स्पेस सेक्टर के लिए आज का दिन काफी अहम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 27 फरवरी को केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) का दौरा कर गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की। गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष में जाने वाले सभी अंतरिक्ष यात्री भारतीय वायुसेना के जवान हैं। वायुसेना के इन जवानों के नाम हैं- ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्ण नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला। प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष यात्रियों को विंग प्रदान किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘हम सभी आज एक ऐतिहासिक सफर के साक्षी बन रहे हैं। अब से कुछ देर पहले देश पहली बार अपने चार गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ चार नाम और चार इंसान नहीं हैं, ये 140 करोड़ आकांक्षाओं को स्पेस में ले जाने वाली चार शक्तियां हैं। 40 वर्ष के बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाने वाला है। लेकिन इस बार टाइम भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है।’
इस बार Time भी हमारा है,
Countdown भी हमारा है
और Rocket भी हमारा है। pic.twitter.com/iz6TbkD51A— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 27, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इन नौजवानों को पूरे देश की तरफ से बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। 21वीं सदी के भारत की सफलता में आज आपका नाम भी जुड़ गया है। आप आज के भारत का विश्वास हैं। आप आज के भारत का शौर्य हैं, साहस हैं, अनुशासन हैं। आप भारत का गौरव बढ़ाने के लिए, अंतरिक्ष में तिरंगा लहराने के लिए दिन रात परिश्रम कर रहे हैं। आप भारत की उस अमृत पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं, जो चुनौतियों को चुनौती देने का जज्बा रखती है।’
हमारे Space Sector में Women Power को बहुत महत्व दिया जा रहा है।
चंद्रयान हो या गगनयान, महिला वैज्ञानिकों के बिना ऐसे किसी भी मिशन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
-प्रधानमंत्री श्री @narendramodi#GaganyaanMission pic.twitter.com/sWAZ8Hxy1c
— BJYM (@BJYM) February 27, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के स्पेस सेक्टर का एक बहुत बड़ा योगदान है, जिसकी उतनी चर्चा नहीं हो पाती। ये योगदान है, युवा पीढ़ी में साइंटिफिक टेंपरामेंट के बीज बोने का। इसरो की सफलता देखकर कितने ही बच्चों के मन में ये बात आती है कि बड़ा होकर मैं भी साइंटिस्ट बनूंगा। वो राकेट का काउंटडाउन…उसकी उल्टी गिनती…लाखों लाख बच्चों को प्रेरित करती है। हर घर में कागज के हवाई जहाज उड़ाने वाला जो एयरोनॉटिकल इंजीनियर है, वो बड़ा होकर आप जैसा इंजीनियर बनना चाहता है, साइंस्टिस्ट बनना चाहता है। और किसी भी देश के लिए उसकी युवा पीढ़ी की ये इच्छाशक्ति, बहुत बड़ी पूंजी होती है।