कर्नाटक के शिल्प गुरु शाह रशीद अहमद कादरी 500 साल पुरानी बीदरी कला को जिंदा रखे हुए हैं। देश-दुनिया में वह दशकों से अपनी आकर्षक कृतियों का प्रदर्शन कर लोगों को चमत्कृत चुके हैं। लेकिन पद्म पुरस्कारों के लिए आयोजित समारोह में चमत्कृत होने की बारी खुद कादरी की ही थी। शाह रशीद अहमद कादरी को जब पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया, तो वे अभिभूत हो गए। दिल में बरसों से छिपे अहसास जुबां पर आ ही गए। सम्मान मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनका एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वह साफ कहते हैं कि उन्हें कांग्रेस राज में पद्म सम्मान मिलने की उम्मीद थी। वह यूपीए शासन में हर साल इसका इंतजार करते रहे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कादरी ने दिली जज्बात खोलते हुए कहा कि बीजेपी सरकार से उन्हें यह पुरस्कार मिलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन, पीएम नरेन्द्र मोदी ने उन्हें गलत साबित कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कादरी के कथन पर बड़ी विनम्रता के साथ मुस्करा दिए।मोदी सरकार ने जनहित के कामों में जुटे अनाम हीरोज को पुरस्कार के नवाजा
यह भी हकीकत है कि ऐसा पहली बार नहीं है, जबकि पीएम मोदी के फैसलों से जनता के दिल से खुशी के अहसास निकले हों। इससे पहले भी पीएम मोदी के कार्यकाल में ही पद्म पुरस्कार सेलिब्रेटी समूह से निकलकर उन अनाम हीरोज के बीच पहुंचे हैं, जो जमीन से जुड़कर पूरी निष्ठा, लगन, ईमानदारी और परिश्रम के साथ जनहित के कामों में जुटे हुए हैं। यह ऐसे हीरोज हैं जो कई दशकों से अपनी सेवा में लीन हैं, लेकिन केंद्र की कांग्रेस सरकार को इन जन कल्याणकारी काम दिखाई ही नहीं दिए। दूसरी ओर पीएम मोदी के कार्यकाल में ऐसे ही सेवाभावी लोगों को ढूंढ-ढूंढकर पद्म पुरस्कारों से नवाजा गया। वे लोग वाकई इन पुरस्कारों के काबिल थे, इसलिए मोदी सरकार के इन फैसलों की चहुंओर मुक्त कंठ से प्रशंसा की गई।
#WATCH | I tried for 10 years to get this award. When BJP govt came, I thought I will not get this award because BJP never gives anything to Muslims, but PM Modi proved me wrong by choosing me for this award: Shah Rasheed Ahmed Quadari, who received Padma Shri award today pic.twitter.com/H3XPTV9xYJ
— ANI (@ANI) April 5, 2023
भावुक कादरी बोले- मुझे लगा था कि बीजेपी सरकार भी मुझे यह सम्मान नहीं देगी
पीएम मोदी की इसी सोच की कड़ी में इस बार पद्म पुरस्कार पाने वालों की फेहरिस्त में शाह रशीद अहमद कादरी का भी नाम शामिल था। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें पद्म श्री से पुरस्कृत किया गया। कादरी को यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मिला। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी पुरस्कार विजेताओं से मुलाकात की। मुलाकात के इसी दौर में जब प्रधानमंत्री मोदी शाह रशीद अहमद कादरी के पास पहुंचे तो वह दिल की बात बोलने से खुद को रोक नहीं पाए। भेंट वार्ता के दौरान पीएम मोदी से कादरी बोले, ‘कांग्रेस राज में मुझे पद्म पुरस्कार नहीं मिला। मैं 5 साल तक यूपीए सरकार से उम्मीद पाले रहा कि मुझे पद्मश्री मिलेगा, लेकिन नहीं मिला। मुझे लगा था कि बीजेपी सरकार भी मुझे यह सम्मान नहीं देगी। लेकिन, आपने मुझे गलत साबित कर दिया। मुझे चुना इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।’
कर्नाटक के बीदर के शाह रशीद अहमद क़ादरी को पद्म श्री सम्मान दिया गया। उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि उन्हें लगता था कि यूपीए में पद्म सम्मान मिलेगा लेकिन नहीं मिला। बीजेपी सरकार में उन्हें पद्म सम्मान की उम्मीद नहीं थी लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें ग़लत साबित कर दिया। pic.twitter.com/AvA1rmyilx
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) April 5, 2023
कादरी के चलते कर्नाटक की बीदरी लोककला का विस्तार अन्य राज्यों में हुआ
रशीद कादरी की बात सुनकर पीएम मोदी हँस पड़े। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में पीएम के साथ गृहमंत्री अमित शाह भी नजर आ रहे हैं। काबिले गौर है कि दशकों से अहमद कादरी बीदरी कला में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करते हुए इस लोककला को संजोए हुए हैं। शाह रशीद बीदरी कला में नए पैटर्न और डिजाइन पेश करने के लिए मशहूर हैं। बता दें बीदरी कर्नाटक की लोककला है जो राज्य के बीदर शहर से शुरु हुई और धीरे-धीरे इस कला का प्रसार तेलंगाना और आंध्रप्रदेश में भी हो गया।पीएम के विजन ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पुरस्कारों को नई ऊंचाई दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्सर कहते हैं कि राजनीति को अलग रखते हुए, पुरस्कारों को उन लोगों को दिया जाना चाहिए, जिन्होंने देश के महान कार्य में योगदान दिया है। मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान उनके इसी विजन ने भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों को नई ऊंचाई दी है। इससे पहले भी पीएम मोदी ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विपक्ष के नेताओं को भी ये पुरस्कार देकर उदारता दिखाई है। इस बार भी दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव और मशहूर चिकित्सक दिलीप महालनाबिस को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया। उनकी दूरदृष्टि का प्रभाव इस बात से स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल के दौरान विपक्षी दलों के कई नेताओं को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस नेता प्रणव मुखर्जी को तो पीएम मोदी कार्यकाल में ही भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 53 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस वर्ष के गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 106 पद्म पुरस्कार दिए जाने को मंजूरी दी थी। पांच अप्रैल को कुल 53 पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया गया । इनमें तीन पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 45 पद्म श्री शामिल रहे। अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों को 22 मार्च को पद्म पुरस्कार दिए गए थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लेखक सुधा मूर्ति, भौतिक विज्ञानी दीपक धर, उपन्यासकार एस.एल. भैरप्पा और वैदिक विद्वान त्रिदंडी चिन्ना जे. स्वामीजी को भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनके अलावा आरआरआर फिल्म के लिए नाटू नाटू गाने लिखने वाले संगीतकार एमएम कीरावनी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया। नाटू नाटू गाने को ऑस्कर अवार्ड भी मिल चुका है।गुलाम नबी आजाद और सीपीआई (एम) के नेता बुद्धदेव को पद्म पुरस्कार
पीएम मोदी के उदार विजन को आगे बढ़ाते हुए पिछले साल भी गणतंत्र दिवस के मौके पर कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में कुछ बड़े नामों से सम्मानित करने के साथ ही विपक्ष के दो बहुत वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और सीपीआई (एम) के दिग्गज नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा हुई। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण दिया गया। आजाद असंतुष्ट जी-23 समूह के एक प्रमुख सदस्य हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने आजाद को पुरस्कार मिलने की बधाई दी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर कांग्रेस पर बड़ा निशाना साधा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘गुलाम नबी आजाद को पदम भूषण मिला है। बधाई हो भाईजान। विडंबना यह है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को मान्यता दे रहा है, तब कांग्रेस को उनकी सेवाओं की आवश्यकता नहीं है।
पूर्व राष्ट्रपति रहे कांग्रेस नेता प्रणव मुखर्जी को दिया भारत रत्न
आइये, जानते हैं कि पीएम मोदी के कार्यकाल में विपक्ष के किन नेताओं को दलगत राजनीति की संकुचित सोच से ऊपर उठकर भारत रत्न और पद्म पुरस्कार दिए गए। विपक्षी नेताओं की इस सूची में सबसे बड़ा नाम पूर्व राष्ट्रपति रहे कांग्रेस नेता प्रणव मुखर्जी का है। प्रणव मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे। कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत को सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया गया। भारत के 75 साल के इतिहास में मोदी जैसी उदारता देश का कोई प्रधानमंत्री नहीं दिखा पाया।
पीएम मोदी कार्यकाल में इन नेताओं को मिले पद्म पुरस्कार
- गुलाम नबी आजाद – जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को 2022 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- तरुण गोगोई – असम के मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस नेता तरुण गोगोई को 2021 में मरणोपरांत पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- एस.सी. जमीर – नगालैंड के मुख्यमंत्री रहे और महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा के गवर्नर रहे कांग्रेस नेता एससी जमीर को 2020 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- तरलोचन सिंह – देश के पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के प्रेस सचिव और राज्यसभा सांसद तरलोचन सिंह को 2020 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- मुज्जफर हुसैन बेग – जम्मू-कश्मीर के डिप्टी चीफ मिनिस्टर और पीडीपी नेता मुज्जफर हुसैन बेग को 2020 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में इन विपक्षी नेताओं को मिले पद्म पुरस्कार
- भम्बानी चरण पटनायक – उड़ीसा के कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य भम्बानी चरण पटनायक को 2018 में पद्मश्री अवार्ड के सम्मानित किया गया।
- शरद पवार- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख और क्रिकेट प्रशासक रहे शरद पवार को 2017 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- पीए संगमा – लोकसभा के पूर्व स्पीकर और मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्रीपीए संगमा को 2017 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- तोखेहो सामी – नगालैंड के कांग्रेस नेता और मिनिस्टर ऑफ स्टेट रहे तोखेहो सामी को 2016 में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।
कांग्रेस का छोटा दिल, सिर्फ अटल बिहारी को दिया पद्म पुरस्कार
कांग्रेस और यूपीए सरकार की बात करें तो इन्होंने देश के सर्वोच्च चार पुरस्कार देने में बेहद संकुचित रवैया अपनाया। कांग्रेस ने देश के लिए उत्कृष्ट कार्य करने के बजाए कई अपने चहेतों को भी पुरस्कृत किया। भारतीय लोकदल के सांसद मोहन धारिया को यूपीए सरकार ने 2005 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया। भारतीय लोकदल ने इंदिरा गांधी के विपक्ष में चुनाव लड़ा था। हालांकि, धारिया भी 1971 में पुणे से कांग्रेस की टिकट पर जीते थे। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 1992 में पद्म पुरस्कार से नवाजा गया।