प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए अधिकारियों से लीक से हटकर सोचने और समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। गुरुवार 6 अक्तूबर को उन्होंने नई दिल्ली में सुषमा स्वराज भवन में सहायक सचिव पाठ्यक्रम 2022 के समापन सत्र में 2020 बैच के आईएएस अधिकारियों को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अधिकारियों को अमृत काल के दौरान देश की सेवा करने और पंच प्रण को साकार करने में मदद करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि अमृत काल में एक विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने में अधिकारियों की अहम भूमिका है। उन्होंने लीक से हटकर चिंतन करने और अपने प्रयासों में समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने इस तरह के समग्र दृष्टिकोण के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए प्रधानमंत्री गतिशक्ति मास्टर प्लान का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने नवाचार के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह किस तरह सामूहिक प्रयास और देश में कार्य संस्कृति का हिस्सा बन गया है। उन्होंने स्टार्ट-अप इंडिया योजना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कैसे पिछले कुछ वर्षों में देश में स्टार्टअप्स की संख्या में काफी तेज वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह कई मंत्रालयों के एक साथ आने और ‘संपूर्ण सरकार’ वाले दृष्टिकोण के माध्यम से एक टीम के रूप में काम करने के कारण संभव हुआ है।
समय से पहले जन धन योजना की सफलता पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने डिजिटल अर्थव्यवस्था के महत्व के बारे में बताया और अधिकारियों को गांवों में लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था और यूपीआई से जोड़ने का प्रयास करने का आह्वान किया। इसके अलावा, राष्ट्र की सेवा के महत्व पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने अपने कर्तव्यों को निभाने के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ‘राजपथ’ की मानसिकता अब ‘कर्तव्य पथ’ की भावना में बदल गई है। इस वर्ष 2020 बैच के कुल 175 आईएएस अधिकारियों को भारत सरकार के 63 मंत्रालयों-विभागों में सहायक सचिव के रूप में तैनात किया गया है।