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मोदी सरकार का बड़ा फैसला- दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को मंजूरी, हर ब्लॉक में बनेगा गोदाम

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किसानों के हित में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 31 मई को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना (गोदाम) को मंजूरी दी गई। इस योजना के कार्यान्वयन के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) के गठन और सशक्तिकरण को भी मंजूरी दी गई है।

सहकारिता मंत्री की अध्‍यक्षता में अंतर-मंत्रालयीय समिति (आईएमसी) का गठन किया जाएगा जिसमें कृषि और किसान कल्‍याण मंत्री, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री और संबंधित मंत्रालयों के सचिव, सदस्‍य के रूप में शामिल होंगे।

कैबिनेट ने अनाज भंडारण क्षमता बढाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के क्रियान्‍वयन के लिए नेशनल लेवल पर कमेटी बनेगी तो दूसरी राज्‍य के स्‍तर पर चीफ सेक्रेट्री के स्‍तर पर बनेगी और तीसरी जिला के स्‍तर पर कलेक्‍टर के अध्‍यक्षता में डिस्ट्रिक्‍ट कोऑपरेटिव डेवलेपमेंट कमेटी बनेगी। इससे देश के हर ब्लॉक में कम से कम एक गोदाम बनाए जाएंगे।

देश में फिलहाल 1,450 लाख टन खाद्यान्न भंडारण की क्षमता है। अगले पांच साल में इसे 700 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता बढ़ाने की योजना है, जिससे कुल अन्न भंडारण की क्षमता 2,150 लाख मीट्रिक टन हो जाएगी। अभी उचित भंडारण सुविधाना होने से हर साल लाखों टन अनाज बर्बाद हो जाते हैं। अब इन गोदामों के बन जाने से लाखों टन अनाज को बचाया जा सकेगा। किसानों को कम दाम पर फसल बेचने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा। वे इन गोदाम में फसल को रखकर उसे बाद में अच्छे दाम पर बेच सकेंगे।

इस ऐतिहासिक फैसले से किसानों को ये फायदे होंगे-
1. किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कुछ एडवांस लेकर अपनी फसल पैक्स को दे सकते हैं और पैक्स द्वारा बाजार में इन अनाजों की बिक्री के बाद बाकी राशि प्राप्त कर सकते हैं, या
2. किसान अपनी फसल को पैक्स के गोदाम में जमा कर कर्ज भी सकते हैं फिर अपनी फसल को अपनी इच्छानुसार समय पर बेच सकते हैं, या
3. किसान अपनी पूरी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पैक्स को बेच सकते हैं।

योजना का प्रोफेशनल तरीके से समयबद्ध और एकरूपता के साथ अमल में लाने के लिए सहकारिता मंत्रालय देश के विभिन्‍न राज्‍यों में कम से कम 10 चुने हुए जिलों में एक पायलट परियोजना चलाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट इस योजना की विभिन्‍न क्षेत्रीय आवश्‍यकताओं के संबंध में महत्‍वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा जिसे इस योजना के देशव्‍यापी कार्यान्‍वयन में शामिल किया जाएगा।

सहकार से समृद्धि की परिकल्‍पना को साकार करने के लिए मोदी सरकार विश्‍व की इस सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना को लाई है। इस योजना में पैक्‍स के स्‍तर पर गोदाम, कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स, प्रसंस्‍करण इकाई आदि कई तरह की कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। फिलहाल देश में लगभग एक लाख प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियां (पैक्‍स) हैं जिनके सदस्य देश के 13 करोड़ से भी अधिक किसान हैं। मोदी सरकार के इस पहल से न केवल देश की खाद्य सुरक्षा सुदृढ़ होगी बल्कि पैक्‍स भी एक वायब्रेंट आर्थिक संस्था के रूप में काम कर सकेंगे।

यह एक समृद्ध, आत्मनिर्भर और खाद्यान्नों से संपन्न भारत की नींव रखेगा- अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘आज कैबिनेट में सहकारिता के क्षेत्र में विश्‍व की सबसे बड़ी अन्‍न भंडारण योजना के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन और सशक्‍तीकरण को मंजूरी प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को हृदय से धन्यवाद करता हूं।’

अमित शाह ने कहा कि यह अत्यंत दूरदर्शी निर्णय है, जो एक समृद्ध, आत्मनिर्भर और खाद्यान्नों से संपन्न भारत की नींव रखेगा। कृषि भंडारण क्षमता की कमी से खाद्यान्नों की बर्बादी होती है और किसानों को मजबूरन अपनी फसलों को कम दाम पर बेचना पड़ता है। इस निर्णय से अब किसानों को आधुनिक अन्न भंडारण की सुविधा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के माध्यम से उनके ब्लॉक में मिलेगी, जिससे वे अपने अनाज का उचित मूल्य प्राप्त कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि पैक्स ग्रामीण अर्थव्यवस्था की महत्त्वपूर्ण धुरी हैं। इस योजना से देश को खाद्यान्न सुरक्षा मिलेगी और सहकारिता से जुड़े करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचेगा। इस योजना से पैक्‍स भंडारण के साथ-साथ कई अन्‍य कार्य, जैसे – फेयर प्राइस शॉप व कस्‍टम हायरिंग केन्‍द्रों की तरह भी काम कर पाएंगे।

इस योजना के तहत कन्वर्जेंस के लिए निम्‍नलिखित योजनाएं चिह्नित की गई हैं:

कृषि और किसान कल्‍याण मंत्रालय:
कृषि अवसंरचना कोष (AIF),
कृषि विपणन अवसंरचना योजना (AMI),
एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH),
कृषि यांत्रिकीकरण पर उपमिशन (SMAM)

खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय:
प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्यम उन्‍नयन योजना (PMFME),
प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)

उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय:
राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत खाद्यान्‍नों का आवंटन,
न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीद

योजना के लाभ
*मौजूदा योजना बहुआयामी है- यह न केवल पैक्‍स के स्‍तर पर गोदामों के निर्माण से देश में भंडारण के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर करेगी बल्कि पैक्‍स को कई अन्‍य गतिविधियां करने के लिए भी सक्षम बनाएगी, जैसे:
-राज्‍य एजेंसियों, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के लिए प्रोक्योरमेंट सेंटर्स के रूप में कार्य करना;
-उचित दर दुकानों (FPS) के रूप में सेवा प्रदान करना;
-कस्‍टम हायरिंग सेंटर्स स्‍थापित करना;
-कॉमन प्रसंस्‍करण इकाइयां स्‍थापित करना जिसमें कृषि उपजों की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग इकाई, आदि शामिल हैं।

*स्‍थानीय स्‍तर पर भंडारण क्षमता बनने से खाद्यान्‍न की बर्बादी कम होगी और देश में खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।

*किसानों को विभिन्‍न विकल्‍प प्रदान करके फसलों की बहुत कम मूल्य पर आकस्मिक बिक्री रुकेगी और किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्‍य प्राप्‍त हो सकेगा।

*इससे खरीद केन्द्रों तक और फिर गोदाम से उचित दर दुकानों तक खाद्यान्‍नों के परिवहन में होने वाले खर्च में भारी कमी आएगी।

‘Whole of Government’ अप्रोच से यह योजना पैक्‍स को उनकी व्‍यावसायिक गतिविधियों को विविधतापूर्ण बनाकर उन्‍हें सशक्‍त करेगी जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

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