आंध्र प्रदेश के गुंटूर में राष्ट्रवादियों की एक मुहिम को बड़ी सफलता मिली है। गुंटूर के महात्मा गांधी रोड पर मौजूद ‘जिन्ना टॉवर’ अब राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में रंग दिया गया है और गुरुवार को यहां झंडा फहराने की तैयारी चल रही है। गणतंत्र दिवस के मौके पर 26 जनवरी, 2022 को इस टॉवर पर तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे हिंदू वाहिनी के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था।
Andhra Pradesh: Guntur’s Jinnah Tower, on which Hindu Vahini activists tried to unfurl the national flag on January 26, was painted in Tricolour by ruling YSRCP MLA Mohammad Mustafa on Tuesday. pic.twitter.com/Q6Mdi1k8ZO
— ANI (@ANI) February 2, 2022
इस बदलाव को लोग राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादियों की जीत बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि लंबे प्रदर्शन के बाद गुंटूर के जिन्ना टॉवर को तिरंगे के रंग में रंगा गया है। साथ ही उसके आगे एक पोल भी बनाया जाएगा ताकि लोग तिरंगा फहरा सकें। बीजेपी कार्यकर्ता पिछले कुछ हफ्तों से इस टावर का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये ठीक है कि टावर को तिरंगे के रंग में रंग दिया गया है, लेकिन इसका नाम भी बदला जाना चाहिए। बीजेपी नेताओं ने जिन्ना टॉवर का नाम बदलकर अब्दुल कलाम टॉवर रखने की मांग की है।
राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादियों की जीत!!
लंबे प्रदर्शन के बाद गुंटूर के जिन्ना टावर को तिरंगे के रंग में रंगा गया।
साथ ही उसके आगे एक पोल भी बनाया जाएगा ताकि लोग तिरंगा फहरा सकें। pic.twitter.com/N8Hqknbscm
— Ambuj Bharadwaj (@Ambuj_IND) February 1, 2022
26 जनवरी को हिन्दू वाहिनी के सदस्यों ने जिन्ना टॉवर पर तिरंगा फहराने की कोशिश की थी। लेकिन हाथों में तिरंगा लिए हिंदू वाहिनी के सदस्यों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया था। टॉवर के चारों ओर बैरियर लगा दिए गए थे। भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगा रहे इन लोगों को बल प्रयोग कर रोकने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। नेटिजन्स ने इस पर आक्रोश जताया था।
पूरे हिन्दुस्तान में जहां शान से गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया गया तो वहीं आंध्र प्रदेश के गुंटुर में जिन्ना टावर पर तिरंगा फहराने गए एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया। सवाल ये है कि क्या हिन्दुस्तान में तिरंगा फहराना गुनाह है ? pic.twitter.com/SSwRdDxOtz
— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) January 26, 2022
गौरतलब है कि गुंटूर के जिन्ना टॉवर के निर्माण को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। लेकिन कहा यह भी जाता है कि देश की आज़ादी से पहले साल 1939 में जिन्ना कुछ दिनों के लिए गुंटूर आए थे। यहां उन्होंने बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। जिसकी याद में यह टॉवर बना दिया गया। अब इस टॉवर के विरोध में खड़े लोगों की मांग है कि इसका नाम बदला जाए।