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हमें टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को सर्वाधिकार में बदलना होगा- जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली के अपुलिया में आयोजिहत जी7 शिखर सम्मेलन में टेक्नोलॉजी सेक्टर में एकाधिकार को समाप्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को सर्वाधिकार में बदलना होगा। हमें टेक्नोलॉजी को संहारक नहीं सृजनात्मक रूप देना होगा। तभी हम एक समावेशी समाज की नींव रख सकेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने 14 जून को ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड एनर्जी, अफ्रीका एंड द मेडिटेरियन’ पर आउटरीच सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने जी 7 को उसकी 50वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत एक बार फिर चुने जाने के बाद इस शिखर सम्मेलन में भाग लेना उनके लिए बड़े संतोष की बात है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी को सफल बनाने के लिए उसे मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ तैयार किया जाना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने सार्वजनिक सेवाओं की डिलिवरी के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने में भारत की सफलता का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एआई फॉर ऑल’ यानी सभी के लिए एआई पर आधारित भारत के एआई मिशन के बारे में बताते हुए जोर देकर कहा कि इस टेक्नोलॉजी का उद्देश्य सभी की प्रगति और कल्याण को बढ़ावा देना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत इसी व्यापक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल पार्टनर फॉर एआई के संस्थापक सदस्य के रूप में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दे रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में ऊर्जा परिवर्तन संबंधी कार्यों पर कहा कि उसका दृष्टिकोण उपलब्धता, पहुंच, किफायत और स्वीकार्यता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि भारत 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने भारत के मिशन लाइफ (लाइफस्टाइल फॉर एन्वार्यनमेंट) का उल्लेख करते हुए वैश्विक समुदाय से विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण अभियान- ‘प्लांट4मदर’ (एक पेड़ मां के नाम) अभियान में शामिल होने और इसे एक जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल साउथ और विशेष रूप से अफ्रीका की चिंताओं को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने याद दिलाया कि यह भारत के लिए सम्मान की बात है कि उसकी अध्यक्षता में जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकन यूनियन को शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि अफ्रीका के सभी देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में भारत योगदान देता आया है और आगे भी देता रहेगा।

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