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प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्णिया से दिया विकास और सुरक्षा का दोहरा संदेश, कहा-जो भी घुसपैठिया है, उसे बाहर जाना ही होगा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर 2025 को बिहार के पूर्णिया से न सिर्फ विकास की दर्जनों परियोजनाएं जनता को समर्पित कीं, बल्कि सीमांचल और पूरे देश के लिए एक सख्त सियासी संदेश भी दे डाला- जो भी घुसपैठिया है, उसे बाहर जाना ही होगा। प्रधानमंत्री ने इस दौरे में करीब 40,000 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें रेलवे, एयरपोर्ट, बिजली, सिंचाई, और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी गरीबों से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। खासतौर पर पूर्णिया एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग, जिसे रिकॉर्ड 5 महीने से कम समय में तैयार किया गया, राज्य के एविएशन नेटवर्क को मजबूती देगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सीमांचल, बंगाल, असम जैसे राज्यों में डेमोग्राफिक संकट पैदा हो चुका है, जिसकी वजह विदेशी घुसपैठिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी जैसे दल वोटबैंक की राजनीति के लिए घुसपैठियों की वकालत करते हैं। लेकिन मोदी की गारंटी है – भारत में भारत का कानून चलेगा, घुसपैठियों की मनमानी नहीं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि जो नेता घुसपैठियों की ढाल बन रहे हैं, उन्हें जनता जवाब देगी। घुसपैठ पर ताला लगाना हमारी पक्की जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस और आरजेडी से न केवल बिहार के सम्मान को खतरा है, बल्कि बिहार की पहचान को भी खतरा है। आज सीमांचल और पूर्वी भारत में घुसपैठियों के कारण डेमोग्राफी का कितना बड़ा संकट खड़ा हो चुका है। बिहार, बंगाल, असम, कई राज्यों के लोग अपनी बहनों-बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। घुसपैठ के समर्थन में कांग्रेस-आरजेडी वाले जो विषय उछाल रहे हैं, बिहार और देश की जनता उन्हें बहुत करारा जवाब देने जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस द्वारा सोशल मीडिया पर कथित रूप से बिहार की तुलना बीड़ी से किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ये लोग बिहार का अपमान करते हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि बिहार तरक्की करे। उन्होंने कहा कि आज मेड इन बिहार रेल इंजन अफ्रीका तक एक्सपोर्ट हो रहे हैं, लेकिन इससे भी इन लोगों को जलन हो रही है।

प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि “उनके लिए उनका परिवार ही सब कुछ है, लेकिन मेरे लिए आप सब मोदी का परिवार हैं।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीब की चिंता करती है, जबकि कांग्रेस-आरजेडी सरकारों ने 85 पैसा बीच में खा लिया करते थे। उन्होंने याद दिलाया कि आयुष्मान योजना, मुफ्त राशन, पक्के घर, सब इसी सोच का परिणाम हैं।

प्रधानमंत्री ने दोहराया कि जब तक देश का हर गरीब सुरक्षित और सम्मानजनक घर में नहीं रहेगा, तब तक उनकी सरकार रुकेगी नहीं। उन्होंने अब तक 4 करोड़ से अधिक घरों के निर्माण का जिक्र किया और साथ ही अगले चरण में 3 करोड़ नए घरों के लक्ष्य की घोषणा की। उन्होंने इसे “मोदी की गारंटी” करार दिया-एक ऐसा वाक्य जो अब भारतीय राजनीति में नारा बनता जा रहा है।

इस दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्णिया से लेकर कटिहार, अररिया, भागलपुर, मुंगेर तक कई रेलवे परियोजनाओं की शुरुआत या शिलान्यास किया। अररिया–गलगलिया रेललाइन, विक्रमशिला–कटरिया लाइन, और भागलपुर–दुमका–रामपुरहाट रेललाइन के दोहरीकरण जैसे प्रोजेक्ट्स भविष्य में इस क्षेत्र की लाइफलाइन बनेंगे। बिजली क्षेत्र में पीरपैंती में 2400 मेगावाट थर्मल पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया। इससे राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

बिहार के मखाना किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो नेता अब सीमांचल में घूमते फिरते हैं, “उनको पहले मखाने का नाम तक नहीं मालूम था”। मखाना सेक्टर के विकास के लिए 475 करोड़ रुपये की योजना का एलान किया गया है, जिसमें किसानों को टेक्नोलॉजी, मूल्यवर्धन और बाज़ार की बेहतर सुविधा मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘लखपति दीदी’, ‘ड्रोन दीदी’ और ‘जीविका दीदी’ जैसे अभियानों को बिहार की महिला शक्ति का प्रतीक बताया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 500 करोड़ रुपये का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड जारी किया, जिससे स्वयं सहायता समूहों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने खास तौर पर बिहार की महिलाओं को सलाम किया और कहा कि बिहार की माताएं-बहनें आज देश में बदलाव की सबसे बड़ी मिसाल बन चुकी हैं।

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