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पश्चिम बंगाल एक समय भारत के विकास का केंद्र था, लेकिन आज स्थिति पूरी तरह उलट गई है- प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज,18 जुलाई को दुर्गापुर की धरती से पश्चिम बंगाल के औद्योगिक, सामाजिक और सांस्कृतिक ऐतिहासिक गौरव को याद करते हुए राज्य में ‘बदहाल’ होते जा रहे हालातों पर गहरा अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, एक समय में भारत के विकास का केंद्र हुआ करता था, लेकिन आज स्थिति पूरी तरह उलट गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वही बंगाल है, जिसने भारत को पहली औद्योगिक नीति दी, जो कभी देश का औद्योगिक और रोजगार का केंद्र था। दुर्गापुर, बर्धमान, आसनसोल जैसे शहर जहां देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग रोजगार के लिए आते थे, वहीं आज यहां के नौजवान पलायन को मजबूर हैं, छोटे-छोटे काम के लिए भी उन्हें राज्य से बाहर जाना पड़ता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह धरती देश के पहले उद्योग मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बीसी रॉय, द्वारकानाथ टैगोर और स्टील उद्योग के पितामह सर बीरेन मुखर्जी जैसी महान विभूतियों की रही है, जिन्होंने न केवल बंगाल, बल्कि पूरे देश के औद्योगिक विकास की नींव रखी। लेकिन वर्तमान टीएमसी सरकार की नीतियां निवेश और रोजगार के खिलाफ हैं। कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार, माफिया और ‘सिंडिकेट राज’ के कारण उद्योग बंद हो रहे हैं। राज्य में नई इकाइयां लग नहीं रही हैं और निवेशक डरकर भाग रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिम बंगाल के पास मौजूद प्राकृतिक संसाधनों, प्रतिभावान युवाओं, विशाल नदी-पोर्ट नेटवर्क और ऐतिहासिक व्यापारिक पहचान का हवाला देते हुए वादा किया कि अगर भाजपा को मौका मिला तो चंद वर्षों में ही बंगाल, देश के टॉप इंडस्ट्रियल राज्यों में आ सकता है। उन्होंने कहा कि ‘ये यकीन दिलाने आया हूं, बंगाल की बदहाल स्थिति को बदला जा सकता है। बीजेपी सरकार आने के बाद कुछ ही वर्षों में पश्चिम बंगाल, देश के टॉप इंडस्ट्रियल राज्यों में से एक बन सकता है।’ उन्होंने कहा कि जब तक बंगाल में टीएमसी की सरकार दीवार बनकर खड़ी है, विकास तेज नहीं हो सकता। जिस दिन ये दीवार गिरेगी, उसी दिन बंगाल विकास की नई रफ्तार पकड़ लेगा।

उन्होंने शिक्षा, महिला सुरक्षा और सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया और टीएमसी सरकार के घुसपैठियों को संरक्षण देने के आरोप लगाए। उन्होंने असम, त्रिपुरा और ओडिशा का उदाहरण देते हुए बंगाल के मतदाताओं से एक बार भाजपा को पूरा मौका देने की अपील की। उन्होंने बंगाल का पुराना गौरव लौटाने, नया निवेश लाने और युवाओं को अवसर देने के लिए सत्ता परिवर्तन जरूरी बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमें पश्चिम बंगाल का पुराना गौरव वापस लाना है। इसके लिए जरूरी है कि पश्चिम बंगाल में नया निवेश आए। लोग यहां उद्योग लगाने के लिए आगे आएं। यहां के नौजवानों की शिक्षा और कौशल पर ज्यादा निवेश हो, लेकिन जब तक यहां टीएमसी की सरकार रहेगी, ये कभी भी नहीं होने देगी।’

दुर्गापुर की जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मां, माटी, मानुष की बात करने वाली पार्टी की सरकार में बेटियों के साथ जो अन्याय हो रहा है, वो पीड़ा भी देता है और आक्रोश से भी भरता है। ये उस धरती पर हो रहा है जिसने कादंबिनी गांगुली जैसी बेटी को संस्कार दिए। जो भारत की पहली वेस्टर्न मेडिसिन डॉक्टर थीं। आज उनका जन्मदिन भी है, लेकिन आज पश्चिम बंगाल में अस्पताल भी बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं है। और आप सबने देखा है जब यहां डॉक्टर बेटी के साथ अत्याचार हुआ तो कैसे टीएमसी सरकार अपराधियों को बचाने में जुट गई। हमें मिलकर बंगाल को इस निर्ममता से मुक्ति दिलानी है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘टीएमसी ने अपने स्वार्थ में पश्चिम बंगाल की पहचान को भी दांव पर लगा दिया है। इसके लिए यहां घुसपैठ को बढ़ावा दिया जा रहा है। घुसपैठियों के फर्जी कागज़ बनाए जा रहे हैं। इसका एक पूरा इकोसिस्टम यहां डेवलप किया गया है। ये पश्चिम बंगाल की, देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। ये बांग्ला संस्कृति के लिए खतरा है, लेकिन तुष्टिकरण के लिए टीएमसी हर हद पार कर रही है। आज जब देश के सामने टीएमसी की साजिशें उजागर हो गई हैं, तो उसने घुसपैठियों के पक्ष में नई मुहिम शुरु कर दी है। ये देश के संविधान को, संवैधानिक संस्थाओं को भी चुनौती दे रहे हैं। टीएमसी अब उनके समर्थन में खुलकर उतर आई है। लेकिन मैं दुर्गापुर की धरती से साफ-साफ कह दूं. जो भारत का नागरिक नहीं है। जो घुसपैठ करके आया है। उसके साथ भारत के संविधान के तहत न्याय-सम्मत कार्रवाई होती रहेगी।’

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