प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। मोदी राज में एक अच्छी खबर यह है कि भारत के अब विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में ज्यादा देर नहीं है। जेपी मॉर्गन के एशिया प्रशांत इक्विटी रिसर्च के मैनेजिंग डायरेक्टर जेम्स सुलिवन की मानें तो भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि 2030 तक भारत की जीडीपी दोगुनी से ज्यादा 7 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। बिजनेस न्यूज चैनल CNBC-TV18 के साथ एक इंटरव्यू में सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ सालों में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी और इसका शेयर बाजार अच्छा प्रदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि लंबी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े संरचनात्मक बदलाव होंगे। सुलिवन ने कहा कि अगले कुछ महीनों में निर्यात में भी तेजी आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अभी जो 500 अरब डॉलर से कम का निर्यात है वो बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है।
आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न संस्थानों और रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है…
मौजूदा वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी इंडियन इकोनॉमी- फिक्की
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर यह है कि मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उद्योग निकाय फिक्की के एक सर्वेक्षण में सोमवार को यह अनुमान लगाया गया है। आर्थिक परिदृश्य पर फिक्की के सर्वे में कहा गया है कि 2023-24 के लिए वार्षिक औसत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहेगी। इसमें न्यूनतम छह प्रतिशत और अधिकतम 6.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। सर्वे में इंडस्ट्री, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख अर्थशास्त्रियों को शामिल किया गया। इस सर्वे को सितंबर के महीने में किया गया था।
आईएमएफ ने ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत किया
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। आईएमएफ ने अपनी ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि इस वित्त वर्ष में विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही आईएमएफ ने कहा है कि 2024-25 में भी जीडीपी वृद्धि 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जबकि आइएमएफ ने वैश्विक विकास अनुमान को घटा दिया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2023 में 3 प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
आईएमएफ के अनुमान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश एक वैश्विक उज्ज्वल स्थान, विकास और नवाचार का पावरहाउस है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि हमारे लोगों की ताकत और कौशल से संचालित, भारत एक वैश्विक ब्राइट स्पॉट, विकास और नवाचार का एक पावरहाउस है। हम एक समृद्ध भारत की दिशा में अपनी यात्रा को मजबूत करना जारी रखेंगे, हमारे सुधार पथ को और बढ़ावा देंगे”।
Powered by the strength and skills of our people, India is a global bright spot, a powerhouse of growth and innovation. We will continue to strengthen our journey towards a prosperous India, further boosting our reforms trajectory. https://t.co/CvHw4epjoZ
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2023
2027-28 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा-आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो अनुमान व्यक्त किया था, उसके मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था, जो वर्तमान में लगभग 3.75 ट्रिलियन डॉलर है, वित्त वर्ष 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगी। भारत 5.2 ट्रिलियन डॉलर के साथ विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था 31 ट्रिलियन डॉलर के साथ शीर्ष पर रहेगी और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसकी हिस्सेदारी 24 प्रतिशत होगी। इसके बाद चीन 25.7 ट्रिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहेगा और वैश्विक जीडीपी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।
चुनौतियों के बाद भी सबसे तेज रहेगी भारत की आर्थिक वृद्धि
दुनिया भर के तमाम अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि भारत आने वाले समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आईएमएफ के अनुमान के अनुसार रूस-यूक्रेन संकट, कोरोना महामारी और महंगाई जैसी चुनौतियों के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था रहेगी। आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 2028 तक फ्रांस और ब्रिटेन को पार कर जाने की उम्मीद है। इससे भारत वैश्विक आर्थिक विकास को चलाने में एक प्रमुख देश बन जाएगा। वैश्विक विकास में 75 प्रतिशत योगदान देने वाले 20 देशों में अमेरिका और चीन के साथ भारत शीर्ष योगदानकर्ताओं में बना हुआ है। 2023 में वैश्विक विकास में भारत का योगदान 15 प्रतिशत रहने की भी उम्मीद जताई गई है।
कई वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है भारत
इसके पहले इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की उपप्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की कई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रही है। अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि भारत को लेकर दुनियाभर में पॉजिटिव सेंटीमेंट है। बहुत सारे बिजनेस और कंपनियां भारत को एक निवेश डेस्टिनेशन के रूप में देख रही हैं, क्योंकि वे चीन सहित दूसरे देशों से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
इसके पहले आईएमएफ ने कहा था कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहेगी जीडीपी ग्रोथ रेट- आरबीआई
देश की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान बरकरार रखा है। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की द्विमासिक बैठक के बाद आरबीआईशक्तिकांत दास ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी विकास दर 6.0 प्रतिशत रह सकती है। गवर्नर दास ने कहा कि भारत दुनिया के लिए आर्थिक वृद्धि का इंजन बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हमने सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। हमें इसको हासिल करने की पूरी उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- विश्व बैंक
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर विश्व बैंक ने मोदी सरकार पर एक बार फिर भरोसा जताया है। 9 अक्तूबर को जारी विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक निवेश और घरेलू मांग के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2023-24 में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल की पृष्ठभूमि में भारत लगातार मजबूती दिखा रहा है। विश्व बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया में इस साल 5.8 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान है। विश्व बैंक के उपाध्यक्ष (दक्षिण एशिया क्षेत्र) मार्टिन रायसर के मुताबिक पहली नजर में दक्षिण एशिया वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक उज्ज्वल स्थान है। विश्व बैंक का अनुमान है कि यह क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में किसी भी अन्य विकासशील देश क्षेत्र की तुलना में अधिक तेजी से बढ़ेगा।
वित्त वर्ष 2023-24 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था- विश्व बैंक
विश्व बैंक ने इससे पहले भी कहा था कि भारत सबसे बड़े उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सकल और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दोनों के मामले में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक ने इसके पहले की रिपोर्ट में भी कहा था कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत रहेगी। विश्व बैंक ने वैश्विक आर्थिक संभावनाओं पर रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उभरती हुई प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीई) में भारत कुल मिलाकर और प्रति व्यक्ति जीडीपी दोनों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक के अनुसार भारत में निजी उपभोग और निवेश में अप्रत्याशित जुझारूपन देखने को मिल रहा है। साथ ही सेवाओं की वृद्धि भी मजबूत है।
जीडीपी ग्रोथ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान- रॉयटर्स पोल
रॉयटर्स पोल के अनुसार, मार्च 2024 में समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 6.2 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। यह इस वित्तीय वर्ष में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगी। रॉयटर्स की ओर से 20-26 सितंबर के बीच 65 अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2025 में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। रॉयटर्स पोल के मुताबिक, मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में सड़क, रेलवे और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए खर्च बढ़ाया है। इससे भारत को वैश्विक मंदी टालने में मदद मिली है। अर्थशास्त्रियों का ये भी मानना है कि आने वाले समय में सरकारी खर्च में वृद्धि से भारत की आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
7.8 प्रतिशत के साथ चार तिमाही में इंडिया का ग्रोथ रेट रहा सबसे ज्यादा
देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में पिछली चार तिमाहियों में सबसे तेज रही है। देश की जीडीपी ग्रोथ अप्रैल- जून 2023 तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही है। यह पिछली 4 तिमाहियों यानी एक साल में सबसे अधिक है। इसके साथ ही भारत ऊंची वृद्धि दर हासिल करने वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी बयान के अनुसार वास्तविक जीडीपी या 2023-24 की पहली तिमाही में स्थिर (2011-12) कीमतों पर 40.37 लाख करोड़ रुपये का स्तर प्राप्त करने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की पहली तिमाही में 37.44 लाख करोड़ रुपये था। यह 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। 2023-24 की पहली तिमाही में वर्तमान कीमतों पर जीडीपी 70.67 लाख करोड़ रुपये के स्तर को छूने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की पहली तिमाही में यह 65.42 लाख करोड़ रुपये थी, यह 8.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
2031 तक सालाना 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जीडीपी- – एसएंडपी
ग्लोबल रेटिंग एजेसी एसएंडपी ने कहा है भारतीय अर्थव्यवस्था 2031 तक सालाना औसतन 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात, ग्राहकों की मांग और निकट समय में चुनौतियों के बावजूद यह वृद्धि दर जारी रहेगी। इसके साथ ही एसएंडपी ने यह भी कहा है कि ब्याज दरों के बढ़ने और वैश्विक धीमापन का बहुत असर अर्थव्यवस्था की तेजी पर नहीं दिखेगा।
2031 तक डबल होकर 6.7 ट्रिलियन डॉलर की होगी हमारी इकोनॉमी
एसएंडपी ने कहा है भारतीय इकोनॉमी साल 2031 तक बढ़कर डबल हो जाएगी। इसका आकार 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। रेटिंग एजेंसी ने अगस्त वॉल्यूम रिपोर्ट ‘लुक फॉरवर्ड इंडिया मोमेंट’ में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर यह जानकारी साझा की है। एजेंसी ने कहा है कि विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात और उपभोक्ता मांग के कारण यह तेजी बनी रहेगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी होने से प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ जाएगी। 2031 तक भारत पर कैपिटा जीडीपी 2500 से बढ़कर 4500 डॉलर तक हो जाएगी।
इस साल भी सबसे तेजी से बढ़ेगी देश की अर्थव्यवस्था- एसएंडपी
इसके पहले एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की वृद्धि दर सबसे अधिक रहेगी। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एशिया-प्रशांत के लिए अपनी तिमाही आर्थिक समीक्षा में कहा है कि घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती के कारण भारत की वृद्धि दर छह प्रतिशत रहेगी। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया-प्रशांत) लुइस कुइज ने कहा कि मध्यम अवधि के लिए वृद्धि अनुमान अपेक्षाकृत ठोस बना हुआ है। एशिया की उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं 2026 तक हमारे वैश्विक वृद्धि परिदृश्य में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बनी हुई हैं। एसएंडपी ने 2023 के लिए चीन की वृद्धि दर का अनुमान 5.5 प्रतिशत से घटाकर 5.2 प्रतिशत कर दिया है।
एसएंडपी को आर्थिक वृद्धि दर 2024-26 में बढ़कर 6.9 प्रतिशत होने की उम्मीद
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 6.9 प्रतिशत पर पहुंचने की उम्मीद भी जताई है। एसएंडपी के मुताबिक 2024-25 और 2025-26 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। वहीं 2026-27 में यह बढ़कर 7.1 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
2030 तक भारत की प्रति व्यक्ति आय में होगी 70% की बढ़ोतरी- स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2030 तक लगभग 70 प्रतिशत यानी अगले सात साल में सात गुना बढ़ने का अनुमान है और मौजूदा स्तर 2,450 डॉलर से बढ़कर 4,000 डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2030 तक आज के डॉलर के हिसाब से भारत की प्रति व्यक्ति आय 329122.40 रुपये हो जाने की संभावना है। प्रति व्यक्ति आय के पिछले 20 साल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 2001 के बाद से प्रति व्यक्ति आय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2011 में 460 डॉलर से बढ़कर 1,413 डॉलर और 2021 में 2150 डॉलर हो गया। इस तरह प्रति व्यक्ति आय में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
पीएम की गारंटी 2027 तक होगी पूरी-एसबीआई रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम’ का उद्घाटन करते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ी गारंटी दी। उन्होंने कहा कि मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के एक दिन बाद भारत का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया कि भारत 2027 तक दुनिया की तीससी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत के जीडीपी की वृद्धि दर (स्तिर मूल्य पर) 2023-24 में 6.5 प्रतिशत रहेगी। देश ने 2014 के बाद से जिस रास्ते को चुना है, उससे पता चलता है कि भारत मार्च 2023 के वास्तविक जीडीपी आंकड़े के आधार पर वित्त वर्ष 2027-28 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। इससे पहले की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत दो साल पहले ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा कर लेगा। पिछले अनुमान में एसबीआई ने 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना जताई थी। रिपोर्ट के मुताबिक 2022-27 के दौरान अर्थव्यवस्था के आकार में 1800 अरब डॉलर की वृद्धि ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार से ज्यादा होगी।
भारत वैश्विक मंदी के बीच चमकता सितारा, आर्थिक मोर्चे पर मजबूत- एडीबी
दुनिया इस समय मंदी की चपेट में हैं। अमेरिका जैसे विकसित देशों की अर्थव्यवस्था मंदी का सामना कर रही है। इनके विकास दर में गिरावट आ रही है और महंगाई चरम पर है। ऐसी स्थिति में भारत एक चमकता हुआ सितारा बन गया है। इसकी पुष्टि एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) के एशियन डेवलपमेंट आउटलुक अपडेट में की गई है। इसमें भारत की विकास दर का अनुमान 2023-24 के लिए 6.4 प्रतिशत और 2024-25 के लिए पहले की तरह 6.7 प्रतिशत बरकरार रखा गया है। इस दौरान भारत का विकास दर चीन से अधिक रहेगा।
2075 तक भारत बनेगा दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- गोल्डमैन सैश
भारत फिलहाल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और अमेरिका, जापान, चीन, जर्मनी से पीछे है, लेकिन भारत तेजी से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार भारत 2075 तक दूनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत जापान, जर्मनी और अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। गोल्डमैन सैश के रिसर्च इकोनॉमिस्ट शांतनु सेनगुप्ता के मुताबिक भारत की आबादी में दुनिया की आबादी की तुलना में सबसे बेहतरीन मिश्रण मौजूद है। कामगारों, बच्चों और बुजुर्गों की आबादी भारत में अन्य देशों की तुलना में सबसे अच्छी है। इस कारण भारत मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने तकनीक और अनुसंधान के क्षेत्र में अन्य देशों की तुलना में कहीं बेहतर काम किया है। ये दोनों ही क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का काम कर रहे हैं। इसके अलावा कैपिटल निवेश भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी मदद कर रहा है।
फिच रेटिंग्स ने बढ़ाया भारत की जीडीपी का अनुमान
वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। ग्लोबल एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया। फिच ने विकास का अनुमान वित्त वर्ष 2023 के 7.2 प्रतिशथ को देखते हुए किया है। फिच ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से मजबूत है। 2023 की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में यह सालाना आधार 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। हाल के महीनों में वाहन बिक्री के आंकड़े बेहतर रहे हैं। इसके अलावा पीएमआई सर्वे और ऋण की वृद्धि भी मजबूत रही है। इसके चलते चालू वित्त वर्ष के लिए हमने वृद्धि दर के अनुमान को 0.3 प्रतिशत बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही फिच ने कहा कि 2024-25 और 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वैश्विक मंदी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं- फिच
रेटिंग एजेंसी फिच ने इसके पहले भारत की संप्रभु रेटिंग के परिदृश्य को स्थिर बताते हुए कहा कि देश का विकास मजबूत दिख रहा है। फिच रेटिंग्स ने भारत की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी’ के स्तर पर रखा है। फिच ने कहा कि भारत की रेटिंग अन्य देशों की तुलना में मजबूत ग्रोथ और बाहरी वित्तीय लचीलापन दर्शा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था को पिछले साल के बड़े बाहरी झटकों से पार पाने में मदद मिली है।
FY23-24 में भारत की ग्रोथ रेट हो सकती है 6.5 प्रतिशत से अधिक
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। टाटा कैपिटल के एमडी और सीईओ राजीव सभरवाल ने कहा है कि सभी इकॉनोमिक इंडीकेटर्स बताते हैं कि FY23-24 में भारत की ग्रोथ रेट 6.5 प्रतिशत से अधिक हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इंडियन इकोनॉमी लंबी अवधि में हर साल 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। राजीव सभरवाल ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर यह भी लगता है कि ये ग्रोथ 6.75 प्रतिशत तक रह सकती है।
भारत ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में बरकरार, 2024 में 6.7 प्रतिशत रहेगी वृद्धि दर
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ‘ब्राइट स्पॉट’ के रूप में बरकरार है। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय आर्थव्यवस्था के संबंध में कई सकारात्मक चीजें दिख रही हैं और यह कैंलेडर वर्ष 2024 में 6.7 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार घरेलू मांग में लचीलापन बरकरार रहने से भारतीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग में वैश्विक आर्थिक निगरानी शाखा, आर्थिक विश्लेषण और नीति प्रभाग के प्रमुख हामिद राशिद ने कहा है कि हम इस साल के लिए अपने पूर्वानुमान को लेकर काफी आश्वस्त हैं।
वित्तवर्ष 23-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा है कि कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद विकास दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिका और यूरोपीय बैंकिंग संकट का भारत के वित्त क्षेत्र पर कोई प्रभाव पड़ेगा।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में चीन, भारत मिलकर करेंगे आधा योगदान
चीन के अग्रणी शोध संस्थान ‘बाओ फोरम फॉर एशिया’ (बीएफए) ने 28 मार्च, 2023 को जारी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि 2023 में एशियाई अर्थव्यवस्थाएं दुनिया के समग्र आर्थिक पुनरुद्धार की रफ्तार को बनाए रखे हुए हैं। इस साल की ग्रोथ में भारत और चीन मिलकर करीब आधा योगदान देंगे जिससे एशिया ‘असाधारण प्रदर्शन’ करने वाला महाद्वीप बनकर उभरेगा। ‘एशियाई आर्थिक परिदृश्य एवं एकीकरण में प्रगति’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत और चीन इस साल वैश्विक आर्थिक वृद्धि में मिलकर आधा योगदान देने वाले हैं। इस तरह एशियाई अर्थव्यवस्थाएं वर्ष 2023 में समग्र आर्थिक वृद्धि को तेज करने में प्रमुख इंजन बनी हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में एशिया की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वर्ष 2022 के 4.2 प्रतिशत से बढ़कर 4.5 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।
सात प्रतिशत रहेगी भारत की विकास दर- एक्यूइट
दुनिया भर के सभी अंतरराष्ट्रीय संगठन और अर्थशास्त्री भारत की आर्थिक तरक्की का लोहा मान रहे हैं। तमाम सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि भारत आने वाले समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। अब क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च ने भी वित्त वर्ष 23 में सकल घरेलू उत्पाद-जीडीपी की वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहने की बात कही है। एक्यूइट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 23 में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 24 में 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एजेंसी ने कहा कि भारत की औद्योगिक विकास दर में वृद्धि हुई है। उद्योग उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में भी मजबूती देखी गई है।
भारत की विकास दर पूरी दुनिया में होगी सबसे तेज
पूरे विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था का डंका बज रहा है। विदेशी उद्योगपति और निवेशक भी भारत के आर्थिक विकास का लोहा मान रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट 2023 में भारत के आर्थिक सुधारों की तारीफ करते हुए अमेरिका के मशहूर निवेशक रे डालियो ने कहा कि भारत की विकास दर पूरी दुनिया में सबसे तेज होगी। अमेरिकी कारोबारी डेलियो ने ‘सरकार और बदलती विश्व व्यवस्था’ सत्र के दौरान इस बात पर जोर दिया कि भारत आने वाले वर्षों में सबसे ज्यादा तरक्की करेगा। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है। मोदी सरकार में हुए सुधारों की तारीफ करते हुए डालियो ने कहा कि एक दशक में दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत में सबसे तेज और बड़े बदलाव हुए हैं। अब भी तेज रफ्तार से बदलाव जारी हैं। पिछले 10 वर्षों के अध्ययन से और जो हम देश के लिए देख रहे हैं उसके आधार पर, भारत में सबसे बड़ी और सबसे तेज विकास दर होगी।
2030 तक विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत
स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) 2023 में वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म ईवाई द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक आर्थिक संकट का सामना करने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था साल 2028 में 5 लाख करोड़, 2036 में 10 लाख करोड़ के पड़ाव को पार करते हुए साल 2047 तक 26 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी। वहीं प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय बढ़कर छह गुना हो जाएगी। वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म ईवाई द्वारा ‘इंडिया एट 100 : रीयलाईजिंग द पोटेंशियल ऑफ 26 ट्रिलियन इकोनॉमी’ नाम से पेश रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2030 तक भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन चुका होगा। 6 प्रतिशत की सालाना औसत वृद्धि दर के आधार पर आंकलन किया गया कि 2047 में प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय 15 हजार डॉलर यानी मौजूदा विनिमय दर के लिहजा से करीब 12.25 लाख रुपये पहुंच जाएगी, यह आज के स्तर से 6 गुना से अधिक होगी।
बिजनेस लीडर्स को उम्मीद 2023-24 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जीडीपी
मोदी सरकार की नीतियों के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.5 प्रतिशत रह सकती है। Deloitte Touche Tohmatsu India (डीटीटीआई) के सर्वेक्षण के अनुसार देश के 60 प्रतिशत बिजनेस लीडर्स का मानना है कि 2023-24 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। इंडस्ट्री लीडर्स ने यह भी कहा कि इंडस्ट्री, केमिकल, कैपिटल गुड्स और ऊर्जा सेक्टर में उच्च वृद्धि देखने को मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, पीएलआई और रिजर्ब बैक की अनुकूल मौद्रिक नीतियां, बुनियादी ढांचे पर खर्च में वृद्धि और रिसर्च व इनोवेशन इस गति को और आगे बढ़ाएंगे। उद्योगपतियों का यह भी कहना था कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है और 7 प्रतिशत विकास दर की राह पर है।
सात प्रतिशत से ज्यादा रहेगी आर्थिक वृद्धि दर
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगी। इतना ही नहीं 2023-24 में भी यह वृद्धि दर बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि मंदी की आशंका कुछ समय से बनी हुई है, लेकिन अभी तक न तो अमेरिका और न ही यूरोपीय संघ इसकी चपेट में आया है। भारत के लिए सबसे खराब दौर खत्म हो चुका है। अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक झटकों के बीच ऊंची और जुझारू क्षमता का प्रदर्शन कर रही है।
देश में कई साल रह सकता है 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट
मोदी राज में विकास की स्थिति यह है कि देश में कई साल तक 9 प्रतिशत का ग्रोथ रेट रह सकता है। राजस्थान के उदयपुर जिले में जी-20 अध्यक्षता के तहत आयोजित पहली शेरपा बैठक में आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि भारत कई वर्षों तक 9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि 2030 के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि दुनिया लगातार उच्च वृद्धि दर हासिल करे। सान्याल ने कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल 2,200 अमेरिकी डॉलर है और यह कई वर्षों की उच्च वृद्धि दर के बाद हासिल की गई है। विशेष रूप से दक्षिणी गोलार्ध में एसडीजी हासिल करने के लिए जीडीपी विकास दर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
जी-20 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा भारत
भारत 2023 में जी-20 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने कहा कि राजकोष के स्तर पर भारत का मजबूत रुख बरकरार है और आने वाले समय में राजस्व के साथ कर्ज के स्थिर होने के मामले में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने कहा कि देश की वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि भारत 2023 में जी-20 में तीव्र आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाला देश होगा। मूडीज ने 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि 4.8 और 2024 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। जबकि मूडीज ने जी-20 अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर 2023 में 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया।
देश में मंदी की आशंका नहीं, छह से सात प्रतिशत रहेगी वृद्धि दर- राजीव कुमार
दुनियाभर में मंदी की आशंकाओं के बीच नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि भारत में इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका, यूरोप, जापान और चीन की अर्थव्यवस्थाएं नीचे आ रही हैं। ऐसे में यह स्थिति आने वाले महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर ले जा सकती है। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित तो जरूर हो सकती है, लेकिन 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था छह से सात प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि भारत में मंदी की ऐसी कोई आशंका नहीं है, क्योंकि भले ही हमारी वृद्धि वैश्विक परिस्थितियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है, इसके बावजूद 2023-24 में हम 6-7 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज करने में कामयाब रहेंगे।”
विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद- पीएचडीसीसीआई
देश के लिए अच्छी खबर यह है कि मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 6- 7 प्रतिशत से अधिक रहने की उम्मीद है। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था छह से सात प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है। पीएचडीसीसीआई के नए अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि उत्पादन में तेजी आई है और देश में मजबूत मांग है। डालमिया ने यह भी कहा कि उद्योग मंडल ने अपने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कृषि और रसायनों जैसे 75 संभावित उत्पादों की पहचान की है, ताकि वर्ष 2027 तक 750 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिल सके।
विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान- मुख्य आर्थिक सलाहकार
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट को संबोधित करते हुए नागेश्वरन ने कहा कि भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया की पांचवी बड़ी आर्थिक शक्ति बना है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है लेकिन वास्तव में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में और एक दशक तक भारत की आर्थिक विकास दर सात प्रतिशत के आसपास रह सकती है।
ADB को भी सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद
एशियाई विकास बैंक- (एडीबी-ADB) को भी सात प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अपनी फ्लैगशिप एडीओ रिपोर्ट में कहा कि जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एशिया की दूसरी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। वर्ष 2030 तक भारत की जीडीपी की साइज जर्मनी और ब्रिटेन से ज्यादा होकर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन सकती है। आईएचएस मार्किट ने दावा किया कि कुल मिलाकर भारतीय अर्थव्यवस्था का भविष्य मजबूत और स्थिर दिख रहा है, जिससे अगले एक दशक तक यह सबसे तेज बढ़ती जीडीपी वाला देश बना रहेगा।
दुनिया पर मंडरा रही मंदी की आशंका, लेकिन भारत को खतरा नहीं- ब्लूमबर्ग
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्रियों के बीच किए गए सर्वे के अनुसार 2023 में दुनिया के कई देशों के सामने मंदी का संकट मंडरा रहा है। सर्वे की माने तो एशियाई देशों के साथ दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोपीय देशों के साथ अमेरिका, जापान और चीन जैसे देशों में मंदी का खतरा कहीं ज्यादा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि भारत को मंदी के खतरे से पूरी तरह बाहर बताया गया है। ब्लूमबर्ग सर्वे के अनुसार भारत ही ऐसा देश है जहां, मंदी की संभावना शून्य यानी नहीं के बराबर है। ब्लूमबर्ग सर्वे में एशिया के मंदी में जाने की संभावना 20-25 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका के लिए यह 40 और यूरोप के लिए 50-55 प्रतिशत तक है। रिपोर्ट के अनुसार श्रीलंका के 2023 में मंदी की चपेट में जाने की 85 प्रतिशत संभावना है।