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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को मिली बड़ी सफलता, चीन से दोगुना अधिक वोट पाकर UN की सर्वोच्च सांख्यिकी निकाय का जीता चुनाव, जयशंकर ने दी बधाई

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक के बाद एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर रहा है। इसी क्रम में भारत ने विश्व के सबसे शक्तिशाली मंच पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने में एक बड़ी सफलता अर्जित की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च सांख्यिकी संस्था का चुनाव जीत कर देशवासियों को गर्व करने का एक बड़ा अवसर दिया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस चुनाव में भारत ने अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वि चीन के मुबाकले दो गुने से अधिक मत पाकर उसे पीछे छोड़ दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस सफलता के लिए भारतीय टीम को बधाई दी। अब भारत अगले साल एक जनवरी को चार साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग की सदस्यता ग्रहण करेगा।

दरअसल बुधवार (05 अप्रैल, 2023) को संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के चुनाव में गुप्त मतदान हुआ। इस चुनाव में भारत ने 53 में से 46 मत हासिल करके शानदार जीत हासिल की। जबकि प्रतिद्वंद्वी कोरिया गणराज्य को 23 मत, चीन को 19 मत और संयुक्त अरब अमीरात को 15 मत मिले। इस बहुकोणीय मुकाबले में दो सीटों के लिए चार देश मैदान में थे। वहीं अर्जेंटिना, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया, यूक्रेन, यूनाइडेट रिपब्लिक ऑफ तंजानिया और अमेरिका निर्विरोध चुने गए।

बहुकोणीय मुकाबले में भारत को मिली शानदार जीत पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (5 अप्रैल) को ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा,  “1 जनवरी, 2024 से शुरू होने वाले 4 साल के कार्यकाल के लिए भारत सर्वोच्च संयुक्त राष्ट्र UN सांख्यिकीय निकाय के लिए चुना गया। इस जीत पर बधाई। उन्होंने आगे लिखा कि भारत को सांख्यिकी, विविधता और जनसांख्यिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञता से संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग की एक सीट पाने में मदद मिली।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसमें बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के अलावा भारत को नारकोटिक ड्रग्स पर आयोग और एचआईवी/एड्स (यूएनएड्स) पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के समन्वय बोर्ड के सदस्य के रूप में भी चुना गया है। ये ECOSOC की महत्वपूर्ण सहायक संस्थाएं हैं। नारकोटिक ड्रग्स पर आयोग अंतरराष्ट्रीय दवा नियंत्रण संधियों के आवेदन की निगरानी करता है, जबकि यूएनएड्स का कार्यक्रम समन्वय बोर्ड एचआईवी/एड्स के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का समर्थन करता है।

इस प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग के चुनाव में भारत को जो भारी समर्थन मिला है, वह इस संस्था के मामले में भारत की विशेषज्ञता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भरोसे को दर्शाता है। भारत अपने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘विश्व एक परिवार है’ के दर्शन से प्रेरित होकर इस संस्था में और संयुक्त राष्ट्र के अन्य सहायक अंगों में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता रहेगा। इसके साथ ही भारत वैश्विक चुनौतियों के सामूहिक या बहुपक्षीय समाधान खोजने का भी प्रयास करेगा। गौरतलब है कि भारत आखिरी बार 2004 में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग का सदस्य था। इस तरह भारत दो दशक के अंतराल के बाद इस आयोग में वापसी कर रहा है।

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