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आज का निर्णय सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज ही नहीं, बल्कि आशा की एक बड़ी किरण- आर्टिकल 370 पर प्रधानमंत्री मोदी

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सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज 11 दिसंबर को अपना फैसला सुनाते हुए साफ कहा कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रावधान था और इसे निरस्त करना संवैधानिक रूप से पूरी तरह से वैध है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर ट्वीट किया है। #NayaJammuKashmir हैशटैग के साथ अपने ट्वीट संदेश में उन्होंने लिखा, ‘आर्टिकल 370 हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आज का निर्णय ऐतिहासिक है, जो 5 अगस्त, 2019 को संसद में लिए गए फैसले पर संवैधानिक मुहर लगाता है। इसमें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों के लिए उम्मीद, उन्नति और एकता का एक सशक्त संदेश है। माननीय कोर्ट के इस फैसले ने हमारी राष्ट्रीय एकता के मूल भाव को और मजबूत किया है, जो हर भारतवासी के लिए सर्वोपरि है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट संदेश में लिखा, ‘मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के अपने परिवारजनों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हम हर तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं कि विकास का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। आर्टिकल 370 का दंश झेलने वाला कोई भी व्यक्ति इससे वंचित ना रहे।’

प्रधानमंत्री ने आगे यह भी लिखा, ‘आज का निर्णय सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज ही नहीं है, बल्कि यह आशा की एक बड़ी किरण भी है। इसमें उज्ज्वल भविष्य का वादा है, साथ ही एक सशक्त और एकजुट भारत के निर्माण का हमारा सामूहिक संकल्प भी है।‘ 

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आर्टिकल 370 एक अस्थायी प्रावधान है। जम्मू-कश्मीर के पास देश के अन्य राज्यों से अलग आंतरिक संप्रभुता नहीं है। 370 को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है। जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तब राज्यों में संघ की शक्तियों पर सीमाएं होती हैं। राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिया गया हर निर्णय कानूनी चुनौती के अधीन नहीं हो सकता। इससे अराजकता फैल सकती है।

उच्चतम न्यायालय ने साफ कहा कि आर्टिकल 370 हटाना संवैधानिक रूप से वैध है। कोर्ट ने कहा कि आर्टिकल-370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में नई व्यवस्था से राज्य को बाकी देश के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब राजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर दस्तखत किए, तब ही जम्म-कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गई। जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर के संविधान से ऊंचा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम संविधान के आर्टिकल 370 को निरस्त करने के लिए संवैधानिक आदेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति के इस्तेमाल को वैध मानते हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया।

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