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रॉयल यूनिवर्सिटी में भूटान के भविष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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आज मैं भूटान के भविष्य के साथ खड़ा हूं। यह बात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन की भूटान यात्रा के दौरान रविवार को वहां की रॉयल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करने के दौरान कही। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में ही कहा कि भारत आज ऐतिहासिक बदलाव के तौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और भूटान के साथ ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में काम कर रहा है लेकिन सबसे बड़ी ऊर्जा दोनों देशों के बीच संबंध और यहां के लोग हैं। प्रधानमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि भारत में दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य क्षेत्र की सेवा आयुष्मान भारत है, जो करीब 500 मिलियन भारतीयों को स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित कराता है। भारत में सबसे ज्यादा सस्ता डेटा है, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर लाखों लोगों को सशक्त बनाता है।

दोनों देशों में अपनापन का है भाव

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा भूटान और भारत के लोग स्वभाविक तौर पर एक दूसरे के साथ अपनापन का भाव रखते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हम सिर्फ भौगोलिक रूप से एक दूसरे के नजदीक नहीं है बल्कि, हमारा इतिहास, संस्कृति और पारंपरिक रीति रिवाज भी दोनों देशों के बीच एक दूसरे के संबंधों में प्रगाढ़ता लाते हैं।

नागरिक उड्डयन में सहयोग पर हस्ताक्षर

भारत-भूटान के बीच कई अहम क्षेत्रों में सहयोग को लेकर समझौते हुए हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में महानिदेशक अरविंद हांडा ने नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में सहयोग के लिए भूटान के सूचना और संचार मंत्रालय में कार्यकारी सचिव पेम्बा वांगचुक के साथ हस्ताक्षर किए। शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत में नेशनल नॉलेज नेटवर्क के परियोजना निदेशक आर एस मणि और भूटान के संचार मंत्रालय के निदेशक जिग्मे तेंजिन ने हस्ताक्षर किए। इसके अलावा भारत और भूटान ने अंतरिक्ष, विज्ञान, इंजीनियरिंग, न्यायिक और संचार सहित 10 क्षेत्रों में सहयोग के करारों पर हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी और पीएम लोतेय के बीच हुए कई समझौते

भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर गए पीएम मोदी और वहां के प्रधानमंत्री लोतेय शेरिंग के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता के बाद कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में निदेशक और भूटान के सूचना और संचार मंत्रालय में निदेशक ने हस्ताक्षर किये। इससे भूटान को संचार, लोक प्रसारण और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मदद मिलेगी। भूटान की जरूरत के अनुसार अतिरिक्त बैंडविड्थ और ट्रांसपोंडर भी उपलब्ध कराया जाएगा।

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