Home समाचार अगले 5 साल में भारतीय रेल का ऐसा कायाकल्प होते देखेंगे, जिसकी...

अगले 5 साल में भारतीय रेल का ऐसा कायाकल्प होते देखेंगे, जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी- प्रधानमंत्री मोदी

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार, 12 मार्च को अहमदाबाद में कहा कि अगले 5 साल में भारतीय रेल का ऐसा कायाकल्प होते देखेंगे, जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी। कार्यक्रम के दौरान 10 नई वंदे भारत ट्रेनों और अन्य ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाते हुए उन्होंने कहा, ‘रेलवे का विकास, सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हमने 10 वर्षों में औसत रेल बजट को 2014 से पहले की तुलना में 6 गुणा ज्यादा बढ़ाया है। और मैं आज देश को ये गारंटी दे रहा हूं कि अगले 5 साल में वो भारतीय रेल का ऐसा कायाकल्प होते देखेंगे, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।’

देश को 85 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आजादी के बाद की सरकारों ने राजनीतिक स्वार्थ को जिस तरह प्राथमिकता दी, उसकी बहुत बड़ी शिकार भारतीय रेल रही है। इन दशकों में समय की पाबंदी, स्वच्छता, सुरक्षा, सहूलियत, सब कुछ ताक पर रख दिए गए। पहले की सरकारों के लिए रेल लाइनों का दोहरीकरण भी प्राथमिकता में नहीं था। इस परिस्थिति में हर पल पिसता कौन था? एक आम भारतीय, एक मध्यम वर्गीय परिवार, भारत का छोटा किसान, भारत का छोटा उद्यमी। लोगों ने भी सोच लिया था कि अब ये हालत कभी बदलेंगे ही नहीं। भारतीय रेल को उस नर्क जैसी स्थिति से बाहर निकालने के लिए जो इच्छाशक्ति चाहिए थी, वो हमारी सरकार ने दिखाई है।’

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम दुनियाभर में कहीं भी देखें, जो देश समृद्ध हुए, औद्योगिक रूप से सक्षम हुए हैं, उनमें रेलवे की बहुत बड़ी भूमिका रही है। इसलिए, रेलवे का कायाकल्प भी विकसित भारत की गारंटी है। आज रेलवे में अभूतपूर्व गति से रिफॉर्म हो रहे हैं। तेज गति से नए रेलवे ट्रैक्स का निर्माण, 1300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण, वंदे भारत, नमो भारत, अमृत भारत जैसी नेक्स्ट जनरेशन ट्रेन, आधुनिक रेलवे इंजन और कोच फैक्ट्रियां, ये सब 21 सदी की भारतीय रेल की तस्वीर बदल रही हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘गति शक्ति कार्गो टर्मिनल पॉलिसी के तहत कार्गो टर्मिनल के निर्माण में गति लाई जा रही है। इससे कार्गो टर्मिनल बनने की गति तेज हुई है। लैंड लीजिंग पॉलिसी को और सरल किया गया है। लैंड लीजिंग प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया है, इससे काम में परदर्शिता आई है। देश के ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर को मजबूती देने के लिए रेलवे मंत्रालय के तहत गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना भी की गई है। हम निरंतर भारतीय रेल को आधुनिक बनाने और देश के कोने-कोने को रेल से जोड़ने में जुटे हैं। हम रेलवे के नेटवर्क से मानवरहित फाटक समाप्त करके ऑटोमेटिक सिग्नेलिंग सिस्टम लगा रहे हैं। हम रेलवे के शत प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन की तरफ बढ़ रहे हैं, हम सौर ऊर्जा से चलने वाले स्टेशन बना रहे हैं। हम स्टेशन पर सस्ती दवा वाले जनऔषधि केंद्र बना रहे हैं।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये ट्रेनें, ये पटरियां, ये स्टेशन, ही नहीं बन रहे, बल्कि इनसे मेड इन इंडिया का एक पूरा इकोसिस्टम बन रहा है। देश में बने लोकोमोटिव हो या ट्रेन के डब्बे हो, भारत से श्रीलंका, मोजांबिक, सेनेगल, म्यानमार, सूडान, जैसे देशों तक एक्सपोर्ट किए जा रहे है। भारत में बनी सेमी-हाईस्पीड ट्रेनों की डिमांड दुनिया में बढ़ेगी, तो कितने ही नए कारखाने यहां लगेंगे। रेलवे में हो रहे ये सारे प्रयास, रेलवे का ये कायाकल्प, नए निवेश और निवेश से नई नौकरियों की भी गारंटी दे रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘भारतीय रेल को हम आत्मनिर्भर भारत का भी एक नया माध्यम बना रहे हैं। मैं वोकल फॉर लोकल का प्रचारक हूं, तो भारतीय रेल वोकल फॉर लोकल का एक सशक्त माध्यम है। हमारे विश्वकर्मा साथियों, हमारे कारीगरों, शिल्पकारों, महिला स्वयं सहायता समूहों के स्थानीय उत्पाद अब स्टेशनों पर बिकेंगे। अभी तक रेलवे स्टेशनों पर ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ के 1500 स्टॉल खुल चुके हैं। इसका लाभ हमारे हजारों गरीब भाई-बहनों को हो रहा है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि भारतीय रेलवे आज विरासत भी विकास भी के मंत्र को साकार करते हुए क्षेत्रीय संस्कृति और आस्था से जुड़े पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है। आज देश में रामायण सर्किट, सिख सर्किट पर भारत गौरव ट्रेनें चल रही हैं। यही नहीं आस्था स्पेशल ट्रेन तो देश के कोने कोने से श्री राम भक्तों को अयोध्या तक ले जा रही है। अबतक क़रीब 350 आस्था ट्रेनें चली हैं और इनके माध्यम से साढ़े चार लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए हैं।’

Leave a Reply