कोरोना महामारी के संकट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 130 करोड़ भारतीयों को हरसंभव मदद पहुंचा रही है। संकट के इस दौर में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत अब तक आठ करोड़ लाभार्थियों को अप्रैल से मई के बीच 6.8 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए गए हैं।
कोविड-19 से प्रभावित गरीब परिवारों को राहत के लिए सरकार ने मार्च में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत उज्ज्वला लाभार्थियों को अप्रैल से जून तक 14.2 किलोग्राम का एलपीजी सिलेंडर मुफ्त देने की घोषणा की थी। यानी इस योजना के तहत आठ करोड़ लाभार्थियों को 24 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाने है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार अप्रैल में पेट्रोलियम डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों ने योजना के लाभार्थियों को 4.53 करोड़ रसोई गैस सिलेंडर बांटे गए। 20 मई, 2020 तक इन लाभार्थियों को कुल 6.79 करोड़ सिलेंडर दिए जा चुके थे। अगर गैस सिलेंडर देने की यही रफ्तार कायम रहती है तो अप्रैल से जून तक 14 करोड़ से अधिक सिलेंडर नहीं दिए जा सकेंगे, जो 24 करोड़ के लक्ष्य से काफी कम है। सरकार ने इस योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है।
मंत्रालय के अनुसार सिलेंडर भरवाने का पैसा लाभार्थियों के खातों में डाला जा रहा है। लाभार्थियों को डीबीटी के जरिए गैस सिलेंडर का पैसा एडवांस में दिया जा रहा है। लोगों को समय पर सिलेंडर की आपूर्ति करने के साथ ही उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य से जुड़े दिशानिर्देशों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।
इसके अलावा कोरोना सकंट में मोदी सरकार समाज के सभी तबके के लोगों को मदद करने की हरसंभव कोशिश कर रही है।
33.25 करोड़ लोगों के खातों में पहुंचे करीब 31,072 करोड़ रुपए
130 करोड़ देशवासियों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कड़े फैसले के साथ-साथ लोगों के हितों का भी भरपूर ख्याल रखने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना संकट के समय डायरेक्ट ट्रांसफर बेनिफिट स्कीम के जरिए अलग-अलग योजनाओं के करीब 31,072 करोड़ रुपए, 33.25 करोड़ लोगों के खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण यानि डीबीटी के माध्यम से पूरी पारदर्शिता के साथ बिना बिचौलियों के सीधे लाभार्थियों के खातों में सहायता राशि पहुंच रही है। भारत सरकार के 13 अप्रैल 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक निम्न योजनाओ के तहत अब तक लोगों को मदद पहुंचाई गई है।
19.96 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को 9,980 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
2.82 करोड़ वृद्ध विधवा, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के खातों में 1,405 करोड़ ट्रांसफर किए गए।
पीएम-किसान के तहत पहली किस्त के तहत 8.31 करोड़ किसानों के खातों में 16, 621 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
2.16 करोड़ निर्माण श्रमिकों के खातों में 3,066 करोड़ हस्तारंण किए गए।
मनरेगा योजना के लिए 73,00 करोड़ रुपए जारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोरोना संकट से निपटने के लिए एक तरफ हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इससे प्रभावित लोगों के हितों का भी भरपूर ख्याल रख रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से खासतौर से ग्रामीण इलाकों में लोग बेरोजगार हुए हैं। इस मुश्किल समय में मोदी सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानि मनरेगा के तहत राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 7,300 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इससे न केवल वर्ष 2019-20 की बकाया मजदूरी बल्कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल के पहले पखवाड़े के लिए मजदूरी का भुगतान भी किया जा सकेगा।
Centre has released 7,300 crore rupees to the States and Union Territories under Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme (MGNREGS) to liquidate pending dues of last financial year but also the wage dues for the first fortnight of 2020-21.
— Prasar Bharati News Services (@PBNS_India) April 17, 2020
पाकिस्तान के सालाना बजट से 6 गुना बड़ा है कोरोना राहत पैकेज
कोरोना महामारी के इस संकट में 130 करोड़ देशवासियों को मदद पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। अगर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए पैकेज की तुलना पाकिस्तानी की अर्थव्यस्था से करें तो यह उसके सालाना बजट से 6 गुना ज्यादा है। पाकिस्तान ने साल 2019 में 7022 बिलियन पाकिस्तानी रुपए का बजट पेश किया था जो भारतीय रुपए के संदर्भ में करीब 3.30 लाख करोड़ है। इस हिसाब से भारत का कोरोना राहत पैकेज पाकिस्तान के सालाना बजट से 6 गुना ज्यादा है। यह आर्थिक पैकेज 20 लाख करोड़ रुपये भारत की कुल जीडीपी का 10 फीसदी हिस्सा है। भारतीय अर्थव्यवस्था 200 लाख करोड़ रुपये की है।