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असंगठित श्रमिकों के लिए वरदान बनी मोदी सरकार, पेंशन का सपना हुआ साकार

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असंगठित क्षेत्र के कामगार सम्मानपूर्वक जीवन-यापन कर सके। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेहतर परिस्थितियां तैयार कीं। ऐतिहासिक पहल करते हुए श्रम योगी मान-धन योजना लागू की और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की। इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के कामगारों को रिटायरमेंट के बाद न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी गई है।

5 मार्च, 2019 को गुजरात के वस्त्राल में प्रधानमंत्री मोदी ने श्रम योगी मान-धन योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि उम्र का वह पड़ाव, जब आय का कोई साधन न हो, बहुत पीड़ादायक होता है। यही पीड़ा मेरे मन-मस्तिष्क में थी। उसी पीड़ा में से इस योजना ने जन्म लिया है। गरीबों के नाम पर वोट बटोरने वालों ने 55 साल तक देश में राज किया, लेकिन असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए कोई योजना नहीं बनाई। इसका कारण है नीयत में खोट।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद इतिहास की यह पहली योजना है जिसने समाज के उस वर्ग को छुआ है, जिसके बारे में कभी सोचा ही नहीं गया। इस वर्ग के लोगों को अपने ही भाग्य पर छोड़ दिया गया था। बुढ़ापे में अपने भी, जिनको पाल-पोसकर बड़ा किया है, वो भी साथ छोड़ देते हैं।

असंगठित श्रमिकों के हित में लिए गए फैसले 

  • मोदी सरकार श्रमिकों को असंगठित श्रमिक सूचकांक संख्या (UWIN) कार्ड दे रही है।
  •  मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी और समय पर वेतन भुगतान को सुनिश्चित कर दिया है। 
  • असंगठित क्षेत्र के कामगारों की आर्थिक सहायता को सीधे उनके खातों में भेजा जा रहा है।
  • पीएम मोदी ने 5 मार्च, 2019 को असंगठित श्रमिकों के लिए ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना’ का शुभारंभ किया।
  • यह कार्यक्रम देश के लगभग 42 करोड़ असंगठित श्रमिकों और कामगारों की सेवा में समर्पित है।
  • इस योजना के तहत 60 वर्ष की उम्र के बाद असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 3000 रुपये की मासिक पेंशन का प्रावधान है।
  • ऐसे श्रमिक, जो 18-40 साल के बीच है और मासिक कमाई 15,000 रुपये से कम है, इस योजना से जुड़ सकते हैं।
  • अटल पेंशन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित एक पेंशन योजना है।
  • इसके तहत 60 साल की उम्र में 1,000 से 5000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन दी जाती है।
  • काम के दौरान मजदूरों की मौत होने पर मुआवजा को 2.5 से बढ़ाकर 6 लाख रुपये किया गया है।
  • मोदी सरकार के इस कदम का फायदा घरों में काम करने वाली मेड, ड्राइवरों, प्लबंर, रिक्शा चालकों और बिजली का काम करने वाले श्रमिकों को मिल रहा है।
  • मनरेगा के तहत मजदूरी करने वालों की दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपए कर दी गई है। इससे 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे। 
  • प्रति मजदूर को करीब दो हजार रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी, जिसका लाभ 5 करोड़ मजदूरों को मिलेगा।
  • भवन और अन्य निर्माण कार्य से जुड़े 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्कर को मोदी सरकार द्वारा 31 हजार करोड़ रुपए का फंड दिया गया है।

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