प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को विश्वगुरु बनाने के विजन के तहत काम कर रहे हैं। इसके लिए देश में चौतरफा विकास की जरूरत है और विकास के काम के लिए पैसे की जरूरत होती है। पीएम मोदी अपने विजन के लिए जाने जाते हैं। यह उनकी दूरदृष्टि ही है कि सरकारी दफ्तरों में लंबे समय से पड़े कबाड़ को हटाने और दफ्तरों में स्वच्छता लाने के लिए कहा। इसका नतीजा ये निकला कि दफ्तरों में तो साफ-सफाई हो ही गई, सरकारी खजाने में 600 करोड़ रुपये भी आ गए। यह राशि लगभग उतनी ही है जितनी चंद्रयान-3 मिशन पर खर्च आया है। सरकारी खजाने को भरने के लिए यह अनोखी पहल मोदी विजन से ही संभव है!
सरकार ने कबाड़ बेचकर जुटाए 600 करोड़
मोदी विजन से केंद्र सरकार लगातार अपने सरकारी खजाने को भरने के लिए अलग-अलग तरह के अभियान चला रही है। अब कबाड़ बेचने के इस अभियान को मोदी सरकार की तरफ से रेवेन्यू जनरेट का नया जरिया माना जा सकता है। अगस्त के महीने में सरकार ने चंद्रयान 3-मिशन के बजट के बराबर यानी कि लगभग 600 करोड़ रुपये सिर्फ कबाड़ बेचकर कमाए हैं।
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— Politicians India (@Politicians_IND) September 14, 2023
अक्टूबर तक सरकारी खजाने में आएंगे 1000 करोड़
सरकारी खजाने को भरने के लिए केंद्र सरकार ने अनोखी पहल की शुरूआत करते हुए करोड़ों रुपए का रेवेन्यू इकट्ठा किया। केंद्र सरकार ने अपने राजस्व बढ़ाने के लिए सरकारी दफ्तरों की बेकार फाइलों, खराब हो चुके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और पुराने हो चुके वाहनों को बेचकर एक अच्छी खासी रकम इकट्ठी की। सरकारी कार्यालयों में जमा कंडम गाड़ियों, दूसरे उपकरणों और रद्दी की टोकरी में जा चुकी फाइलों को बेचने के अभियान के तहत अक्टूबर तक सरकारी खजाने में 1000 करोड़ पहुंच जाने की संभावना जताई जा रही है।
कबाड़ बेचकर पहले अभियान में 62 करोड़ जुटाए
मोदी सरकार ने अक्टूबर 2021 में इस तरह का पहला अभियान शुरू किया था, जिसमें सरकार ने 62 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया था। इसके चलते सरकारी ऑफिस साफ-सुथरे नजर आने लगे, फाइलों से भरी स्टील की अलमारियां खाली हो गईं और बेकार जंग खाते पड़ी गाड़ियों की नीलामी कर दी गई।
अक्टूबर 2022 में चलाए गए इसी तरह के अभियान से 371 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इस दौरान भी सरकारी कार्यालयों में जमा कंडम गाड़ियों, दूसरे खराब पड़े उपकरणों और रद्दी की टोकरी में जा चुकी फाइलों का निपटारा किया गया।
तीसरे अभियान में कबाड़ बेचकर 400 करोड़ जुटाने का लक्ष्य
सरकार अब 2023 में 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक अपना विशेष अभियान 3.0 चलाएगी, जिसमें स्वच्छता और प्रशासन में लंबित मामलों को कम करने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। इस बार तीसरे फेज में लगभग 400 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य है।
कबाड़ से हर महीने लगभग 20 करोड़ जुटाए
सरकार ने स्वच्छता अभियान को अब एक निरंतर अभ्यास के रूप में संस्थागत बना दिया। आखिरी अभियान नवंबर में समाप्त होने के बाद से सरकार ने स्वच्छता अभियान को एक निरंतर अभ्यास के तौर पर करने का निर्णय लिया और हर महीने इससे लगभग 20 करोड़ रुपये कमाए।
31 लाख सरकारी फाइलें हटाई गईं
आंकड़े बताते हैं कि लगभग दो साल पहले अभियान शुरू होने के बाद से लगभग 31 लाख सरकारी फाइलें हटा दी गई हैं। सरकार ने पिछले अभियान में 1.01 लाख कार्यालय स्थलों को कवर किया था और तीसरे फेज में लगभग 1.5 लाख कार्यालय स्थलों को लक्षित करने की योजना बना रही है।
सरकारी कार्यालयों में 185 लाख वर्ग फुट कबाड़ से हुई मुक्त
आज की तारीख में सरकारी कार्यालयों में खाली की गई जगह 185 लाख वर्ग फुट है। जबकि पिछले साल अक्टूबर में विशेष अभियान 2.0 के दौरान इसमें से रिकॉर्ड 90 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराई गई थी। इस अक्टूबर में कम से कम 100 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराने का लक्ष्य है।
कार्यालयों में स्वच्छता के लिए शुरू किया गया अभियान
इस अभियान का मकसद मंत्रालयों और विभागों के सभी कार्यालयों में स्वच्छता रखना है। एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि सर्विस डिलेवरी या पब्लिक इंटरफेस के लिए जिम्मेदार फील्ड या आउटस्टेशन ऑफिसों पर खास ध्यान दिया जाएगा।