Home समाचार जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियों को कभी...

जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियों को कभी नहीं बदल सकते- बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री मोदी

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 24 फरवरी को बिहार के भागलपुर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जहां बिहार में एनडीए सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार तेजी से विकास के काम कर रही है। वहीं, लालू यादव की पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो स्थितियों को कभी नहीं बदल सकते।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘एनडीए सरकार चाहे केंद्र में हो या फिर यहां नीतीश जी के नेतृत्व में चल रही सरकार हो, किसान कल्यान हमारी प्राथमिकता में है। बीते दशक में हमने किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए पूरी शक्ति से काम किया है। किसान को खेती के लिए अच्छे बीज चाहिए, पर्याप्त और सस्ती खाद चाहिए, किसानों को सिंचाई की सुविधा चाहिए, पशुओं का बीमारी से बचाव चाहिए और आपदा के समय नुकसान से सुरक्षा चाहिए। पहले इन सभी पहलुओं को लेकर किसान संकट से घिरा रहता था। जो लोग पशुओं का चारा खा सकते हैं, वो इन स्थितियों को कभी भी नहीं बदल सकते। एनडीए सरकार ने इस स्थिति को बदला है। आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर एनडीए सरकार ना होती, क्या होता।’

उन्होंने कहा कि ‘एनडीए सरकार ना होती, तो आपको पीएम किसान सम्मान निधि, ये भी नहीं मिलती। इस योजना को शुरु हुए अभी करीब 6 साल हुए हैं। अभी तक लगभग 3 लाख 70 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में पहुंच चुके हैं। बीच में कोई बिचौलिया नहीं, कोई कटकी कंपनी नहीं, एक रुपया दिल्ली से निकले 100 पैसा सीधा पहुंचता है। ये आप जैसे छोटे किसान हैं, जिनको पहले सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता था। छोटे किसानों का हक भी बिचौलिए हड़प कर लेते थे। लेकिन ये मोदी है, ये नीतीश जी हैं, जो किसानों के हक का किसी को नहीं खाने देंगे।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘बीते वर्षों में सरकार के प्रयासों से भारत का कृषि निर्यात बहुत अधिक बढ़ा है। इससे किसानों को उनकी उपज की ज्यादा कीमत मिलने लगी है। कई कृषि उत्पाद ऐसे हैं, जिनका पहली बार निर्यात शुरु हुआ है। अब बारी बिहार के मखाना की है। मखाना आज देश के शहरों में सुबह के नाश्ते का प्रमुख अंग हो चुका है। मैं भी 365 दिन में से 300 दिन तो ऐसे होंगे, कि मैं मखाना जरूर खाता हूं। ये एक सुपरफूड है, जिसे अब दुनिया के बाज़ारों तक पहुंचाना है। इसलिए, इस वर्ष के बजट में मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया है। ये मखाना बोर्ड, मखाना उत्पादन, प्रोसेसिंग,वैल्यू एडिशन, और मार्केटिंग, ऐसे हर पहलू में बिहार के मेरे किसानों की मदद करेगा।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बिहार में बाढ़ से भी बहुत नुकसान होता है। इसके लिए भी हमारी सरकार ने हजारों करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स स्वीकृत किए हैं। इस वर्ष के बजट में तो पश्चिमी कोशी नहर ईआरएम परियोजना के लिए मदद देने की घोषणा की गई है। इस परियोजना से मिथिलांचल क्षेत्र में 50 हज़ार हेक्टेयर भूमि सिंचाई के दायरे में आएगी। इससे लाखों किसान परिवारों को लाभ होगा।’

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘एनडीए सरकार, किसानों की आय बढ़ाने के लिए अलग-अलग स्तर पर काम कर रही है। भारत में उत्पादन बढ़े, दलहन और तिलहन में हम आत्मनिर्भर हों, यहां ज्यादा से ज्यादा फूड प्रोसेसिंग उद्योग लगें, और हमारे किसानों के उत्पाद दुनिया भर तक पहुंचें, इसके लिए सरकार एक के बाद एक नए कदम उठा रही है। मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर रसोई में भारत के किसान का उगाया कोई ना कोई उत्पाद होना ही चाहिए। इस वर्ष के बजट ने भी इसी विजन को आगे बढ़ाया है। बजट में एक बहुत ही बड़ी पीएम धन धान्य योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत देश के 100 ऐसे जिलों की पहचान की जाएगी, जहां सबसे कम फसल उत्पादन होती है। फिर ऐसे जिलों में खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘पूर्वोदय से ही विकसित भारत का उदय होगा। और हमारा बिहार पूर्वी भारत का सबसे अहम स्तंभ है। बिहार, भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। कांग्रेस-RJD के लंबे कुशासन ने बिहार को बर्बाद किया, बिहार को बदनाम किया। लेकिन अब विकसित भारत में बिहार का वही स्थान होगा, जो प्राचीन समृद्ध भारत में पाटलिपुत्र का था। इसके लिए हम सभी मिलकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार, भारत की गौरवशाली विरासत के संरक्षण और वैभवशाली भविष्य के निर्माण के लिए एक साथ काम कर रही है। लेकिन ये जो जंगलराज वाले हैं, इनको हमारी धरोहर से, हमारी आस्था से नफरत है। इस समय, प्रयागराज में एकता का महाकुंभ चल रहा है। ये भारत की आस्था का, भारत की एकता और समरसता का, सबसे बड़ा महोत्सव है। पूरे यूरोप की जितनी जनसंख्या है, उससे भी बहुत ज्यादा लोग अब तक एकता के इस महाकुंभ में डूबकी लगा चुके हैं, स्नान कर चुके हैं। बिहार से भी गांव-गांव से श्रद्धालु एकता के इस महाकुंभ से होकर आ रहे हैं। लेकिन ये जंगलराज वाले महाकुंभ को ही गाली दे रहे हैं, महाकुंभ को लेकर भद्दी-भद्दी बातें कर रहे हैं। राम मंदिर से चिढ़ने वाले ये लोग महाकुंभ को भी कोसने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।’

Leave a Reply