प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार के साथ ही सामाजिक न्याय को भी प्राथमिकता दी है। सामाजिक न्याय के मसीहा के रूप में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार (29 जुलाई, 2021) को मेडिकल शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला किया। इसे वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से ही लागू किया जाएगा। इसके तहत एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस, एमडीएस और डिप्लोमा में 5,550 छात्रों को फायदा मिलेगा। मोदी सरकार के इस फैसले से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1,500 ओबीसी और 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा। वहीं, मेडिकल के स्नातकोत्तर कोर्स में 2,500 ओबीसी छात्रों और करीब 1,000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
गौरतलब है कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस को NEET में एआईक्यू के तहत आरक्षण देने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे मोदी सरकार ने पूरा कर दिया। इससे पहले केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को ही आरक्षण मिलता था। 2019 में मोदी सरकार ने ऐतिहासिक संवैधानिक संशोधन कर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया था। बीते सात सालों में देश में जहां एमबीबीएस की सीटों में 56 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई हैं, वहीं इस अवधि में पीजी सीटों में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इनके अलावा 179 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई। इससे मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 558 हो गई है, जिनमें 289 सरकारी और 269 निजी कॉलेज शामिल है।
एमबीबीएस की सीटों में 56% बढ़ोतरी
वर्ष | एमबीबीएस की सीटें |
2014 | 54,348 सीटें |
2020 | 84,649 सीटें |
पीजी की सीटों में 80% की वृद्धि
वर्ष | पीजी की सीटें |
2014 | 30,191 सीटें |
2020 | 54,275 सीटें |