प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 नवंबर को मध्य प्रदेश के भोपाल में रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने भोपाल में पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश में रेलवे की कई अन्य पहलों को भी राष्ट्र को समर्पित किया जिनमें रेललाइन परिवर्तन और विद्युतीकृत उज्जैन-फतेहाबाद चंद्रावतीगंज बड़ी लाइन खंड, भोपाल-बरखेड़ा खंड में तीसरी रेल लाइन, रेललाइन परिवर्तन और विद्युतीकृत मथेला-निमाड़ खीरी बड़ी लाइन खंड और विद्युतीकृत गुना-ग्वालियर खंड शामिल है। प्रधानमंत्री ने उज्जैन-इंदौर और इंदौर-उज्जैन के बीच दो नई मेमू रेलगाड़ियों को भी झंडी दिखा कर रवाना किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है, बल्कि गिन्नौरगढ़ की रानी, कमलापति जी का इससे नाम जुड़ने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। गोंडवाना के गौरव से आज भारतीय रेलवे का गौरव भी जुड़ गया है। प्रधानमंत्री ने आधुनिक रेलवे की परियोजनाओं के समर्पण को गौरवशाली इतिहास और समृद्ध आधुनिक भविष्य का संगम बताया। उन्होंने जनजातीय गौरव दिवस की भी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश की जनता को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला आईएसओ सर्टिफाइड, देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं कभी केवल एयरपोर्ट पर मिला करती थीं, वे सुविधाएं अब रेलवे स्टेशन पर भी उपलब्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रेल सिर्फ दूरियों को कनेक्ट करने का माध्यम ही नहीं है, बल्कि ये देश की संस्कृति, देश के पर्यटन और तीर्थाटन को कनेक्ट करने का भी अहम माध्यम बन रही है। श्री मोदी ने कहा की आज़ादी के इतने दशकों बाद पहली बार भारतीय रेल के इस सामर्थ्य को इतने बड़े स्तर पर एक्सप्लोर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए अगर उपयोग किया भी गया, तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया। श्री मोदी ने कहा कि पहली बार आम लोगों को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है।
उन्होंने बदलाव की चुनौती को स्वीकार करने और उस पर काम करने के लिए रेलवे की सराहना की।