गांधी परिवार और कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ कोई कुछ नहीं बोल सकता है। मंगलवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में ऐसा ही देखने को मिला। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के नेता आरपीएन सिंह ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की निंदा करने से मना करने पर राहुल गांधी नाराज हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा कि जैसे ही हम मोदी को टारगेट करते (निशाना बनाते) हैं वैसे ही चीजें डायवर्ट हो जाती हैं। यानी मुद्दा भटक जाता है। इसलिए मोदी की बजाय उनकी नीतियों को टारगेट करना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक आरपीएन सिंह की यह बात राहुल गांधी को पसंद नहीं आई। बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि मैं आरपीएन की टिप्पणी पर बात करना चाहता हूं। हमें मोदी को निशाना बनाना चाहिए या उनकी नीतियों को इसके बारे में जो भी सीडब्ल्यूसी तय करेगी मैं उसका पालन करूंगा, क्योंकि मैं कांग्रेस पार्टी का सेवक हूं।
सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के आक्रमक रुख के बाद अहमद पटेल समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने राहुल की बात में सुर मिलाते हुए कहना शुरू किया कि नरेंद्र मोदी को ही निशाना बनाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक माहौल को भांपते हुए सुझाव देने वाले नेता ने कहा कि उनके कहने कह मतलब कुछ और था।
‘राहुल ही पीएम मोदी से अकेले लड़ते दिखाई देते हैं’
सूत्रों के अनुसार ये बात तब ज्यादा गंभीर हो गयी जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने टिप्पणी कर दी कि पार्टी में केवल राहुल ही पीएम मोदी से अकेले लड़ते दिखाई देते हैं और आज इस बात पर निर्णय होना ही चाहिए कि हमें पीएम मोदी पर कटाक्ष करना है या केवल सरकार की नीतियों पर।
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने पीएम मोदी की आलोचना करने का कोई मंच छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसे लेकर राहुल गांधी हमेशा से मुखर रहते हैं, जिसके लिए उन्हें कई मुकदमे तक झेलने पड़े हैं।
संजय झा को पार्टी प्रवक्ता पद से हटाया
गौरतलब है कि कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करने वाले संजय झा को पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया है। झा ने पिछले दिनों एक लेख के माध्यम से पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव है।