कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनके दरबारी नेताओं को अगर झूठ की मशीन कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। राजनीतिक फायदे के लिए राहुल गांधी और उनका इको सिस्टम कई बार झूठ बोल चुका है। झूठ बोलने को लेकर राहुल सुप्रीम कोर्ट से माफी भी मांग चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी ये लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। इस बार मामला रीवा शहर और नर्मदा नदी को लेकर है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 जुलाई को मध्य प्रदेश के रीवा में मेगा सोलर पावर प्लांट का लोकार्पण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है। अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है।
आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है।
रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है।
अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है: PM @narendramodi dedicating Rewa Ultra Mega Solar Power project to the Nation— PMO India (@PMOIndia) July 10, 2020
राहुल गांधी और कांग्रेस का झूठ देखिए
इसके बाद राहुल गांधी ने अपने समर्थकों के जरिए एक झूठ फैलाया कि नर्मदा नदी से रीवा का कोई संबंध नहीं है। नर्मदा नदी रीवा से 388 किलोमीटर दूर है। फिर क्या था, दिग्विजय सिंह समेत उनके सभी दरबारी नेता और यहां तक कि कांग्रेस का हैंडल भी दुष्प्रचार में जुट गया।
नर्मदा नदी के नाम पर पड़ा रीवा शहर का नाम, देखिए सबूत
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के युवराज राहुल के बारे में तो दुनिया जानती है कि उन्हें देश-दुनिया के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और अक्सर अपनी अज्ञानता प्रकट करते रहते हैं, लेकिन 10 साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने भी इस बारे में झूठ बोलकर लोगों को बरगलाने की कोशिश की। दिग्विजय सिंह के शासन काल में ही 1997 में रीवा गजेटियर का पुनर्प्रकाशन हुआ था। गजेटियर में साफ लिखा है कि नर्मदा यानी रेवा नदी के नाम पर इस शहर का नाम रीवा पड़ा है।
1907 में प्रकाशित हुआ था रीवा शहर का गजेटियर
हिंदी गजट रीवा शहर के नाम से और अंग्रेजी गजेटियर रीवा स्टेट के नाम से पहली बार 1907 में प्रकाशित हुआ था। इन दोनों पुस्तकों ने यह माना है कि रीवा का नाम नर्मदा नदी यानी रेवा के नाम पर पड़ा है और इन दोनों का प्रकाशन कांग्रेस काल में हुआ था।
रीवा राज्य दर्पण में भी दिखता है सबूत
इतना ही नहीं 1919 में प्रकाशित रीवा राज्य दर्पण में भी साफ-साफ कहा गया है कि रीवा शहर का नाम रेवा नदी के नाम पर पड़ा जो कि नर्मदा नदी का पौराणिक नाम है। रीवा विन्ध्य प्रदेश की राजधानी थी और संभागीय मुख्यालय होने के कारण इस क्षेत्र को एक प्रमुख नगर के रूप मे जाना जाता रहा है।
साफ है राहुल गांधी एक बार फिर झूठ बोलते पकड़े गए हैं। यही नहीं बिना इसकी सत्यकता की जांच किए कांग्रेस पार्टी भी झूठ फैलाने में जुट गई। सवाल ये है कि क्या इस झूठ के पर्दाफाश होने के बाद भी राहुल गांधी को होश आएगा और कांग्रेस पार्टी इस प्रकार की हरकतों को करने से बाज आएगी।