भारत के ऑपरेशन सिंदूर में हुए आक्रामक हमलों से पाकिस्तान अभी तक कराह रहा है। भारत से बचाने के लिए शहबाज-मुनीर अमेरिका, चीन और तुर्किए से गुहार लगा रहे हैं। आसिम मुनीर अपने कटोरा लेकर अमेरिका में ट्रंप को हाजिरी लगाने पहुंच चुके हैं, जबकि शहबाज शरीफ अगले हफ्ते ईरान जाने वाले हैं, जहां भीख में हथियार मांग सकते हैं। इस बीच मोदी सरकार ने साफ-साफ अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर पाकिस्तान ने अब सीजफायर तोड़कर हमले की हिमाकत दिखाई, तो इस दफा उसका संपूर्ण संहार तय है। जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह भी साफ कर दिया कि किसी भी तरह का आतंकी हमला भी ‘एक्ट ऑफ वार’ माना जाएगा। इसलिए भारत लगातार युद्धाभ्यास में जुटा है, जिससे पाकिस्तानी हुक्मरानों की घबराहट बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान पीएम मोदी की तासीर से अब बखूबी वाकिफ हो गया है, वे अंदर घुसकर मारने में यकीन रखते हैं। एकाधिक बार हुई सर्जिकल स्ट्राइक से उन्होंने यह साबित भी किया है। भारत का युद्धाभ्यास सीधा मुनीर-शहबाज को अल्टीमेटम है कि अगर सीजफायर तोड़ने की हिमाकत दिखाने की जुर्रत भी की, तो ऑपरेशन सिंदूर से भी बड़ा ऑपरेशन शुरू हो जाएगा क्योंकि टारगेट लॉक हो चुके हैं। काउंटडाउन शुरू हो जाएगा और उसके बाद पाकिस्तान का विनाश निश्चित है।
पीएम मोदी की नीति जो भारत को छेड़ेगा, उसको छोड़ा नहीं जाएगा
भारत युद्ध में पहल पर विश्वास नहीं करता, क्योंकि उसका मानना है कि यह युद्ध का युग नहीं है, बल्कि भारत बुद्ध का देश है, जो शांति में विश्वास रखता है। लेकिन इसके साथ ही पीएम मोदी की नीति है कि जो भारत को छेड़ेगा, उसको छोड़ा नहीं जाएगा। भारत ने इसके लिए जबरदस्त तैयारी शुरू कर दी है। सेना की ताकत में इजाफा किया जा रहा है, जिससे एक साथ तीन देशों को काउंटर किया जा सके। यदि पाकिस्तान ने सीजफायर करने की हिमाकत की तो इस बार भारत ट्रिपल प्रहार करेगा। सबसे पहले पाकिस्तान को तबाह करेगा। इस दौरान उसे हथियार भेजने वाले चीन और तुर्किए को भी सबक सिखाने की तैयारी है। पाकिस्तान में लगे चीन के डिफेंस सिस्टम और उसके हथियार डिपो तबाह कर दिए जाएंगे। इसी तरह तुर्किए के ड्रोन और वॉरशिप को भी निशाने पर लिया जाएगा। पाकिस्तान की घबराहट की सबसे बड़ी वजह भारत के हाईटेक हथियार हैं, जिन्होंने 48 घंटे में ही पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था।
दूरदर्शी विजन और अत्याधुनिक हथियारों से दुश्मन को किया नाकाम
पीएम मोदी के दूरदर्शी विजन ने हमारी सेनाओं को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ही तीन हथियार ऐसे हैं, जिनका इस्तेमाल पहली बार किसी कॉम्बैट ऑपरेशन में किया गया, जिसमें वो शत-प्रतिशत सफल रहे। राफेल, जिससे पाकिस्तान और पीओके में आतंकी अड्डों को तबाह किया गया। दूसरा हथियार है ब्रह्मोस, जिसने पाकिस्तानी एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया और तीसरा हथियार है S-400, जिसने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम किया। हालांकि एस-400 के साथ आकाश और स्पाइडर के अलावा दूसरे एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और जेट के के हमलों को 100 फीसदी नाकाम किया था।
भारत के अभेद्य सुरक्षा कवच को और अधिक मजबूत करने की तैयारी
भारत के अभेद्य सुरक्षा कवच के पीछे मजबूत वजह में लॉन्ग रेंज डिफेंस सिस्टम एस-400 है, जिसकी रेंज 400 किमी है। मीडियम रेंज का डिफेंस सिस्टम आकाश और बराक-8 है। आकाश की रेंज 70 से 80 किलोमीटर है, जबकि इजराइल के सहयोग से तैयार किए गए बराक की रेंज 70 से 100 किमी है। इसके अलावा शॉर्ट रेंज डिफेंस सिस्टम स्पाइडर और इग्ला-S है। स्पाइडर की रेंज 20 से 30 किमी है, जबकि इग्ला की रेंज 10 से 15 किमी है। इन डिफेंस सिस्टम का चक्रव्यूह तैयार किया गया, जिसमें पाकिस्तान का हर ड्रोन, हर मिसाइल फंस कर तबाह हो गए। अब भारत अपनी इस रक्षा प्रणाली में और ज्यादा इजाफा करने जा रहा है, जिसमें एयर डिफेंस के लिए तीन नई मिसाइलें तैनात की जाएंगी, जबकि एस-400 के बाकी 7 सिस्टम इस साल के आखिर तक भारत को मिल जाएंगे। पीएम मोदी के कार्यकाल में ही साल 2018 में एस-400 की डील हुई थी, जिसमें से तीन भारत को मिल चुके हैं, बाकी जल्द मिल जाएंगे। ऐसे भी कयास हैं कि एस-400 को लेकर नए कंसाइनमेंट की डील हो सकती है।
40 हजार करोड़ की डिफेंस डील, हमारी सेनाएं और होंगी मजबूत
बता दें कि हाल ही में रक्षा मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रक्षा प्रणाली को और ज्यादा मजबूत और हाइटेक किया जाएगा। इसके लिए आकाश-NG को तैनात किया जाएगा। ये लड़ाकू विमान, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हैं। दूसरा सिस्टम VL-SRSAM लगाया जाएगा, इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है। इसे नौसेना के जहाजों पर लगाया जा सकता है। इसके अलावा QRSAM भी जल्द शामिल होगा, जो ड्रोन, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू विमानों को पीछे धकेलने में सक्षम है। इस अहम बैठक में Su-30MKI को अपग्रेड करने का फैसला किया गया, तीसरे स्क्वाड्रन को तैनात करने की प्लानिंग है। दरअसल, भारत आसमान से बड़े प्रहार की तैयारी में है। इसके लिए युद्धाभ्ययास किया जा रहा है। साथ ही 40 हजार करोड़ की डिफेंस डील की गई है। अब 20 सुखोई जेट में ब्रह्मोस लगाई जाएगी। फ्रांस को 26 राफेल का नया ऑर्डर दिया गया है, जबकि 12 तेजस, एयरफोर्स को जल्द ही मिलने वाले हैं।
शहबाज शरीफ हथियारों की भीख मांगने के लिए तेहरान दौरे पर जाएंगे
देश की रक्षा प्रणाली को मजबूती देने के लिए यह भी तय किया गया है कि उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में हथियार प्रोडक्शन यूनिट लगाई जाएंगी। इन यूनिटों के माध्यम से सेना को जल्दी और ज्यादा हथियार मिल सकेंगे। लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की यूनिट लगाई गई है, जिसे हर साल 100 से 150 ब्रह्मोस मिल सकें। भारत अब तीनों मोर्चों पर बड़ी युद्धक तैयारी कर रहा है। इसके लिए डिफेंस बजट बढ़ाकर हाईटेक हथियारों की खरीद पर फोकस है। साथ ही मेक इन इंडिया के तहत हथियारों का प्रोडक्शन तेजी से किया जा रहा है। भारत की फ्रंटलाइन तैयारी से पाकिस्तान के होश उड़े हुए हैं। इसलिए वो तुर्किए, चीन से गुहार रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक के पीएम शहबाज शरीफ तेहरान दौरे पर जाएंगे, जिससे हथियारों की भीख मांग पाए।
पाक सैन्य प्रमुख मुनीर अपने हालात का रोना रोने पहुंचे अमेरिका
इस बीच ऐसी खबरे हैं कि पाक सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर अपने हालात का रोना रोने अमेरिका जा पहुंचे हैं। लेकिन मुनीर ने गलत वक्त चुना है। वे ऐसे समय अमेरिका पहुंचे हैं, जब ईरान और इजरायल संघर्ष में व्यस्त हैं। इजरायल और ईरान लगातार एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं। इजराइल ने तो ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमला बोला है। इसके बाद पाकिस्तान ने ईरान का समर्थन करने का ऐलान किया और इजरायल की जमकर आलोचना की। पाकिस्तान के नेता मुस्लिम देशों से एकजुट होने और ईरान के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं। इस बीच एक शीर्ष ईरानी जनरल के हवाले से कहा गया कि पाकिस्तान ने कसम खाई है कि अगर यरुशलम तेहरान के खिलाफ इसी तरह का रास्ता अपनाता है तो वह इजरायल पर परमाणु बम गिराएगा। आसिम मुनीर के लिए सबसे बड़ी परेशानी यही है। अगर पाकिस्तान इजरायल के खिलाफ खुलकर ईरान की मदद करता है और सैन्य समर्थन मुहैया कराता है तो इससे अमेरिका नाराज हो सकता है।
पाकिस्तान की अमेरिका और ईरान से एक साथ दोस्ती होना मुश्किल
अमेरिका ने भले ही ईरान पर इजरायली हमलों की मंजूरी देने से इनकार किया है, लेकिन वह इस संघर्ष में पूरी तरह से तेल अवीव का सबसे करीबी सहयोगी बना हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि संघर्ष में अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है। उन्होंने पहले तेहरान को धमकी दी थी कि अगर अमेरिका पर किसी भी तरह से हमला किया गया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अमेरिका स्थित दक्षिण एशिया के विश्लेषक माइकल कुगेलमैन ने डॉन को बताया कि मध्य पूर्व में संकट पाकिस्तान के साथ अमेरिकी जुड़ाव को सीमित कर सकता है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अमेरिकी समर्थन हासिल करना चाहता है, लेकिन उसने इजरायली हमलों की निंदा की है और तेहरान के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है। जनरल मुनीर का इजरायल के सबसे करीबी सहयोगी और ईरान के मुख्य विरोधी की राजधानी में ऐसे तनावपूर्ण समय में होना कुछ असहज बातचीत का कारण बन सकता है।” एक और मुद्दा जो मुनीर की यात्रा पर हावी होने की संभावना है, वह अमेरिका में इमरान खान के समर्थकों की बड़ी प्रतिक्रिया है, जो उनकी यात्रा से पहले के दिनों में पाकिस्तानी सेना प्रमुख पर चौतरफा हमला कर रहे हैं। पीटीआई सदस्यों ने वाशिंगटन में डिजिटल वैन तैनात की हैं, जिन पर मुनीर को निशाना बनाते हुए विज्ञापन लगाए गए हैं, जिसमें उन्हें “इस्लामाबाद का कसाई” और “धोखाधड़ी करने वाला मार्शल” कहा गया है।
पहलगाम पर आतंकी हमला कराने वाला पाकिस्तान बार-बार एक्सपोज
पहलगाम पर आतंकी हमला कराने वाला पाकिस्तान बार-बार एक्सपोज हो रहा है। इसके बाद भी वो अपनी नापाक हरकतों को बाज नहीं आ रहा है। अब तो आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने भी साफ-साफ कह दिया है कि पहलगाम हमला इतना बड़ा और सुनियोजित था कि इसको आतंक फैलाने वालों के समर्थन के बिना कतई अंजाम नहीं दिया जा सकता था। इसके लिए सुनियोजित फंडिंग भी की गई। इस टास्क फोर्स का इशारा आतंक के आका पाकिस्तान की ओर ही है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में आतंकी अड्डों को तबाह करके साबित किया था कि आतंकवाद को पाकिस्तान की सरपरस्ती हासिल है। पाक किस तरह से आतंकियों का समर्थन कर रहा है। पाकिस्तान की झूठ की फैक्ट्री इससे पहले भी तब उजागर हुई थी, जबकि पाकिस्तान में यह दावा किया गया कि वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य सैन्य परेड के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सईद आसिम मुनीर को आमंत्रित किया गया, जबकि भारत को कोई तवज्जो नहीं दी गई। इस फेक न्यूज को लेकर कांग्रेस के नेताओं ने भी आसमान सिर पर उठा लिया था। लेकिन बाद में इन फेक खबरों को व्हाइट हाउस के सिरे से खारिज कर देने के बाद पाकिस्तान और कांग्रेस नेताओं की जमकर किरकिरी हुई है।
एक्शन टास्क फोर्स ने पहलगाम आतंकी हमले की घोर भर्त्सना की
ग्लोबल टेरर वॉच डॉग ने कहा कि आतंकी हमले लोगों को मारते हैं, घायल करते हैं और दुनियाभर में डर फैलाते हैं। FATF का यह बयान पहलगाम हमले के कई दिन बाद आया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के लगातार आतंकवाद को समर्थन देने और मल्टीपल फंड्स को हथियारों की खरीद में इस्तेमाल करने की बात को उजागर किया है। भारत का तर्क है कि ऐसी ही गतिविधियों की वजह से पाकिस्तान को FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में डाला जाना चाहिए। FATF कभी-कभार ही आतंकवादी कृत्यों की निंदा करता है। पिछले एक दशक में यह तीसरा मौका है जब उसने किसी आतंकी हमले की निंदा की है। इससे पहले 2015 में और फिर 2019 में आतंकवादी हमलों के गंभीर मामलों में निंदा जारी की गई थी। बता दें कि पहलगाम में आतंकी हमला 22 अप्रैल को किया गया था। इसमें एक नेपाली समेत 26 टूरिस्ट की मौत हुई थी।
FATF की ग्रुप बैठकों के लिए पाकिस्तान के खिलाफ डोजियर तैयार
पाकिस्तान को 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में रखा गया था। तब उसने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए एक एक्शन प्लान दिया था। इसके बाद 2022 में FATF ने पाकिस्तान को इस ग्रे लिस्ट से हटा दिया था। FATF की एशिया-पेसिफिक ग्रुप (APG) की बैठक 25 अगस्त को होनी है। इसके बाद FATF के वर्किंग ग्रुप की बैठक 20 अक्टूबर को होगी। इन बैठकों से पहले भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक डोजियर तैयार कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग नियमों का पालन करने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान को फिर से ‘ग्रे लिस्ट में डालने के लिए FATF के सामने मजबूत केस रखेगी। इसमें बताएगा कि पाकिस्तान कैसे फंडिंग का आतंकी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल कर FATF के नियमों का उल्लंघन कर रहा है।
भारत ने किया था पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज का विरोध
भारत सरकार ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के 9 मई को पाकिस्तान को दिए गए 2.4 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज का भी विरोध किया था। इसके बाद IMF ने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने को लेकर पाकिस्तान के सामने 11 नई शर्तें रखी हैं। नई शर्तों में फेडरल बजट के लिए पार्लियामेंट्री अप्रूवल, बिजली बिलों पर हायर डेट सर्विसिंग सरचार्ज और पुरानी यूज कारों पर प्रतिबंध हटाना शामिल है। इस बीच एफएटीएफ ने एक बयान में कहा है कि आतंकवाद दुनिया भर के समाजों और नागरिकों के लिए खतरा है। इसलिए वैश्विक निगरानी संस्था अपने वैश्विक नेटवर्क के भीतर 200 से अधिक न्यायक्षेत्रों को आतंकी फंडिंग के खिलाफ अपने उपायों को बनाने और बढ़ाने के लिए समर्थन दे रही है। इसमें वित्तीय खुफिया जानकारी का रणनीतिक उपयोग भी शामिल है। बयान में कहा गया कि एफएटीएफ जल्द ही आतंकी फंडिंग को लेकर एक व्यापक विश्लेषण जारी करेगा, जिसमें हमारे वैश्विक नेटवर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए मामलों को संकलित किया जाएगा।
पीएम मोदी की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को समर्थन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। उन्होंने कई वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के विरूद्ध पुरजोर आवाज उठाई है और इसके खिलाफ सभी देशों को एकजुट होने का आह्वान किया है। अब एफएटीएफ की अध्यक्ष एलिसा डी आंदा माद्राजो ने भी पीएम मोदी के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि कोई भी कंपनी, प्राधिकरण या देश अकेले आतंकवाद की चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकता। हमें वैश्विक आतंकवाद के संकट के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। क्योंकि आतंकवादियों को अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए केवल एक बार सफल होने की जरूरत होती है, जबकि हमें इसे रोकने के लिए हर बार सफल होना होगा।
एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में 24 देश, पाक को भी डाला जाए
भारत लगातार मांग कर रहा है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला जाना चाहिए। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ने आतंकियों को सुरक्षित पनाह दी हुई है। मौजूदा समय में दुनिया के 24 देश एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में हैं। इन देशों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी फंडिंग का मुकाबला करने के लिए रणनीतिक कमियों को दूर करना होगा। 2018 में पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए एक कार्ययोजना दी थी। इसके बाद 2022 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को इस सूची से हटा दिया था। लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान अपनी आतंकवाद समर्थक हरकतों से बाज नहीं आया। पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी मुख्यालयों को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में नेस्तनाबूत किया है। इसके बाद भी कई आतंकी पाकिस्तान में पनाह लिए हुए हैं।
मुनीर को अमेरिकी सैन्य परेड में बुलाने पर भी पाक ने बोला झूठ
इससे पहले भी पाकिस्तान का झूठ उजागर हुआ था। पाकिस्तान में यह झूठ सुनियोजित तरीके से फैलाया गया कि वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य सैन्य परेड के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सईद आसिम मुनीर को आमंत्रित किया गया है, जबकि भारत को कोई तवज्जो नहीं मिली है। इस परेड का आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 79वें जन्मदिन के साथ हुआ, जिसमें 6,600 सैनिक, 150 वाहन, और 50 विमानों ने हिस्सा लिया। हालांकि, मुनीर को बुलाए जाने की खबरों को व्हाइट हाउस ने सिरे से खारिज कर दिया। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोई भी विदेशी सैन्य नेता इस आयोजन में आमंत्रित नहीं था। यह बयान उन अफवाहों को खारिज करता है, जिनमें दावा किया गया था कि मुनीर को अमेरिका ने विशेष अतिथि के रूप में बुलाया था।
Jairam Ramesh said that US had specially invited Asim Muneer to the anniversary of US Armed Forces & this was failure of Indian Foreign policy
White House has categorically denied this.. maybe Jairam should become PR chief for Shahbaz Sharif & Pakistan..
This isn’t the first… pic.twitter.com/lExTkUOdN7
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) June 14, 2025
फेक न्यूज को कांग्रेसी जयराम रमेश ने भारत के लिए झटका बताया
पाकिस्तानी मीडिया और कुछ भारतीय यूट्यूबरों ने 12 जून को खबरें चलाईं कि मुनीर को अमेरिकी सेना के समकक्षी ने परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। इन फेक खबरों ने भारत में कांग्रेस के नेताओं ने सही मान लिया और बेसिरपैर का विवाद खड़ा कर दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तो इसे भारत के लिए बड़ा “कूटनीतिक झटका” करार दे दिया। रमेश ने पाक को बुलाने और भारत को छोड़ देने पर ट्रम्प प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाए। बाद में व्हाइट हाउस ने इन दावों को “फर्जी खबर” बताते हुए कहा कि परेड की योजना पिछले साल शुरू हुई थी और यह पूरी तरह अमेरिकी सेना के इतिहास को समर्पित थी। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ा, जहां कई यूजर्स ने पाकिस्तान के दावों को खोखला प्रचार करार दिया।
Had Jairam Ramesh had not spread the Fake News of Asim Munir getting invited to US, Asim Munir had not faced such embarrassment. But thanks to Asim Munir’s well-wisher Jairam Ramesh, he has now become a Joke in Geopolitics.
Munir Badnaam Hui, Jairam tere Liye pic.twitter.com/CHmF4udnQM
— Kaustubh Raje (@Kaustubh_SSS) June 16, 2025
मुनीर के आमंत्रण पर व्हाइट हाउस के खंडन से पाक हुआ शर्मिंदा
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ने इस अफवाह के जरिए अपनी अंतरराष्ट्रीय छवि सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन व्हाइट हाउस के खंडन ने उसे शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर को 14 जून को वॉशिंगटन में होने वाली अमेरिकी सैन्य परेड के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी अधिकारी ने उन अटकलों को खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा था असीम मुनीर को सैन्य समारोह में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में आमंत्रित किया गया है। अधिकारी ने कहा कि ये खबरें गलत और बेबुनियाद हैं। अमेरिका की ओर से किसी भी विदेशी सैन्य अफसर को इस परेड के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। ऐसे में मुनीर को न्योते की बात भी गलत है।
Jairam Ramesh has been caught red-handed peddling fake news falsely claiming that Pakistan Army Chief Asim Munir was invited by the US!
This isn’t a one-off slip, it’s a pattern. Congress has repeatedly echoed Pakistan’s narrative, knowingly or otherwise.
Any responsible Indian… pic.twitter.com/4jdlm5vZtK
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) June 14, 2025
पाकिस्तान के कई मीडिया आउटलेट्स पर किया गया था झूठा दावा
पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट्स ने दावा किया था कि असीम मुनीर को एक आधिकारिक निमंत्रण मिला है। वह अमेरिका में जाकर सैन्य परेड में शामिल होंगे। इसे लेफ्ट लिबरल विश्लेषकों और कांग्रेस ने भारत के लिए एक झटके की तरह देखा। एक्सपर्ट ने कहा था कि पाक सेना से अमेरिका की करीबी भारत के लिए मुश्किल का सबब बनेंगी। दूसरी ओर पाकिस्तानी मीडिया में इसके लिए लगातार शेखी बघारी जा रही थी। वैसे भी कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय हितों पर अपने राजनीतिक हितों को प्राथमिकता देने की अपनी पुरानी आदत से बाहर नहीं निकल पा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद जयराम रमेश ने एक लंबी पोस्ट लिखकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला। अपने पोस्ट में रमेश ने लिखा, “मोदी सरकार कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है, ऐसे में पाकिस्तानी सेना प्रमुख का अमेरिकी सेना दिवस में बतौर अतिथि शामिल होना निश्चित रूप से गंभीर चिंता का विषय है। इस फेक न्यूज को लेकर कांग्रेस और जयराम को मुंह की खानी पड़ी।