नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष लगातार भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है। विपक्षी नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं और इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है।
दिल्ली के शाहीन में चल रहे प्रदर्शन का हाल भी कुछ ऐसा ही है, जहां हो रहे प्रदर्शन की वजह से हर दिन लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले इस धरने के कारण लाखों लोगों को हर दिन दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिस दूरी को लोग आधे घंटे में तय करते थे अब उसी के लिए लोगों को तीन से चार घंटे का समय देना पड़ रहा है। प्रदर्शन की वजह से सड़क इस तरह से जाम हो चुकी है कि लोगों का पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं आस-पास के रहने वाले लोग अपने बच्चों को इस प्रदर्शन की वजह से स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं, इसके साथ ही इलाके के दुकानदारों का धंधा भी चौपट हो रहा है।
प्रदर्शन बना पिकनिक का अड्डा
प्रदर्शन की खास बात ये है कि धरने पर बैठे लोग और उन्हें सड़क पर डटे रहने की सलाह देने वाले नेता इस बात को अच्छी तरह समझ रहे हैं कि उनके इस रवैये से आम जन मानस को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसके बावजूद वह कोई बात समझने को राजी ही नहीं हैं। जिस धरने की वजह से लाखों लोग परेशान हो रहे हैं उसे पिकनिक का अड्डा बना दिया गया है।
वहीं इसके साथ ही कुछ ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जिनसे स्पष्ट हो जाता कि यह कोई प्रदर्शन नहीं बल्कि प्रदर्शन की आड़ में चल रहा एक कारोबार है। जिसमें विपक्ष लोगों को बरगलाने के साथ-साथ ऐसे संसाधन भी मुहैया करा रहा है जो कि निराशाजनक हैं।
ये कैसी लोकतंत्र की रक्षा
प्रदर्शन में गले ना उतरने वाली सबसे बड़ी बात तो ये हैं कि धरना करने वाले लोग खुद को संविधान का प्रेमी और लोकतंत्र का रक्षक बता रहे हैं। लेकिन क्या बीच सड़क पर धरना देकर आम लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर देना कैसे लोकतंत्र की रक्षा हो गई? प्रदर्शनकारी अगर धरने को सही मायनों में संविधान की रक्षा के लिए कर रहे हैं तो यह धरना असल में किसी ऐसी जगह पर किया जाना चाहिए जहां से आम जीवन इसकी चपेट में ना आ सके।
प्रदर्शन करना जनता का लोकतांत्रिक हक है लेकिन किसी के हक के लिए किसी दूसरे को दिक्कतों का सामना करना पड़े ये कहां तक सही है। इस तरह से आम जनमानस को परेशानी में डालना लोकतांत्रिक नहीं हो सकता।
राजनीतिक रोटियां सेंकने में व्यस्त विपक्ष
शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को लेकर विपक्षी नेता राजनीतिक रोटियां सेंकने का कोई अवसर नहीं जाने दे रहे हैं। वह इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि किस तरह इस धरने की वजह से लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ना सिर्फ इस पर अपनी आंखें मूंद रखी हैं बल्कि लोगों को भड़काने का काम भी कर रहे हैं।
#WATCH Congress leader Mani Shankar Aiyar at the protest against #CAA & #NRC, in Delhi's Shaheen Bagh: Jo bhi qurbaniyan deni hon, usme main bhi shaamil hone ke liye tayaar hun. Ab dekhein ki kiska hath mazboot hai, hamara ya uss kaatil ka? pic.twitter.com/ojV4QU9dMs
— ANI (@ANI) January 14, 2020
बीते दिनों कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने इसी धरने में प्रधानमंत्री को कातिल बताकर प्रदर्शनकारियों को उकसाने का काम किया। इसी तरह से लोगों को बरगलाने का काम देश भर में विपक्ष पूरी मुस्तैदी से कर रहा हैं। यह स्वार्थ की चासनी में लिपटी गंदी राजनीति इसके बावजूद हो रही है कि जब किसी भारतीय नागरिक से नागरिकता संशोधन बिल का कुछ लेना-देना तक नहीं है।
देश विरोधी बयान देने में सबसे आगे मणिशंकर अय्यर
12 अगस्त 2019 : मणिशंकर अय्यर ने कहा था, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को फिलिस्तीन बना दिया है। मोदी-शाह ने अपने गुरु बेंजामिन नेतन्याहू और मेनकेम बेग से काफी कुछ सीखा है। उन्होंने सीखा है कि कैसे कश्मीरियों की स्वतंत्रता, गरिमा और आत्मसम्मान को रौंदना है जैसे फिलिस्तीन में इजरायल ने रौंदा।’
5 अगस्त 2019: मणिशंकर अय्यर ने अनुच्छेद 370 को हटाने पर नाराजगी जताते हुए कहा था, ‘इस सरकार ने भारत के खिलाफ जिन्ना के सपने को पूरा कर दिया है। भारत के लिए जिन्ना जो चाहता था, आज आर्टिकल 370 हटने के बाद से वही होगा।’
15 मई 2019 : मणिशंकर अय्यर ने अपना आपा खोते हुए एक पत्रकार को कहा था कि मैं तुम्हें मार दूंगा। पत्रकार ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल पूछे थे, जिस पर मणिशंकर अय्यर नाराज हो गए।
14 मई 2019 : 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को ‘नीच आदमी’ कहने वाले मणिशंकर अय्यर ने एक अंग्रेजी वेबसाइट के लिए लिखे लेख में लिखा- मैंने 2017 में मोदी को जो कहा था क्या वह बिल्कुल सही भविष्यवाणी नहीं थी?
11 अगस्त 2018 : मणिशंकर अय्यर ने गुजरात के 2002 दंगों को लेकर पीएम मोदी पर सीधा निशाना साधा था. अय्यर ने कहा था, ‘उन्होंने 2014 से पहले नहीं सोचा था कि मुसलमानों को पिल्ला समझने वाला एक मुख्यमंत्री भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है।’
मणिशंकर अय्यर का पाकिस्तान प्रेम
12 फरवरी 2018 : मणिशंकर अय्यर ने विवादित बयान देते हुए कहा था, मैं पाकिस्तान से प्यार करता हूं, क्योंकि मैं हिन्दुस्तान से प्यार करता हूं।
07 मई 2018 : पाकिस्तान के दौरे पर गए मणिशंकर अय्यर ने लाहौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था- मौजूदा समय में भारत की स्थिति वीभत्स है। 1923 में एक व्यक्ति वीडी सावरकर ने ‘हिंदुत्व’ शब्द का आविष्कार किया था, जिसका किसी धार्मिक ग्रंथों से संबंध नहीं है। इसलिए भारत में जो अभी सत्ता में हैं उनके वैचारिक गुरु दो राष्ट्र के सिद्धांत का सबसे पहले प्रस्तावक थे। टू नेशन थ्योरी का फॉर्मूला देने वाले सावरकर वर्तमान सरकार में बैठे लोगों के वैचारिक गुरु हैं।’