Home नरेंद्र मोदी विशेष पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना राजस्थान को भी बिजली संकट...

पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना राजस्थान को भी बिजली संकट से उबारेगी, लोगों को मिलेगी 300 यूनिट तक फ्री बिजली, प्रदेश में बन रहे दो सबसे बड़े सोलर पार्क

SHARE

अयोध्या में सूर्यवंशी प्रभु श्री राम के भव्य-दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सूर्य से बिजली लेने की योजना को मूर्त रूप दिया। इस सूर्योदय योजना के तहत एक करोड़ घरों की छत पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाकर देश को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। पीएम मोदी ने मंगलवार को सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने वाली इस योजना ‘पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना’ शुरू करने की घोषणा की। योजना का लक्ष्य 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान घरों को रोशन करना है। एक्स पर पोस्ट में मोदी ने कहा, सतत विकास और लोगों की भलाई के लिए हम यह योजना शुरू कर रहे हैं।’ इसमें 75,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होगा।विद्युत ऊर्जा सर्वेक्षण : 2030 तक भारत में घरेलू बिजली की मांग होगी दोगुनी
वर्तमान में देश का आधे से अधिक ऊर्जा उत्पादन कहीं सीमित जीवाश्म ईंधन पर आधारित है, जो हमारी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए गैर-जीवाश्म आधारित अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों और नवीकरणीय संसाधनों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। 20वां विद्युत ऊर्जा सर्वेक्षण कहता है कि वर्ष 2030 तक भारत में घरेलू बिजली की मांग यों दोगुनी हो सकती है, लेकिन अक्षय ऊर्जा के प्रयासों से हम ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेंगे। भारत विश्व में सौर और पवन ऊर्जा की चौथी सबसे बड़ी स्थापित क्षमता वाला देश है। देश में सोलर एनर्जी उत्पादन में राजस्थान का अग्रणी स्थान बना हुआ है। राज्य सरकार का दावा है कि देश के सबसे अधिक सोलर प्लांट्स राजस्थान में लगे हैं। राजस्थान के बाद कर्नाटक में 1443 मेगावाट और तमिलनाडु में 1342 मेगावाट के सोलर प्लांट्स लगे हुए हैं।हम हैं विश्व में चौथे सबसे आकर्षक नवीकरणीय अक्षय ऊर्जा बाजार
हरित ऊर्जा स्रोतों में सौर, पवन, भूतापीय, पनबिजली, हरित हाइड्रोजन, महासागरीय और जैव ऊर्जा शामिल हैं। हम विश्व में चौथे सबसे आकर्षक नवीकरणीय अक्षय ऊर्जा बाजार हैं। भारत में अक्षय ऊर्जा उत्पादन की कई महत्त्वपूर्ण पहल की गई हैं। जिनमें राष्ट्रीय सौर मिशन, पीएम कुसुम, पवन सौर हाइब्रिड नीति, अपतटीय पवन ऊर्जा नीति, जल विद्युत नीति, हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन एवं राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन प्रमुख हैं। परंपरागत संसाधनों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा के स्रोत घटने लगे हैं व इससे बनने वाली बिजली की कीमतें बढ़ने लगी हैं। इसलिए अक्षय ऊर्जा या ग्रीन एनर्जी की मांग निरंतर बढ़ती जा रही है। मरूप्रदेश राजस्थान को प्रकृति ने सर्वाधिक सूर्य दिवसों से नवाजा है। इसलिए यहां सोलर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं।पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना का लाभ लेने की यह होगी प्रक्रिया
योजना का रजिस्ट्रेशन सरकारी पोर्टल नेशनल पोर्टल फॉर रूफटॉप सोलर पर किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के बाद अकाउंट क्रिएट हो जाएगा। उस पर लॉगिन कर इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर नंबर, मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी सब्मिट करनी होगी। सरकार की तरफ से उन रजिस्टर्ड विक्रेताओं की लिस्ट मिलेगी, जो आपके इलाके में हैं। लिस्ट से विक्रेता को सिलेक्ट करने के बाद आपका आवेदन मंजूरी के लिए डिस्कॉम के पास पहुंच जाएगा। डिस्कॉम की मंजूरी के बाद आप सोलर प्लांट लगवा सकेंगे। सोलर प्लांट इंस्टाल होने के बाद इसकी डिटेल ऑफिशियल वेबसाइट पर सबमिट कर नेट मीटर के लिए अप्लाई करना होगा। पोर्टल के जरिए ही बैंक अकाउंट डिटेल और कैंसेल्ड चेक सबमिट करना होगा। कुछ दिन में सरकार की तरफ से मिलने वाला फायदा आप तक पहुंच जाएगा।योजना के फायदे: बिजली बिल कम होगा, आय बढ़ेगी और रोजगार सृजन भी
केंद्र सरकार की योजना है कि शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को उनके अधिकार क्षेत्र में रूफटॉप सौर प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह योजना लागू होने से लोगों की आय अधिक होगी, बिजली का बिल कम होगा और रोजगार सृजन होगा। सौर ऊर्जा और सतत प्रगति को बढ़ावा देने के लिए सभी आवासीय उपभोक्ताओं, विशेषकर युवा पीएम सूर्य घर : मुफ्त बिजली योजना को मजबूत करें। जहां तक राजस्थान का सवाल है तो प्रदेश में 400 गीगावाट से अधिक के अक्षय ऊर्जा संयंत्र लगाने की क्षमता है। लेकिन अब तक मात्र 23 गीगावाट के संयंत्र ही लगे हुए हैं। बिजली संकट के बीच अक्षय ऊर्जा का करीब 80% हिस्सा दूसरे राज्यों में बेचा जाता रहा है।

राजस्थान में इस योजना में 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर लगाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना में एक करोड़ घरों की छत पर रूफटॉप सोलर पैनल लगाकर देश को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। सोलर रूफटॉप लगाने की प्रक्रिया को सरल बनाकर पूरे देश में सोलर ऊर्जा की नई इबारत लिखी जा रही है। देश के साथ ही राजस्थान में भी इस योजना पर फोकस और ज्यादा हो गया है। राजस्थान की लेखानुदान मांगों में भी इस योजना के तहत 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। हाल ही में प्रस्तुत केन्द्रीय अंतरिम बजट 2024 के अनुसार इस योजना के तहत छत पर सोलर पैनल लगाने से एक परिवार कम से कम 300 यूनिट बिजली तक की बचत करेगा, जिससे 1 करोड़ से अधिक परिवारों को 18,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत होगी।

प्रदेश में रुफटॉप सोलर प्लांट के लगभग 31 हजार घरेलू उपभोक्ता
केन्द्र सरकार की रुफटॉप सोलर योजना में भी केन्द्र सरकार 40% तक सब्सिडी देती है। आज प्रदेश में रुफटॉप सोलर प्लांट के लगभग 31 हजार घरेलू उपभोक्ता ही हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता भी मात्र 262 मेगावाट है। वहीं गुजरात में 2500 मेगावाट विद्युत क्षमता वाले करीब 2.5 लाख से ज्यादा घरेलू रुफटॉप सोलर उपभोक्ता है। गैर-जीवाश्म अक्षय ऊर्जा समय की मांग है। प्रदेश को प्रकृति प्रदत्त सौर ऊर्जा के वरदान का सदुपयोग अक्षय ऊर्जा संयंत्रों के लिए प्रभावी रूप से किया जाना चाहिए। स्वच्छ व सुरक्षित अक्षय ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान यद्यपि अव्वल राज्यों में है परंतु क्लीन एनर्जी ग्रीन एनर्जी उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनने के लिए यहां अभी बहुत काम होना बाकी है।सौर ऊर्जा के भंडार के बावजूद गहलोत सरकार ने कोल आधारित संयंत्रों को दिया बढ़ावा
दरअसल पिछली गहलोत सरकार ने कोल आधारित संयंत्रों को बढ़ावा दिया। जिसका सीधा असर प्रदेश की सेहत पर पड़ा। प्रदेश में करीब 8 हजार मेगावाट क्षमता के थर्मल पावर प्लांट हैं, जो कभी तकनीकी रखरखाव तो कभी खराब होने के कारण अक्सर बंद हो जाते हैं। इनके स्थान पर सरकार को अक्षय ऊर्जा उत्पादन पर फोकस करना चाहिए। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 में 10 हजार मेगावाट की कुसुम योजना लॉन्च की थी। परन्तु गत सरकार प्रदेश में 1200 मेगावाट लक्ष्य के विरुद्ध मात्र 100 मेगावाट के ही संयंत्र लगा सकी। कुसुम योजना में केन्द्र सरकार 30% हिस्सा देती है, जिसका लाभ जनता को नहीं मिल सका।

राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर में हैं दुनिया के सबसे बड़े सोलर पार्क
काबिले जिक्र है कि राजस्थान में ही दुनिया के सबसे बड़े सोलर पार्क विकसित हो रहा हैं। पहले जोधपुर जिले के भडला में सबसे बड़ा सोलर पार्क विकसित हो ही रहा है। इसके साथ ही इससे भी बड़ा सोलर पार्क बीकानेर के कोलायत तहसील में बनेगा। यहां 3000 मेगावाट का सोलर पार्क बनेगा। जो 9000 एकड़ में तैयार हो रहा है। यह सोलर पार्क बनने के बाद बीकानेर दुनिया का सबसे बड़ा सोलर हब बन जाएगा। इसके बाद बीकानेर में 13,500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा। अब तक का सबसे बड़ा 2245 मेगावाट का सोलर पार्क जोधपुर के भडला में है। कोलायत में 3000 मेगावाट का सोलर प्लांट तैयार होने के बाद भडला का नाम कोलायत के बाद लिया जाएगा। इसके अलावा पूगल में बराला क्षेत्र में छोटा बंदरवाला में भी 2000 हजार के मेगावाट का सोलर पार्क तैयार हो रहा हैं। इसे राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड तैयार करवा रहा है। कोलायत में बनने वाला सोलर पार्क अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क सेंट्रल ट्रांसमिशन सिस्टम से जुड़ेगा।

Leave a Reply