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पीएम मोदी के विजन से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को लगे पंख, दुनिया की दूसरी सबसे लंबी केबल कार ने रचा इतिहास, 100 करोड़ की कमाई

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पंख लग गए हैं। पर्यटन बढ़ने से लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। इससे वहां के लोगों में समृद्धि आ रही है। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से केंद्र सरकार लगातार बदलाव की कोशिश कर रही है। जम्मू कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश सफल साबित हो रही है। वर्ष 2022 में जनवरी से लेकर अक्टूबर तक अब तक का रिकॉर्ड 1.62 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू कश्मीर की यात्रा की, जो आजादी के बाद से सबसे अधिक है। इसी के साथ पिछले एक साल में गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए हैं। यह केंद्र शासित प्रदेश के संपूर्ण विकास और बदलाव का गवाह है। तीन दशकों के बाद कश्मीर लाखों पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि यह कश्मीर पर्यटन के स्वर्ण युग की वापसी है।

गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए

जम्मू-कश्मीर में इस पर्यटन सीजन में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आये जिससे पयर्टन व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय में बड़ी वृद्धि हुई है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन के सबसे बड़े आकर्षण गुलमर्ग के गोंडोला राइड की बात करें तो इसकी सवारी के लिए पर्यटकों ने टिकट के लिए घंटों लाइन में बिताये। औसतन 4000 लोग प्रतिदिन इस केबल कार का उपयोग करते हैं। इस सीजन में गोंडोला केबल कार परियोजना ने रिकॉर्ड 100 करोड़ रुपये कमाए हैं। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में दुनिया की दूसरी सबसे लंबी और दूसरी सबसे ऊंची केबल कार परियोजना गुलमर्ग गोंडोला के राजस्व संग्रह ने पिछले सभी रिकॉर्डों को तोड़ कर नई उपलब्धि हासिल की है।

पांच किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने वाली गुलमर्ग की प्रसिद्ध केबल कार गोंडोला, इस रिसॉर्ट में आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है और प्रत्येक दिन सैकड़ों पर्यटक इसकी सवारी करते हैं जो 13,400 फीट की ऊंचाई पर अफफरवात की चोटी तक कोनिफर्स पेड़ों के ऊपर से चलती है।

जम्मू-कश्मीर में 75 नये पर्यटन स्थलों की पहचान

जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नत्थाटॉप, बशोली और मचैल सहित 75 नए पर्यटन स्थलों की पहचान की गई है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक सुनैना शर्मा ने कहा कि इनमें से 37 पर्यटन स्थल जम्मू क्षेत्र में और बाकी कश्मीर घाटी में हैं। उन्होंने बताया कि बशोली, बारादरी, डुडु, बसंतगढ़, दरहाल, मंडी, सुध महादेव, नत्थाटॉप जैसे कुछ ऐसे स्थान हैं जिन्हें प्रचार के लिए चुना गया है।

वर्ष 2022 में 1.62 करोड़ पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे

जम्मू कश्मीर आने वाले पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या केंद्र शासित प्रदेश में हुए समग्र विकास और बदलाव को दर्शाती है। पर्यटन जम्मू कश्मीर में रोजगार का सबसे बड़ा स्रोत है और जनवरी, 2022 से अक्टूबर 2022 तक 1.62 करोड़ पर्यटकों ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया है, जो स्वतंत्रता के 75 वर्षों में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि इस साल के पहले आठ महीनों में 3.65 लाख अमरनाथ यात्रियों सहित 20.5 लाख पर्यटकों ने कश्मीर की यात्रा की। पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था होने से सैलानियों के बढ़ने के चलते पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों में काफी उत्साह है।

अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से भी बढ़े पर्यटक

इस बार आए पर्यटक केवल कश्मीर व जम्मू तक सीमित नहीं रहे। बल्कि राजौरी-पुंछ जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी पर्यटक काफी अधिक संख्या में पहुंचे। इसका एक मुख्य कारण यह भी था कि प्रशासन ने 75 नए पर्यटन स्थलों को भी बढ़ावा दिया, जहां पहले बहुत ही कम लोग या तो कोई जाता ही नहीं था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने से भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। पिछले 70 साल से यह मांग थी कि जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू की जाएं तो इस बार मोदी सरकार ने लोगों की मांग पूरी करते हुए श्रीनगर से शारजाह के लिए सीधी उड़ान शुरू कराई।

जम्मू कश्मीर में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश

जम्मू कश्मीर में पिछले तीन सालों में 56 हजार करोड़ रुपये के निवेश के आंकड़े को छू गया है, जिसमें 38 हजार करोड़ के विनिवेश के लिए जमीन मुहैया कराई जा चुकी है। जम्मू कश्मीर में विनिवेश करने वाली कंपनियों में प्रमुख नाम अपोलो, मेदांता, वरुण वेवरेजेज, दिव्याणी वेवरेजेज समेत कई नामचीन फाइबर ऑपटिक्स की कंपनियां हैं जो तकरीबन ढ़ाई लाख लोगों को रोजगार के लिए नए अवसर तैयार कर रही हैं। जम्मू कश्मीर में निवेश को लेकर आजादी के बाद के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो साल 2019 तक जम्मू कश्मीर में तकरीबन 14 हजार 7 सौ करोड़ रुपए का विनिवेश हो पाया था, यानि आजादी के बाद से 2019 तक जम्मू कश्मीर में जितना निवेश हुआ उसका लगभग चार गुणा सिर्फ तीन साल में हुआ।

कश्मीर तक ट्रेन कनेक्टिविटी बढ़ाने की कोशिश जारी

ट्रेन कनेक्टिविटी की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। कश्मीर तक राज्य के अन्य भागों तक ट्रेन कनेक्टिविटी की कोशिश जारी है। इंटरनेशनल फ्लाइट श्रीनगर से शारजाह के लिए शुरू हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर से रात में भी विमान उड़ान भरने लगे हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण जम्मू-कश्मीर के सेब किसान अब अपनी पैदावार को आसानी से बाहर भेज रहे हैं। फल उत्पादक किसानों को विशेष मदद देने के लिए केंद्र सरकार की नजर ड्रोन के माध्यम से ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने को लेकर भी है।

देश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से शुरू की गई पहल पर एक नजर-

पीएम मोदी ने कहाः हमारे गांव भी टूरिज्म का केंद्र बन रहे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 मार्च 2023 को डेवलपिंग टूरिज्म विषय पर आयोजित पोस्ट बजट वेबिनार को संबोधित करते हुए टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनाओं का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वो समय है, जब हमारे गांव भी टूरिज्म का केंद्र बन रहे हैं। बेहतर होते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण अब दूर-सुदूर के गांव टूरिज्म मैप पर आ रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि देश के बॉर्डर इलाकों का भी तेजी से विकास हो रहा है। बॉर्डर किनारे बसे गांवों में ‘वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना’ भी शुरू की है।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम: देश के 19 जिलों के लिए 4,800 करोड़ रुपये आवंटित

देश की सीमाओं को मजबूत करने के लिए केंद्र प्रायोजित योजना ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत देश की उत्तरी सीमाओं पर बसे गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। इसके लिए 4,800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। गृह मंत्रालय द्वारा इसका संचालन किया जाएगा। ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत भारत की सीमाओं, खासतौर पर भारत-चीन बॉर्डर पर बसे गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया जायेगा। केंद्र द्वारा चलाई जा रही इस योजना के दो मुख्य उद्देश्य हैं। एक, बॉर्डर पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और दूसरा, यह सुनिश्चित करना कि रोजगार के लिए लोगों को सीमावर्ती गांव न छोड़ने पड़ें। यही नहीं इससे सीमा की सुरक्षा में भी सुधार होगा।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्रामः पहले चरण में 663 गांव में होगा काम

गृह मंत्रालय ने बताया कि यह योजना 19 जिलों, 46 सीमावर्ती ब्लॉकों, 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तरी सीमा पर आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास और आजीविका के अवसरों के निर्माण के लिए धन प्रदान करेगी। यह समावेशी विकास प्राप्त करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में भी मदद करेगी। पहले चरण में 663 गांवों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

4800 करोड़ में से 2500 करोड़ सड़कों पर खर्च होंगे

जिला प्रशासन ग्राम पंचायतों के सहयोग से वाइब्रेंट विलेज एक्शन प्लान बनाएगा। इसमें केंद्र और राज्य की योजनाओं की शत-प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित की जाएगी। इन प्रयासों में सभी मौसम में सड़क, पेयजल, 24 घंटे बिजली, मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ पर्यटन केंद्र, बहुउद्देश्यीय केंद्र, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र शामिल होंगे। यह बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम से अलग होगा। खास बात ये है कि 4800 करोड़ में से 2500 करोड़ सिर्फ सड़कों पर खर्च होंगे।

संस्कृति, विरासत को प्रोत्साहन देकर पर्यटन मजबूत करने पर जोर

‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत इन इलाकों में विकास केंद्र विकसित करने, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को प्रोत्साहन देकर पर्यटन क्षमता को मजबूत बनाने और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारिता, एनजीओ के माध्यम से “एक गांव एक उत्पाद” की अवधारणा पर स्थायी इको-एग्री बिजनेस के विकास पर ध्यान केंद्रीत किया जायेगा।

पीएम मोदी ने पर्यटन पर बताई ये 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में दूर-दराज इलाकों के गांवों के भी अब पर्यटन के नक्शे पर आ जाने का जिक्र करते हुए कहा कि लीक से हटकर सोच और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे इस साल का बजट पर्यटन मंत्रालय का सहयोग करेगा और युवाओं के लिए कई आर्थिक अवसर पैदा करेगा।

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का ‘नया भारत नए वर्क कल्चर’ के साथ आगे बढ़ रहा है। इस बार भी बजट की खूब वाह-वाही हुई है। देश के लोगों ने इसे पॉजिटिव तरीके से लिया है।

2. उन्होंने बोला कि भारत में हमें टूरिज्म सेक्टर को नई ऊंचाई देने के लिए Out of the Box सोचना होगा और Long Term Planning करके चलना होगा। जब भी कोई टूरिस्ट डेस्टिनेशन को विकसित करने की बात आती है तीन सवाल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
पहला- उस स्थान का Potential क्या है?
दूसरा- Ease of Travel के लिए वहां की Infrastructural Need क्या है, उसे कैसे पूरा करेंगे?
तीसरा – Promotion के लिए नया क्या करेंगे?

3. पीएम मोदी ने कहा कि भारत के संदर्भ में देखें तो टूरिज्म का दायरा बहुत बड़ा है। सदियों से हमारे यहां यात्राएं होती रही हैं, ये हमारे सांस्कृतिक-सामाजिक जीवन का हिस्सा रहा है।

4. उन्होंने बताया कि जब संसाधन नहीं थे, तब भी कष्ट उठाकर लोग यात्राओं पर जाते थे। चारधाम यात्रा, द्वादश ज्योर्लिंग की यात्रा, 51 शक्तिपीठ की यात्रा, ऐसी कितनी ही यात्राएं हमारे आस्था के स्थलों को जोड़ती थीं। हमारे यहां होने वाली यात्राओं ने देश की एकता को मजबूत करने का भी काम किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि धार्मिक स्थलों की वजह से पर्यटन क्षेत्र में भारी उछाल आया है और पिछले साल सात करोड़ लोग काशी विश्वनाथ मंदिर गए।

5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यात्राओं की इस पुरातन परंपरा के बावजूद दुर्भाग्य ये रहा कि इन स्थानों पर समय के अनुकूल सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया। पहले सैकड़ों वर्षों की गुलामी और आजादी के बाद के दशकों में इन स्थानों की राजनीतिक उपेक्षा ने देश का बहुत नुकसान किया। अब आज का भारत इस स्थिति को बदल रहा है।

6. पीएम ने कहा कि जब यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ती हैं, तो कैसे यात्रियों में आकर्षण बढ़ता है, उनकी संख्या में भारी वृद्धि होती है, ये भी हम देश में देख रहे हैं।

7. उन्होंने कहा कि भारत के विभिन्न स्थलों में अगर Civic Amenities बढ़ाई जाएं, वहां डिजिटल कनेक्टिविटी अच्छी हो, होटल-हॉस्पिटल अच्छे हों, गंदगी का नामो-निशान ना हो, बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर हो तो भारत के टूरिज्म सेक्टर में कई गुना वृद्धि हो सकती है।

8. पीएम मोदी ने बताया कि ये वो समय है, जब हमारे गांव भी टूरिज्म का केंद्र बन रहे हैं। बेहतर होते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण अब दूर-सुदूर के गांव टूरिज्म मैप पर आ रहे हैं।

9. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बॉर्डर किनारे बसे गांवों के लिए ‘वाइब्रेंट बॉर्डर विलेज योजना’ भी शुरू की है। होम स्टे हों, छोटे होटल हों, छोटे रेस्टोरेंट हों ऐसे अनेक बिजनेस के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा सपोर्ट करने का काम हमें करना है।

10. प्रधानमंत्री ने कहा कि पसंदीदा स्थानों या ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर विवाह (वेडिंग डेस्टिनेशन) करने का चलन बढ़ रहा है और भारत में इसकी भारी संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें ऐसे कम से कम 50 पर्यटन केंद्र विकसित करने होंगे, जो भारत आने की योजना बना रहे किसी भी पर्यटक के दिमाग में सबसे पहले आएं।’

स्वदेश दर्शन योजना के लिए 50 पर्यटन स्थल लिए पैकेज

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट भाषण में देश के पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना भी पेश की। बजट में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से ‘देखो अपना देश’ योजना की घोषणा की गई। इस नई योजना के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि देश में कुल 50 गंतव्यों को मिशन मोड के साथ पर्यटन में संपूर्ण पैकेज के रूप में विकसित करने के लिए चुना जाएगा। पिछले कुछ सालों पर नजर डाले तो पर्यटन क्षेत्र के ग्राफ में बढ़ोतरी देखने को मिली है। अब सरकार टूरिज्म को लेकर मिशन मोड में काम करने वाली है। इससे लोगों को रोजगार के भी काफी अवसर मिलेंगे।

‘देखो अपना देश’ योजना घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल

इस योजना का मकसद भारत के घरेलू पर्यटन को बढ़ाना है। इस योजना के तहत पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए देश में लगभग 50 स्थलों को विकसित और बढ़ावा दिया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत, यात्रियों को सस्ती दर पर होटल बुकिंग, यात्रा और प्रवेश शुल्क में कई लाभ मिलेंगे। ‘देखो अपना देश’ योजना के तहत उन लोगों को वित्तीय मदद भी प्रदान की जाएगी, जो दूर-दराज़ वाले कम प्रचलित जगहों की यात्रा करते हैं।

एक जिला-एक उत्पाद को बढ़ावा, यूनिटी मॉल बनेगा

इस योजना के तहत सरकार एक विशेष वेबसाइट स्थापित करेगी और एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर भी लॉन्च करेगी। इसके अलावा, सरकार एक जिला-एक उत्पाद (One District- One Product) को बढ़ावा देने और बेचने के लिए प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों में यूनिटी मॉल भी स्थापित करेगी। इस यूनिटी मॉल में हस्तशिल्प के अन्य उत्पाद भी मिला करेंगे।

चुने गए शहरों के पर्यटन स्थलों को रिनोवेट किया जाएगा

इस योजना में गंगा किनारे बसे सभी पर्यटन स्थलों में आवश्यकतानुसार छोटे गेस्ट हाउस, छोटे हट, पार्क आदि बनवाए जाएंगे। योजना के तहत चुने गए शहरों के पर्यटन स्थलों को रिनोवेट किया जाएगा।

स्वदेश दर्शन योजना में बौद्ध, जैन, कृष्ण तीर्थ स्थल सहित कई सर्किट शामिल

स्वदेश दर्शन योजना में जिन सर्किटों की फिलहाल पहचान की गई, उस में बौद्ध तीर्थ स्थल, 5 राज्यों के 12 डेस्टिनेशन पर कृष्ण तीर्थ स्थल, रामायण सर्किट यानी भगवान राम से संबंधित पर्यटन स्थल, प्राचीन सूफी परंपरा को कायम रखने वाले पर्यटन स्थल, जैन तीर्थ स्थल, आध्यात्मिक सर्किट जिसमें सात राज्य शामिल हैं आदि को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा। इसके अलावा नार्थ ईस्ट सर्किट, इको सर्किट, ट्राइबल सर्किट, हेरिटेज सर्किट, वाइल्ड लाइफ सर्किट के संभावित पर्यटन स्थलों को बेहतर सुविधा देकर पर्यटन के लिए बढ़ावा दिया जाएगा।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐप बनाया जाएगा

आम बजट में वित्त मंत्री ने एक ऐप जारी करने का प्रस्ताव दिया जिसमें प्रत्यक्ष कनेक्टिविटी, वर्चुअल कनेक्टिविटी, टूरिस्ट गाइड, फूड स्ट्रीट और पर्यटक सुरक्षा के उच्च मानक जैसे पहलुओं के अलावा सभी प्रासंगिक पहलुओं को एक ऐप पर उपलब्ध कराया जाएगा।

आम बजट 2023 में पर्यटन क्षेत्र से संबंधित प्रमुख घोषणाएंः

50 पर्यटन स्थलों की पहचान की जाएगी। इस पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा।

इस चयनित पर्यटन स्थलों को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के तौर पर संपूर्ण पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा।

स्वदेश दर्शन योजना के तहत पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रदेशों की राजधानी में यूनिटी मॉल खोलने की तैयारी है।

इन यूनिटी मॉल के तरत वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट और हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को बढ़ावा देना लक्ष्य है।

पर्यटन के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।

एक साल के भीतर काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु, 100 करोड़ का चढ़ावा

पीएम मोदी के विजन से वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण ने समृद्धि के द्वार खोल दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का काशी विश्वनाथ धाम अपने नए कलेवर में 2022 में एक साल पूरा किया। जहां कभी संकरी गालियां थीं वह आज भव्य आकर्षण का केंद्र है। चाहे गंगा द्वार हो, वीविंग गैलरी हो या फिर मंदिर चौक हो, हर तरफ भव्यता भक्तों को अपनी तरफ खींच रही है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के साल भर के भीतर ही साढ़े सात करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। इससे जहां शहर में समृद्धि आई है वहीं मंदिर प्रशासन की आय में भी वृद्धि हुई है। कॉरिडोर बनने के बाद से वाराणसी आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में कई गुना इजाफा हुआ है। बाबा को साल भर में 100 करोड़ से ज्यादा का चढ़ावा चढ़ा है। 13 दिसम्बर 2021 को श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण पीएम मोदी ने किया था। इस एक साल के भीतर बाबा के दिव्य धाम ने काशी के पर्यटन व्यवसाय को निखारा है।

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