राज्यसभा में आज सोमवार 8 अगस्त को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को विदाई दी गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वेंकैया नायडू की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ये इस सदन के लिए बहुत ही भावुक पल है। सदन के कितने ही ऐतिहासिक पल आपकी गरिमामयी उपस्थिति से जुड़े हुए हैं। फिर भी अनेक बार आप कहते रहे हैं कि मैं राजनीति से रिटायर हुआ हूं परन्तु सार्वजनिक जीवन से नहीं थका हूं। और इसलिए इस सदन को नेतृत्व देने की आपकी जिम्मेदारी भले ही पूरी हो रही हो लेकिन आपके अनुभवों का लाभ भविष्य में सुदीर्घ काल तक देश को मिलता रहेगा। हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा।’
राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आप देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिसने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया है। आपने सदन में भी हमेशा युवा सांसदों को आगे बढ़ाया, उन्हें प्रोत्साहन दिया। आप लगातार युवाओं के संवाद के लिए यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूशंस लगातार जाते रहे हैं। नई पीढ़ी के साथ आपका एक निरंतर कनेक्ट बना हुआ है और युवाओं को आपका मार्गदर्शन भी मिला है और युवा भी आपको मिलने के लिए हमेशा उत्सुक रहे हैं। इन सभी संस्थानों में आपकी लोकप्रियता भी बहुत रही है। मुझे बताया गया कि उप राष्ट्रपति के रूप में आपने सदन के बाहर जो भाषण दिए, उनमें करीब करीब 25 प्रतिशत युवाओं के बीच में रहे हैं, ये भी अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है।’
उन्होंने कहा, ‘हम जो भी कहते हैं वो महत्वपूर्ण तो होता ही है लेकिन जिस तरीके से कहते हैं उसकी अहमियत ज्यादा होती है। किसी भी संवाद की सफलता का पैमाना यही है कि उसका गहरा इंपैक्ट हो, लोग उसे याद रखें और जो भी कहें उसके बारे में लोग सोचने के लिए मजबूर हों, अभिव्यक्ती की इस कला में वेंकैया जी की दक्षता इस बात से हम सदन में भी और सदन के बाहर देश के सभी लोग भली भांति परिचित हैं। आपकी अभिव्यक्ति का अंदाज जितना बेबाक है, उतना ही बेजोड़ भी है। आपकी बातों में गहराई भी होती है, गंभीरता भी होती है। वाणी में विज भी होता है और वेट भी होता है। संवाद का आपका तरीका ऐसे ही एक किसी बात के मर्म को छू जाता है और सुनने में मधुर भी लगता है।’