भारत के उत्तर-पूर्व में बीते 50 वर्षों से चली आ रही बोडो समस्या का समाधान हो गया है। इस समस्या की वजह से लगभग चार हजार लोगों की जानें गईं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में सोमवार को बोडो मुद्दे के निराकरण के लिए समझौता किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को ऐतिहासिक बोडो समझौते की तारीफ करते हुए इसे असम की एकता और अखंडता को मजबूत करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ देश जहां बापू को उनकी पुण्यतिथि पर याद कर रहा है, उसी वक्त असम शांति और विकास के ऐतिहासिक अध्याय का गवाह बन रहा है।
पीएम मोदी का यह बयान ऐसे दिन आया है जब नैशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के कई गुटों के 1,615 कैडरों ने असम में मुख्यमंत्री के सामने अपने-अपने हथियार डाले। तीन दिन पहले केंद्र,असम सरकार और बोडो संगठनों के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते के बाद NDFC के लड़ाकों ने अपने हथियार डाले।
इस सिलसिले में पीएम मोदी ने सिलसिलेवार एक के बाद कई ट्वीट करते हुए कहा कि बोडो लोगो के लिए ये एक नई शुरुआत है। पीएम मोदी ने आगे लिखा कि ‘बोडो साथियों के साथ समझौता असम के अन्य समुदायों के हितों की रक्षा करते हुए किया गया है। इसमें सभी की जीत हुई है, मानवता की जीत हुई है। ये जीत और उसके लिए हुए प्रयास सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र से प्रेरित हैं, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से प्रेरित हैं।’
बोडो साथियों के साथ समझौता असम के अन्य समुदायों के हितों की रक्षा करते हुए किया गया है। इसमें सभी की जीत हुई है, मानवता की जीत हुई है। ये जीत और उसके लिए हुए प्रयास सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र से प्रेरित हैं, एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना से प्रेरित हैं।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 30, 2020
पीएम मोदी ने लिखा कि ‘पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर आज असम में 5 दशकों से चली आ रही समस्या का समाधान हुआ है। बोडो संगठनों और सरकार के बीच हुए समझौते ने असम की एकता-अखंडता को और मजबूत किया है। हिंसा छोड़कर, लोकतंत्र और संविधान में आस्था जताने के लिए, मैं अपने बोडो साथियों के निर्णय का स्वागत करता हूं।’
पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर आज असम में 5 दशकों से चली आ रही समस्या का समाधान हुआ है। बोडो संगठनों और सरकार के बीच हुए समझौते ने असम की एकता-अखंडता को और मजबूत किया है। हिंसा छोड़कर, लोकतंत्र और संविधान में आस्था जताने के लिए, मैं अपने बोडो साथियों के निर्णय का स्वागत करता हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 30, 2020
पीएम मोदी ने लिखा कि ‘बोडो साथियों द्वारा शांति का मार्ग अपनाना, हर क्षेत्र के लिए संदेश है। हिंसा छोड़कर, लोकतंत्र एवं संविधान में आस्था से ही सारी समस्याओं का समाधान संभव है। मैं बोडो साथियों का विकास की मुख्यधारा में स्वागत करता हूं। सरकार बोडो क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।’
बोडो साथियों द्वारा शांति का मार्ग अपनाना, हर क्षेत्र के लिए संदेश है। हिंसा छोड़कर, लोकतंत्र एवं संविधान में आस्था से ही सारी समस्याओं का समाधान संभव है। मैं बोडो साथियों का विकास की मुख्यधारा में स्वागत करता हूं। सरकार बोडो क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 30, 2020
पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘बोडो संगठनों से ऐतिहासिक समझौते के बाद अब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बोडो क्षेत्रों का विकास है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये के पैकेज पर जल्द कार्य शुरू करवाया जाएगा। बोडो साथियों का जीवन आसान बने, उन्हें सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इस पर विशेष जोर दिया जाएगा।’
बोडो संगठनों से ऐतिहासिक समझौते के बाद अब सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बोडो क्षेत्रों का विकास है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये के पैकेज पर जल्द कार्य शुरू करवाया जाएगा। बोडो साथियों का जीवन आसान बने, उन्हें सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इस पर विशेष जोर दिया जाएगा।
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