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रूस के साथ ‘ध्रुव तारे’ जैसी अटूट दोस्ती को पीएम मोदी ने दी नई उड़ान! 2030 तक का इकोनॉमिक रोडमैप तैयार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, 5 दिसंबर को नई दिल्ली में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर अपने जॉइंट प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को अपना मित्र कहकर संबोधित किया और कहा कि पिछले ढाई दशकों से उन्होंने इस रिश्ते को सींचा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन इन सबके बीच भी भारत-रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है। उन्होंने कहा कि यह संबंध समय की हर कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज दोनों नेताओं ने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की।

2030 तक का इकोनॉमिक मास्टरप्लान तैयार
दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसके तहत 2030 तक के लिए एक Economic Cooperation Program पर सहमति बनी है। इस मिशन 2030 का लक्ष्य व्यापार और निवेश को डाइवर्सिफाइड, बैलेंस्ड और सस्टेनेबल बनाना है। इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए, आज दोनों नेता India-Russia Business Forum में शामिल होंगे, जिससे एक्सपोर्ट, को-प्रोडक्शन और को-इनोवेशन के नए द्वार खुलेंगे। इसके अलावा, यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में, भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यूरिया उत्पादन के प्रयासों में दोनों देश साथ मिलकर काम करेंगे।

कनेक्टिविटी और Arctic में नया सहयोग
कनेक्टिविटी बढ़ाना भी दोनों देशों की मुख्य प्राथमिकता है। इसके लिए INSTC, Northern Sea Route (NSR) और चेन्नई – व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा जाएगा। एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, भारत के सीफेयरर्स की पोलर वाटर्स में ट्रेनिंग के लिए सहयोग किया जाएगा, जिससे आर्कटिक में साझेदारी मजबूत होगी और भारतीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनेंगे। साथ ही, Shipbuilding में गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है, जिससे नौकरियों और कौशल को बल मिलेगा।

ऊर्जा और क्रिटिकल मिनरल्स पर साझेदारी
ऊर्जा सुरक्षा को भारत-रूस साझेदारी का एक मजबूत स्तंभ बताते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि सिविल न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में दशकों पुराना सहयोग ‘क्लीन एनर्जी’ की साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाएगा। इसके अलावा, क्रिटिकल मिनरलमें सहयोग पूरे विश्व में सुरक्षित और विविधतापूर्ण सप्लाई चेन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह साझेदारी क्लीन एनर्जी, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और न्यू एज इंडस्ट्रीज को ठोस समर्थन देगी।

पीपुल्स-टू-पीपुल्स सम्पर्क पर जोर
सांस्कृतिक सहयोग और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं। जल्द ही, रूसी नागरिकों के लिए निशुल्क 30-day e-Tourist Visa और 30-day Group Tourist Visa की शुरुआत की जाएगी। दोनों देशों के लोगों को जोड़ने और नए अवसर पैदा करने के लिए Manpower Mobility पर दो समझौते किए गए हैं। साथ ही, वोकेशनल एजुकेशन, स्किलिंग और ट्रेनिंग पर मिलकर काम होगा, और स्टूडेंट्स, स्कॉलर्स तथा खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाया जाएगा। रूस में भारत के दो नए वाणिज्य दूतावास भी खोले गए हैं, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम होगा।

वैश्विक शांति और आतंकवाद पर एकजुटता
बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। यूक्रेन के संबंध में पीएम मोदी ने दोहराया कि भारत शुरुआत से ही शांति के पक्ष में रहा है और इस विषय के शांतिपूर्ण और स्थाई समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करता है। भारत सदैव अपना योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।

आतंकवाद पर दोनों देशों ने कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग जारी रखने का संकल्प लिया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले और क्रोकस सिटी हॉल पर किए गए कायरतापूर्ण हमले की जड़ एक ही है, और आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है। इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही सबसे बड़ी ताकत है। UN, G20, BRICS, SCO जैसे बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग और तालमेल जारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में हमारी मित्रता हमें ग्लोबल चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देगी और यही भरोसा हमारे साझा भविष्य को और समृद्ध करेगा।

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