Home Year Ender 2022 Year Ender 2022: पीएम मोदी 2022 में भी बने रहे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद...

Year Ender 2022: पीएम मोदी 2022 में भी बने रहे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का ध्वजवाहक

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 में देश की बागडोर संलने के बाद पूरे भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का अलख जगा रहे हैं। उनका पिछले आठ साल का कार्यकाल भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी प्राचीन धार्मिक, सांस्‍कृतिक विरासत रहे मंदिरों-स्थलों को जीर्णोद्धार कर उन्हें अपनी पुरानी गरिमा वापस दिलाने का भगीरथ प्रयास कर रहे हैं। उनके व्यक्तिगत प्रयासों से जहां सैकड़ों प्राचीन वस्तुओं एवं मूर्तियों को विदेशों से वापस लाने में सफलता मिली है, वहीं उनकी पहल से देश में विरासत संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। आज मोदी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि भारत के कई विरासत स्थल यूनेस्को के विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया है। इससे पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति को एक नई पहचान मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी 2022 में भी सांस्‍कृतिक राष्‍ट्रवाद की पटकथा लिखते रहे और उनके नेतृत्व में इस साल भी राष्ट्रवाद का झंडा पूरे शान से फहराता रहा…

सोमनाथ मंदिर के पास बने सर्किट हाउस का उद्घाटन
21 जनवरी, 2022

प्रधानमंत्री मोदी ने 21 जनवरी, 2022 को गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास 30 करोड़ की लागत से बने सर्किट हाउस का उद्घाटन किया। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से हुए इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दैरान कहा कि भगवान सोमनाथ की आराधना को लेकर हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि भक्तिप्रदानाय कृतावतारं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये। यानी, भगवान सोमनाथ की कृपा अवतीर्ण होती है, कृपा के भंडार खुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को ध्वंस किया गया और फिर जिन परिस्थितियों में भारत के लौहपुरुष सरदार बल्लवभाई पटेल के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं।

हैदराबाद में स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी उद्घाटन
5 फरवरी, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 फरवरी 2022 को हैदराबाद में 11वीं सदी के हिंदू संत रामानुजाचार्य के सम्मान में बनी 216 फीट ऊंची स्टैच्यू ऑफ इक्वेलिटी का उद्घाटन किया था। इस प्रतिमा में 120 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी लागत करीब 400 करोड़ रूपए है। यह 45 एकड़ जमीन पर बना है। मंदिर परिसर में करीब 25 करोड़ की लागत से म्यूजिकल फाउंटेन का निर्माण कराया गया है। गौरतलब है कि 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में जन्मे रामानुजाचार्य एक वैदिक दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने देशभर में घूम- घूमकर समानता और सामाजिक न्याय पर जोर दिया। रामानुज ने भक्ति आंदोलन को पुनर्जीवित किया, और उनके उपदेशों ने अन्य भक्ति विचारधाराओं को प्रेरित किया। उन्हें अन्नामाचार्य, भक्त रामदास, त्यागराज, कबीर और मीराबाई जैसे कवियों के लिए प्रेरणा माना जाता है।

लुंबिनी में भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र का शिलान्यास
16 मई, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 मई, 2022 को नेपाल के लुंबिनी में नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देवबा के साथ भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र का शिलान्यास किया। इस केंद्र का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संघ (आईबीसी), नई दिल्ली द्वारा लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट (एलडीटी) के एक भूखंड पर किया जा रहा है। इसका आवंटन आईबीसी और एलडीटी के बीच मार्च, 2022 में हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत आईबीसी को किया गया था। बुद्ध जयंती के पावन अवसर पर यह शिलान्यास समारोह तीन प्रमुख बौद्ध परंपराओं, थेरवाद, महायान और वज्रयान के भिक्षुओं द्वारा किया गया। निर्माण पूरा हो जाने के बाद यह दुनिया भर के तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का स्वागत करने वाला एक विश्व स्तरीय सुविधा केंद्र होगा। यहां श्रद्धालु बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक स्वरूपों के सार का आनंद प्राप्त कर पाएंगे। यह एक आधुनिक इमारत होगी। इस केंद्र में प्रार्थना कक्ष, ध्यान केंद्र, पुस्तकालय, प्रदर्शनी हॉल, कैफेटेरिया, कार्यालय और अन्य सुविधाएं भी होंगी।

संत तुकाराम शिला मंदिर का उद्घाटन
14 जून, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 जून, 2022 को संत तुकाराम शिला मंदिर का उद्घाटन किया। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने देहु के मुख्य मंदिर में विट्ठल-रुक्मणी की मूर्तियों के दर्शन किए। उन्होंने शिला मंदिर के सामने बने भागवत धर्म के प्रतीकात्मक स्तंभ की भी पूजा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन में भी तुकाराम जी जैसे संतों ने बड़ी भूमिका निभाई थी। आज़ादी की लड़ाई में वीर सावरकर जी को जब सजा हुई, तब जेल में वो हथकड़ियों को चिपली जैसा बजाते हुए तुकाराम जी के अभंग गाते थे। आज देश जब अपने सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ रहा है, तो संत तुकाराम जी के ‘अभंग’ हमें ऊर्जा दे रहे हैं, मार्ग दिखा रहे हैं। गौरतलब है कि संत तुकाराम एक वारकरी संत और कवि थे। उन्हें अभंग भक्ति कविता और कीर्तन के माध्यम से समुदाय-उन्मुख पूजा के लिए जाना जाता है। यह मंदिर 36 चोटियों के साथ पत्थर की चिनाई से बनाया गया है। इसमें संत तुकाराम की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है। 

पावागढ़ के कालिका मंदिर में 500 साल बाद शिखर पर फहराया ध्वज
18 जून, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हिन्दू स्वाभिमान के प्रतीक है। 18 जून, 2022 को हर हिन्दू गर्वान्वित महसूस किया, जब 500 साल बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित महाकाली मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उसके शिखर पर पताका फहराया। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से ही 11वीं सदी में बने इस मंदिर का पुनर्विकास योजना के तहत कायाकल्प किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महाकाली मंदिर के ऊपर पांच सदियों तक, यहां तक कि आजादी के 75 वर्षों के दौरान भी पताका नहीं फहराई गई थी। लाखों भक्तों का सपना आज उस समय पूरा हो गया जब मंदिर प्राचीन काल की तरह अपने पूरे वैभव के साथ खड़ा है। गौरतलब है कि 125 करोड़ रुपये की लागत से महाकाली मंदिर का पुनर्विकास किया गया है, जिसमें पहाड़ी पर स्थित मंदिर की सीढ़ियों का चौड़ीकरण और आसपास के इलाके का सौंदर्यीकरण शामिल है। नया मंदिर परिसर तीन स्तरों में बना है और 30,000 वर्ग फुट दायरे में फैला है।

श्री महाकाल लोक और मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार
11 अक्टूबर, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 11 अक्टूबर, 2022 को मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के आंगन में बना श्री महाकाल लोक का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से महाकाल लोक की नींव पड़ी थी। 2016 में सिंहस्थ महाकुंभ हुआ था। उसमें प्रधानमंत्री मोदी भी आए थे। इस दौरान महाकाल कॉरीडोर की कल्पना की गई थी। इसके बाद महाकाल परिसर के कायाकल्प के लिए रायशुमारी शुरू हुई। 2017 में डीपीआर बनाने का काम शुरू किया गया, लेकिन 2018 में सरकार बदल गई। शिवराज सिंह चौहान के सत्ता में आने के बाद कॉरीडोर का जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो गया और पहले चरण का काम भी पूरा हुआ। महाकाल लोक कॉरिडोर काफी भव्य है और अब ये मंदिर के क्षेत्र को 10 गुना तक बढ़ा देगा। कॉरिडोर में भगवान शिव से जुड़ी कई मूर्तियां लगाई गई हैं, जो अलग अलग कहानी बताती है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 300 मीटर में बना है, जबकि इसकी लंबाई 900 मीटर है। इसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भव्य माना जा रहा है। इस पर 856 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 

पीएम मोदी ने किया ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन
19 नवंबर, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दोपहर करीब दो बजे ‘काशी तमिल संगमम’ का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री मोदी के विजन से निर्देशित, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विचार को प्रोत्साहित करना सरकार के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में एक रहा है। इस विजन को प्रतिबिंबित करने वाली एक अन्य पहल में काशी में एक महीने तक चलने वाले कार्यक्रम ‘काशी तमिल संगमम’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों का उत्सव मनाना, पुन: पुष्टि करना और फिर से खोज करना है। तमिलनाडु और काशी देश के दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षा केंद्र हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, विद्यार्थियों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों आदि सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने तथा एक दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है।

पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना राम वन गमन पथ 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना रामपथ गमन का उद्देश्य 9 राज्यों के उन 15 स्थानों का पुननिर्माण करना जहां-जहां भगवान श्रीराम गए थे। इस परियोजना में इन स्थानों का धार्मिक और पर्यटन के लिहाज से विकसित करना है। फिलहाल इस योजना पर सभी 9 राज्यों की सरकार केन्द्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही हैं। गौरतलब है कि अयोध्या से वन गमन को चले भगवान श्रीराम के पग जहां-जहां पड़े थे, अब वहां राम वन गमन पथ बनाया जा रहा है। राम वन गम पथ बनाने की तैयारी पूरी हो गई है। छह चरणों में 177 किलोमीटर का फोरलेन राम वन गमन पथ का निर्माण किया जाना है। इस पर 4319 करोड़ रुपये की लागत आएगी। दरअसल माना जाता है कि अयोध्या से श्रीलंका तक की 14 साल की यात्रा में श्रीराम ने करीब 10 किमी का सफर तय किया। इस बीच लगभग 248 ऐसे प्रमुख स्थल थे जहां उन्होंने या तो विश्राम किया या फिर उनसे उनका कोई रिश्ता जुड़ा। आज यह स्थान धार्मिक रूप में राम की वन यात्रा के रूप में याद किए जाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी इस साल श्री केदारनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ के दर्शन के साथ कई मंदिरों में पूजा अर्चना की, देखिए प्रधानमंत्री मोदी की भक्ति-भाव से पूर्ण तस्वीरें-

श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में पूजा-अर्चना
16 फरवरी, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16 फरवरी, 2022 को रविदास जयंती के अवसर पर दिल्ली के करोलबाग में श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां मत्था भी टेका। श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में दर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर परिसर में मौजूद महिलाओं के साथ भजन कीर्तन किया। 

पीएम मोदी ने देवघर में की बाबा बैद्यनाथ धाम में पूजा-अर्चना
12 जुलाई, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 जुलाई, 2022 को झारखंड में देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी ने 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग की पूजा-अर्चना की। प्रधानमंत्री मोदी ने बाबाधाम मंदिर के 5 पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान शिव पर जलाभिषेक किया। पीएम मोदी ने बाबा बैद्यनाथ दरबार में करीब 20 मिनट तक पूजा-अर्चना की। 

प्रधानमंत्री मोदी ने की श्री केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना
21 अक्टूबर, 2022

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 अक्टूबर, 2022 को उत्तराखंड में केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना की। बाबा केदार के दर्शन के बाद उन्होंने रुद्राभिषेक अनुष्ठान किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद श्री मोदी छठी बार केदारनाथ पहुंचे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री पारंपरिक पहाड़ी पोशाक में नजर आए। प्रधानमंत्री ने आदि गुरु शंकराचार्य समाधि स्थल का भी दौरा किया। उन्होंने केदारनाथ, बद्रीनाथ व माणा में 3400 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया। 

अयोध्या में छोटी दीपावली पर भव्य दीपोत्सव में हुए शामिल
23 अक्टूबर, 2022

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में छोटी दीपावली के अवसर पर 23 अक्टूबर, 2022 को भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया था। इसमें प्रधानमंत्री मोदी शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रामलला के दर्शन किए औऱ उनका आशीर्वाद लिया। राम लला के दर्शन के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर के नक्शे को देखा और जानकारी ली और निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने महर्षि वशिष्ठ की भूमिका में श्रीराम का राजतिलक कर आरती उतारी और सभा को संबोधित किया। छोटी दीपावली के अवसर पर अयोध्या में 15.46 लाख दीए जलाए गए।

 

Leave a Reply