Home समाचार कैथोलिक बिशप्स के क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी, देखिए तस्वीरें

कैथोलिक बिशप्स के क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री मोदी, देखिए तस्वीरें

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 दिसंबर को नई दिल्ली में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल हुए। कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में आयोजित इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होने वाले नरेन्द्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कार्डिनल, बिशप और चर्च के प्रमुख नेताओं सहित ईसाई समुदाय के प्रमुख लोगों से बातचीत भी की।

ईसाई समुदाय के लोगों को क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले वे केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के निवास पर आयोजित क्रिसमस समारोह में शामिल हुए थे और आज वे सीबीसीआई के इस कार्यक्रम में शामिल होकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यह अवसर विशेष रूप से इसलिए भी खास है क्योंकि यह सीबीसीआई की 80वीं वर्षगांठ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज आपके बीच आया हूं तो कितना कुछ याद आ रहा है। मेरे लिए वो बहुत संतोष के क्षण थे, जब हम एक दशक पहले फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्ध-ग्रस्त अफगानिस्तान से सुरक्षित बचाकर वापस लाए थे। इसी तरह, हमारे फादर टॉम यमन में बंधक बना दिए गए थे। हमारी सरकार ने वहां भी पूरी ताकत लगाई, और हम उन्हें वापस घर लेकर आए। जब गल्फ देशों में हमारी नर्स बहनें संकट से घिर गई थीं, तो भी पूरा देश उनकी चिंता कर रहा था। उन्हें भी घर वापस लाने का हमारा अथक प्रयास रंग लाया। हमारे लिए ये प्रयास केवल कूटनीतिक मिशन नहीं थे। ये हमारे लिए एक इमोशनल कमिटमेंट था, ये अपने परिवार के किसी सदस्य को बचाकर लाने का मिशन था। भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो, किसी भी विपत्ति में हो, आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है, इसे अपना कर्तव्य समझता है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘भारत अपनी विदेश नीति में भी राष्ट्रहित के साथ-साथ मानव हित को प्राथमिकता देता है। कोरोना के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी, और महसूस भी किया। कोरोना जैसी इतनी बड़ी महामारी आई, दुनिया के कई देश, जो मानवाधिकार और मानवता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो इन बातों को कूटनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जरूरत पड़ने पर वो गरीब और छोटे देशों की मदद से पीछे हट गए। लेकिन, भारत ने परमार्थ भाव से अपने सामर्थ्य से भी आगे जाकर कितने ही देशों की मदद की। हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में दवाइयां पहुंचाईं, कई देशों को वैक्सीन भेजी। इसका पूरी दुनिया पर एक बहुत सकारात्मक असर भी पड़ा। भारत की ये भावना, मानवता के लिए हमारा ये समर्पण, ये ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच ही 21वीं सदी की दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।’

ईसाई समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘बीते 10 साल में हमारे देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। ये इसलिए हुआ क्योंकि गरीबों में एक उम्मीद जगी, की हां, गरीबी से जंग जीती जा सकती है। बीते 10 साल में भारत 10वें नंबर की इकोनॉमी से 5वें नंबर की इकोनॉमी बन गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि हमने खुद पर भरोसा किया, हमने उम्मीद नहीं हारी और इस लक्ष्य को प्राप्त करके दिखाया। भारत की 10 साल की विकास यात्रा ने हमें आने वाले साल और हमारे भविष्य के लिए नई होप दी है, ढेर सारी नई उम्मीदें दी हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीसस क्राइस्ट ने दुनिया को करुणा और निस्वार्थ सेवा का रास्ता दिखाया है। हम क्रिसमस को सेलिब्रेट करते हैं और जीसस को याद करते हैं, ताकि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकें, अपने कर्तव्यों को हमेशा प्राथमिकता दें। ये हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है, सामाजिक दायित्व भी है, और कर्तव्य भी है। आज देश इसी भावना को, ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के संकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है।

देखिए तस्वीरें-

देखिए संबोधन का वीडियो-

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