जिस पीएम केयर्स फंड की स्थापना को लेकर विरोधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसते हुए थकते नहीं थे, आज वही संकट के समय में संकटमोचक बनकर सामने आया है। जो विपक्ष कोरोना महामारी की बढ़ती दूसरी लहर को देखकर पीएम मोदी की आलोचना करने में लगे हैं, वे उनकी दूरदर्शिता को भूल रहे हैं। पीएम मोदी की ही दूरदर्शिता थी, जिन्होंने कोरोना महामारी की भयावहता को भांपते हुए पीएम केयर्स फंड की स्थापना की थी। इस तरह की राष्ट्रीय निधि बनाने का उनका उद्देश्य कोरोना जैसे आपातकालीन स्थिति या इससे उत्पन्न संकट से निपटना था। आज वही पीएम केयर्स फंड देशवासियों के लिए मददगार साबित हो रहा है, साथ ही पीएम मोदी की सोच और दूरदर्शिता को सही साबित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक में ऑक्सीकेयर सिस्टम खरीदने का फैसला किया है। देश में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए ही डीआरडीओ द्वारा विकसित ऑक्सीकेयर सिस्टम की डेढ़ लाख यूनिट खरीदने का निर्णय लिया गया है। SPO2 आधारित इस स्वदेशी ऑक्सीकेयर सिस्टम की कुल कीमत 322.50 करोड़ है। पीएम केयर्स फंड से अभी तक कोरोना महामारी से निपटने और उससे प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए ही फंड आवंटित किया गया है।
डीआरडीओ की बेंगलुरू स्थित डिफेंस बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लैबोरेटरी ने ऑक्सीकेयर सिस्टम को हाई-ऑल्टिट्यूड क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए तैयार किया था। ऑक्सीकेयर सिस्टम मरीज का SPO2 लेवल भांपकर उसे उसी अनुसार ऑक्सीजन सप्लाई करती है। रक्षा मंत्रालय का दावा है कि यह ऑक्सीकेयर कोरोना से ग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए कारगर साबित होगा।
आवंटित रकम – मद
2000 करोड़ वेंटिलेटर
1000 करोड़ प्रवासी मजदूर
726 करोड़ राज्यों को मदद
201 करोड़ ऑक्सीजन प्लांट
100 करोड़ वैक्सीन रिसर्च