प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 30 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भारतीय उद्योग परिसंघ-CII की ओर से बजट पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के पश्चात सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार जिस स्पीड और स्केल पर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रही है, वो अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि ‘पहले बजट में जो घोषणाएं होती थीं, वो भी जमीन पर पूरी तरह नहीं उतर पाती थीं। ये लोग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तय की गई राशि को भी पूरी तरह खर्च नहीं कर पाते थे। जब घोषित करते थे तो गेडलाइन लेते थे। योजनाओं को तय समय पर पूरा करने पर भी पहले की सरकारों का कोई जोर नहीं था। हमने 10 वर्षों में इस स्थिति को बदला है। हमारी सरकार जिस स्पीड और स्केल इसके साथ इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रही है, ये अभूतपूर्व है।’
सीआईआई के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस और पिछली यूपीए सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने शरीर की सूजन का उदाहरण देकर मनमोहन सरकार और अपनी सरकार के बजट के फर्क को समझाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘अब जैसे कोई कमजोर व्यक्ति होता है, जिसका वजन कम हो लेकिन उसके शरीर में किसी बीमारी के कारण सूजन आए और पहले की तुलना में जरा कपड़े छोटे होने लग जाए लेकिन क्या उसको हम हेल्दी कहेंगे क्या? वो तंदुरूस्त है ऐसा मानेंगे क्या? वो देखने में भले ही बहुत स्वस्थ लगे लेकिन हकीकत में तो वो कमजोर होता ही है। 2014 से पहले के बजट का भी ऐसा ही हाल था। तब बजट में बड़ी-बड़ी घोषणाएं इसलिए की जाती थीं कि ये दिखाया जा सके कि अर्थव्यवस्था की सेहत अच्छी है। लेकिन सच्चाई ये थी कि बजट में जो घोषणाएं होती थीं, वो भी जमीन पर पूरी तरह नहीं उतर पाती थीं। ये लोग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए तय की गई राशि को भी पूरी तरह खर्च नहीं कर पाते थे।’
सीआईआई सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मुझे याद है, महामारी के समय आप और हम चर्चा कर रहे थे, आप में से भी बहुत लोगों के याद होगा। और चर्चा के केंद्र में विषय रहता था- Getting Growth Back, उसी के इर्द-गिर्द हमारी चर्चा रहती थी। और तब मैंने आपसे कहा था कि भारत बहुत ही जल्द विकास के पथ पर दौड़ेगा। और आज भारत किस ऊंचाई पर है? आज भारत, 8 परसेंट की रफ्तार से ग्रो कर रहा है। आज हम सभी चर्चा कर रहे हैं- ‘विकसित भारत की ओर यात्रा। ये बदलाव सिर्फ सेंटीमेंट्स का नहीं है, ये बदलाव कॉन्फीडेंस का है। आज भारत, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत है, और वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनॉमिक पावर बन जाएगा।’
यूपीए और एनडीए सरकार में फर्क बताते हुए उन्होंने कहा कि ‘2013-14 में जब पिछली सरकार का आखिरी बजट आया था, डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार का लास्ट बजट वो 16 लाख करोड़ रुपए का था। आज हमारी सरकार में ये बजट तीन गुना बढ़कर 48 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। 2004 में यूपीए सरकार के पहले बजट में कैपिटल एक्सपेंडीचर करीब 90 हजार करोड़ रुपए था। 2014 में, यूपीए सरकार का 10वां वर्ष था, अपने कैपिटल एक्सपेंडीचर का बजट 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा पाई थी, यानि 90 हजार करोड़ से 2 लाख करोड़। और आज कैपेक्स 11 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। यानि 2004-2014 के 10th year में कैपेक्स किसी तरह दोगुने पर पहुंचा था। जबकि हमारी सरकार में कैपेक्स 5 गुना से ज्यादा बढ़ा है। पहले की सरकार के 10 साल की तुलना में हमारी सरकार ने रेलवे का बजट 8 गुना बढ़ाया है, हाईवेज का बजट 8 गुना बढ़ाया है, एग्रीकल्चर का बजट 4 गुना से ज्यादा बढ़ाया है, और डिफेंस का बजट 2 गुने से अधिक बढ़ाया है।’
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हर क्षेत्र के बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी टैक्स में रिकॉर्ड कटौती के बाद की गई है। प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में एक करोड़ रुपये कमाने वाले एमएसएमई को अनुमानित टैक्स देना पड़ता था, अब 3 करोड़ रुपये तक की आय वाले एमएसएमई भी इसका लाभ उठा सकते हैं। 2014 में 50 करोड़ रुपये तक की आय वाले एमएसएमई को 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता था, आज यह दर 22 प्रतिशत है। 2014 में कंपनियां 30 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स देती थीं, आज 400 करोड़ रुपये तक की आय वाली कंपनियों के लिए यह दर 25 प्रतिशत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आज हम जिस दुनिया में रह रहे हैं, वह बहुत सारी अनिश्चितताओं से भरी हुई है। ऐसी अनिश्चितता के समय में भी भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में जबरदस्त वृद्धि देखी गई। भारत उच्च वृद्धि और कम मुद्रास्फीति वाला इकलौता देश है। इतनी बड़ी महामारी के बावजूद, भारत का राजकोषीय बुद्धिमता पूरी दुनिया के लिए रोल मॉडल है। ग्लोबल ग्रोथ में आज भारत का शेयर 16 परसेंट हो गया है। भारत ने ये ग्रोथ तब हासिल करके दिखाई है, जब पिछले 10 साल में इकॉनॉमी को झटका देने वाले अनेक संकट आए। 100 साल की सबसे बड़ी महामारी, दुनिया के अलग-अलग देशों में युद्ध की स्थिति, भारत में बड़ी-बड़ी प्राकृतिक आपदाएं- कभी साइक्लोन, कभी सूखा, कभी भूकंप। हमने हर संकट का मुकाबला किया, हर चुनौती का समाधान किया। अगर ये संकट न आते तो, भारत जहां आज पहुंचा है, उससे भी कहीं अधिक ऊंचाई पर होता।’
उन्होंने कहा कि ‘आज देश, विकसित भारत के संकल्प को लेकर चल रहा है। बीते 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। हम देश के नागरिकों की ईज ऑफ लिविंग पर फोकस कर रहे हैं, हम देश के नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाइफ पर फोकस कर रहे हैं। हमारा बहुत अधिक फोकस स्किल डेवपलपमेंट और इम्प्लायमेंट पर है। आज देश के युवाओं में एक मिजाज बना है कि अपने दम पर कुछ करके दिखाना है। इसमें मुद्रा योजना हो, स्टार्ट अप इंडिया अभियान हो, स्टैंड अप इंडिया हो, युवाओं की बहुत मदद कर रही हैं। मुद्रा योजना से मदद लेकर 8 करोड़ से ज्यादा साथियों ने पहली बार कोई बिजनेस शुरु किया है। देश में आज करीब 1 लाख 40 हजार स्टार्ट अप्स हैं। और इनमें लाखों युवा काम कर रहे हैं, नए-नए साहस कर रहे हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘हमारी सरकार के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है, और उससे तो आप भी परिचित है। हमारे लिए देश और देशवासियों की आकांक्षाएं सर्वोपरि हैं। मैं इंडस्ट्री को, भारत के प्राइवेट सेक्टर को भी, विकसित भारत बनाने का एक सशक्त माध्यम मानता हूं। मैं आप जैसे साथियों को, वेल्थ क्रिएटर्स को भारत की ग्रोथ स्टोरी का प्रमुख ड्राइविंग फोर्स मानता हूं। और मैं लाल किले से भी गर्व के साथ इसका जिक्र करने में संकोच नहीं करता हूं।’