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पीएम मोदी के डिजिटल विजन से ई-मार्केटप्लेस GeM पोर्टल ने रचा इतिहास, सार्वजनिक खरीद 3 लाख करोड़ रुपये के पार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर संभालते ही अपना डिजिटल विजन पेश कर दिया था। 2014 में सत्ता संभालने के करीब एक साल बाद ही उन्होंने 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया की शुरुआत कर दी थी। इसके एक साल बाद 9 अगस्त, 2016 को उन्होंने सरकारी ई-मार्केट GeM पोर्टल शुरू किया था। डिजिटल इंडिया की सफलता आज पूरा देश देख रहा है। वहीं GeM पोर्टल की सफलता के आंकड़े देखें तो पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन को समझा जा सकता है। मोदी सरकार ने छोटे कारोबार को बढ़ावा देने और सरकारी कंपनियों के लिए स्टार्टअप से 25 प्रतिशत सामान अनिवार्य रूप से खरीदने के उद्देश्य से सरकारी ई-मार्केटप्लेस GeM पोर्टल को शुरू किया था। इससे सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (एमएसई) वाले व्यापारियों को बड़ा फायदा हो रहा है। इस वित्त वर्ष की चौथी और आखिरी तिमाही अभी समाप्त होनी बाकी है और 12 फरवरी 2024 को GeM ने 3 लाख करोड़ रुपये का सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) दर्ज किया है। यानी GeM पोर्टल से साढ़े 10 महीने में ही रिकार्ड खरीदारी हुई है। यह शानदार उपलब्धि GeM पोर्टल को विश्व स्तर पर सबसे बड़े सार्वजनिक खरीद पोर्टलों में से एक के रूप में स्थापित करती है।

GeM पोर्टल पर खरीदारी का आंकड़ा 3 लाख करोड़ रुपये के पार
GeM पोर्टल ने 12 फरवरी 2024 को 3 लाख करोड़ रुपये का सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) दर्ज किया है। यानि साढ़े 10 महीने में ही 3 लाख करोड़ रुपये खरीदारी का रिकॉर्ड बनाया है। जो पिछले वित्त वर्ष के अंत में दर्ज कुल जीएमवी यानी 2 लाख करोड़ रुपये से काफी अधिक है। सार्वजनिक खरीद में इस अग्रणी, गर्वनमेंट ई-मार्केटप्लेस ने एक प्रभावशाली उपलब्धि हासिल करके एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान दैनिक औसत जीएमवी लेनदेन मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 22-23 में 504 करोड़ रुपये से बढ़कर 12 फरवरी, 2024 तक 914 करोड़ रुपये हो गई है।

GeM से खत्म हुई मिलीभगत, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी
12 फरवरी, 2024 तक, जीईएम देशभर में 20 लाख से अधिक विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को 3 लाख से अधिक सरकारी खरीदारों (प्राथमिक और द्वितीयक खरीदारों) के साथ सीधे जोड़ता है। सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया में सभी हितधारकों को डिजिटल रूप से एकीकृत करके, जीईएम ने सरकारी खर्च में मिलीभगत, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी जैसी नुकसानदेह प्रथाओं को समाप्त कर दिया है, जिससे सार्वजनिक वित्त में अधिक पारदर्शिता आई है। यह प्लेटफ़ॉर्म वर्तमान में देश भर में सरकारी खरीदारों की सभी जटिल और गतिशील आवश्यकताओं को कवर करने वाली पेशकशों के साथ 12,200 से अधिक उत्पादों और सेवाओं की श्रेणियों को प्रदर्शित करता है।

सेवाओं की खरीद में 98 प्रतिशत वृद्धि
जीईएम पर सेवा क्षेत्र में विशेष रूप से अभूतपूर्व उछाल आया है, जो इसकी सफलता और इसकी तेजी से वृद्धि के पीछे एक महत्वपूर्ण शक्ति साबित हुआ है। पिछले 3 वर्षों में, जीईएम ने रणनीतिक रूप से अपनी सेवाओं का विस्तार किया है, जिसके परिणामस्वरूप सेवाओं की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 22-23 में खरीद लगभग 66,000 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23-24 में 1,30,984 करोड़ रुपये (12 फरवरी तक) 2024) हो गई है। खासतौर पर, जीईएम के जीएमवी में सेवा क्षेत्र का योगदान पिछले वर्ष की तुलना में 98 प्रतिशत बढ़ गया है, इस वित्त वर्ष के अंत तक सेवाओं की खरीद 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है।

राज्यों ने पिछले वर्ष की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक ऑर्डर दिए
इस वित्त वर्ष में, विभिन्न सरकारी निकायों तक पहुंचने के और जीएएम के माध्यम से सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाओं में उनकी भागीदारी को अधिकतम करने के लिए ठोस प्रयास किए गए। केंद्रीय संस्थाओं ने वर्तमान जीएमवी में 82 प्रतिशत का योगदान दिया है, राज्यों की बढ़ती भागीदारी ने मंच के विकास को गति दी है। राज्यों ने वित्त वर्ष 23-24 में कुल मिलाकर 49,302 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 56 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

GeM से जुड़े 10 हजार से पंचायत, 660 सहकारी समितियां
पिछले साल जीईएम ने पंचायती राज संस्थानों और सहकारी समितियों को खरीदारों के रूप में पंजीकृत करने के लिए एक व्यापक ऑनबोर्डिंग ड्राइव शुरू की। उन्हें अपने व्यापक नेटवर्क के भीतर महत्वपूर्ण हितधारकों के रूप में स्वीकार किया। ई-ग्राम स्वराज के साथ एकीकरण के माध्यम से, जीईएम ने जमीनी स्तर पर खरीदारों और विक्रेताओं के साथ जुड़ाव को बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप अब तक 70,000 से अधिक पंचायतों और 660 से अधिक सहकारी समितियों द्वारा 265 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है। जीईएम पर उनकी सक्रिय भागीदारी व्यापार संचालन में आसानी का प्रमाण है, जो एक इंटीग्रेटेड डिजिटल इकोसिस्टम के माध्यम से सुनिश्चित की गई है जिसे कभी भी, कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है।

सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को 3.27 लाख करोड़ रुपये का कारोबार
अपनी शुरुआत के बाद से, जीईएम ने सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को लगभग 3.27 लाख करोड़ रुपये का कारोबार प्रदान किया है। इसमें से 22,200 करोड़ रुपये के ऑर्डर अकेले महिला नेतृत्व वाले सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों द्वारा पूरे किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, “एक जिला, एक उत्पाद” बाज़ार के तहत 392 नई श्रेणियां बनाई गई हैं, जो सूचीबद्ध उत्पादों के लिए विजिबिलिटी बढ़ाती हैं और भारत की कला और शिल्प को राष्ट्रव्यापी मंच पर अधिक पहचान प्रदान करती हैं।

GeM पोर्टल पर 62 लाख से ज्यादा सेलर और सर्विस प्रोवाइडर्स
केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए सरकारी ई-मार्केट GeM पोर्टल 9 अगस्त, 2016 को शुरू किया गया था। यह पोर्टल ऑफिस स्टेशनरी से लेकर गाड़ियों तक की एक डिटेल्ड श्रृंखला खरीदारी के लिए ग्राहकों को मुहैया कराता है। जीईएम के पास 63,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठन और 62 लाख से ज्यादा सेलर और सर्विस प्रोवाइडर्स हैं जो गुड्स एंड सर्विसेज की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं।

GeM पोर्टल पर 30 लाख से अधिक सूचीबद्ध उत्पाद
30 लाख से अधिक सूचीबद्ध उत्पादों के विशाल वर्गीकरण और 300 से अधिक सेवा श्रेणियों के प्रभावशाली पोर्टफोलियो के साथ जीईएम देश भर में सरकारी विभागों की विविध उत्पाद और सेवा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। परिणामस्वरूप प्लेटफॉर्म पर विभिन्न राज्य सरकारों और संबद्ध संस्थाओं से ऑर्डर में भी काफी वृद्धि देखी जा रही है, जो सरकारी खरीद के लिए एक समाधान के रूप में जीईएम को मजबूती से स्थापित करता है।

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