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पीएम मोदी ने यूपी को दी गंगा एक्सप्रेस-वे की सौगात, एक साथ जुड़ेंगे 12 जिले, राज्य के विकास को मिलेगी रफ्तार

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन में उत्तर प्रदेश विकास के एक्सप्रेस-वे पर तेजी से दौड़ रहा है। काम करने की रफ्तार इतनी तेज है कि एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास और उसका उद्घाटन भी इसी सरकार में हो रहा है। आज यानि 18 दिसंबर, 2021 को यूपी को एक बड़ी सौगात मिली, जब शाहजहांपुर में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के सबसे बड़े गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया। गंगा एक्सप्रेस-वे 36 हजार 200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक यूपी के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलन्दशहर मार्ग (NH-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाइपास (NH-19) पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा।

यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा जिसे बाद में बढ़कर 8 लेन तक किया जा सकेगा। गंगा एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास के बाद जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “गंगा एक्सप्रेस-वे यूपी की प्रगति के नए द्वार खोलेगा। यूपी में जो एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है, नए एयरपोर्ट बन रहे हैं, वो यूपी के लोगों के लिए अनेक वरदान एक साथ लेकर आ रहे हैं। पहला वरदान- समय की बचत, दूसरा- सहूलियत और सुविधा में बढ़ोतरी, तीसरा- संसाधनों का सही प्रयोग, चौथा- सामर्थ्य में वृद्धि और पांचवा चौतरफा शांति। अब आपको एक जगह से दूसरे जगह जाने में ट्रैफिक जाम नहीं मिलेगा।“ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब वो दिन दूर नहीं जब यूपी की पहचान दुनिया में Next generation स्टेट के रूप में होगी।

यूपी के विकास के लिए वरदान होगा गंगा एक्सप्रेस-वे

  • शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण होगा।
  • वायुसेना के विमान आपातकालीन स्थिति में लैंडिंग और उड़ान भरेंगे।
  • इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
  • परियोजना में 12 हजार लोगों का अस्थायी नियोजन किया जाएगा।
  • टोल प्लाजा में करीब 100 व्यक्तियों को स्थायी नौकरी मिलेगी।
  • एक्सप्रेस-वे के किनारे-किनारे 18 लाख 55 हजार पेड़ लगाए जाएंगे।
  • रुहेलखंड और विंध्य इलाके के कम विकसित क्षेत्रों का विकास होगा।
  • औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।
  • बुलंदशहर,बदायूं,शाहजहांपुर,हरदोई,प्रतापगढ़ में औद्योगिक कलस्टर होंगे।  
  • दिल्ली से जोड़ने के लिए औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में मददगार होगा।  
  • शिक्षण, प्रशिक्षण और मेडिकल संस्थान की स्थापना के अवसर मिलेंगे।
  • खाद्य प्रसंस्करण, कृषि मंडी व दूध आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
  • कृषि और लघु उद्योंगों के विकास से किसानों की आय में वृद्धि में होगी।
  • यूपी में आवागमन की सुविधाओं से विदेशी निवेशक भी आकर्षित होंगे।

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