंजाब के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर की चिठ्ठी से सीएम चन्नी के दावों की पोल खुल गई है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि उनके पास पीएम मोदी के सड़क के रास्ते फिरोजपुर जाने की कोई जानकारी नहीं थी। एडीजीपी की चिठ्ठी से पंजाब सरकार के दावों की पोल खुल गई है और पता चला है कि राज्य सरकार को सरकार को किसानों के प्रदर्शन की पहले से जानकारी थी। एडीजीपी ने पंजाब पुलिस को लिखे पत्र में ये भी कहा गया था कि 5 तारीख को बारिश के अनुमान के साथ किसानों का धरना है, इसलिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाने चाहिए। हमें तो पुलिस से पीएम के रूट का पता चला : BKU क्रांतिकारी
फिरोजपुर पुलिस से प्रदर्शनकारियों को पता चला कि पीएम का रूट। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमें फिरोजपुर पुलिस से पीएम के रूट की जानकारी मिली। इसके बाद हमने बगल के गांव में स्पीकर से मुनादी करवाकर लोगों को जुटाया और रोड जाम कर दी। भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी (फूल) के राज्य महासचिव बल्देव सिंह जीरा ने कहा कि फिरोजपुर एसएसपी ने हमें सूचित किया था कि इस रोड पर पीएम मोदी आ रहे हैं, लेकिन हमें लगा कि वह हमें तितर-बितर कराने के लिए ऐसा कह रहे हैं। हम वहां बीजेपी की गाड़ियां रोक रहे थे। ताकि बीजेपी के लोग रैली में न पहुंच सकें।

पीएम के रूट को साजिशन लीक किया गया
बीजेपी ने भी कहा पीएम मोदी के रूट को साजिशन लीक किया गया है। उन्होंने आशंका जतायी कि पुलिस से ही प्रदर्शनकारियों को पता चला हो। हाल के वर्षों में पीएम की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक नहीं देखी गई। बीजेपी भी लगातार आरोप लगा रही है कि पीएम मोदी का रूट जानबूझकर लीक किया गया। TimesNow ने भी पीएम के रूट को लीक करने की आशंका जताई थी।

मिलीभगत उजागर : प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पीते दिखे पुलिसकर्मी
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पंजाब के पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पीते दिख रहे हैं। भीड़ को हटाकर रास्ता खाली कराने के बजाए प्रदर्शनकारियों के साथ दिख रहे इन पुलिसकर्मियों पर सुरक्षा से जुड़े जानकारों ने सवाल उठाए हैं। इनका मानना है कि इतनी भीड़ के बीच पीएम के काफिले का फंसना पंजाब पुलिस की सुनियोजित साजिश को दिखाता है। ऐसे में कोई भी शरारती तत्व पीएम मोदी की गाड़ी को निशाना बना सकता था।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने वीडियो ट्वीट करते लिखा, पंजाब के मुख्यमंत्री 10 हजार सुरक्षाकर्मी लगाने की बात कर रहे थे, क्या यही हैं 10 हजार सुरक्षाकर्मी ? मुख्यमंत्री ने झूठी स्क्रिप्ट तैयार करने के बजाए सुरक्षा व्यवस्था करने पर ध्यान दिया होता तो पीएम की सुरक्षा में इतनी बड़ी सेंध नहीं होती।

केंद्र ने आंतरिक मेमो में तीन बार चन्नी सरकार को आगाह किया
ऐसा भी नहीं है कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को इसकी जरा भी भनक नहीं थी कि पंजाब में पीएम मोदी की रैली के दौरान कोई शरारत हो सकती है। वरिष्ठ पत्रकार रोहन दुआ ने ट्वीट किया है कि इसे ही देखते हुए पंजाब सरकार को ताकीद की गई थी कि यातायात डायवर्जन योजना पहले से बनाएं। धरनाट रोड ब्लॉक आदि हो सकते हैं।  केंद्र ने सीएम चन्नी सरकार को आंतरिक मेमो में तीन बार 1,2 और 4 जनवरी को तीन बार इस बारे में बताया था।

केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने आरोप लगाया कि पीएम का रुट जान बूझकर लीक किया गया। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि आखिर पंजाब सरकार में वह कौन है, जो प्रदर्शनकारियों को पीएम के रूट की जानकारी दे रहा था।

पंजाब के मुख्य सचिव और डीजीपी को तत्काल निलंबित किया जाए
दूसरी ओर, भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को उठाने वाले वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह को पंजाब सरकार के वकील को ‘लॉयर्स वायस’ द्वारा दायर याचिका की प्रति देने के लिए कहा और याचिका को शुक्रवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया। सिंह ने भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति से बचने के लिए पूरे प्रकरण की ‘कुशल और पेशेवर’ जांच की मांग की। उन्होंने शीर्ष अदालत से जिला न्यायाधीश(बठिंडा) को सुरक्षा उल्लंघन से संबंधित पूरे रिकॉर्ड को अपने कब्जे में लेने का निर्देश देने को कहा।

भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित किए जाने की जरूरत
आज कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मामला रखा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बंदोबस्त में गंभीर चूक हुई है। इस पर चीफ जस्टिस ने उनसे पूछा कि वह कोर्ट से क्या चाहते हैं। मनिंदर सिंह ने जवाब दिया कि मामले से जुड़े सभी रिकॉर्ड बठिंडा के जिला जज के पास सुरक्षित रखने का निर्देश दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट इसकी जानकारी ले और पंजाब सरकार को निर्देश दे कि इस गंभीर चूक के दोषियों पर तत्काल कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने उनसे याचिका की कॉपी पंजाब सरकार को सौंपने को कहा है।खुद को घिरते देख पंजाब सरकार ने बनाई उच्च स्तरीय जांच कमेटी
दूसरी ओर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध और हत्या की साजिश में घिरते देखकर अब पंजाब सरकार ने उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल और प्रमुख सचिव (गृह मामले एवं न्याय) अनुराग वर्मा शामिल होंगे। प्रवक्ता ने कहा कि समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।

 

 

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