बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर देश से ही नहीं विदेशों से भी आवाज उठ रही है। कई विदेशी सांसदों के विरोध के बीच ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने एक बार फिर से इसे प्रोपेगेंडा करार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को घटिया पत्रकारिता बताते हुए बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि इसे कभी भी जारी नहीं किया जाना चाहिए था, यह झूठ के आधार बनाई गयी डॉक्यूमेंट्री है। इसे शर्मनाक बताते हुए उन्होंने साफ-साफ कहा कि बीबीसी को इसे प्रसारित नहीं करना चाहिए था।
#WATCH | “Propaganda video, shoddy journalism, should never have been broadcast by BBC.…” says UK MP Bob Blackman on BBC Documentary on PM Modi pic.twitter.com/k98XjGrhpQ
— ANI (@ANI) February 17, 2023
एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में तथ्यों को पूरी तरह से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और यह यह सच्चाई से बहुत दूर है। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2002 के दंगों के संबंध में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दावों की जांच की और पाया कि उनके समर्थन में एक भी सबूत नहीं था। बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर बीबीसी का वीडियो उपहास से भरा था। उन्होंने कहा कि 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने दंगों के दौरान शांति के लिए अपील करने की पूरी कोशिश की थी। मैंने डॉक्यूमेंट्री के दोनों हिस्सों को देखा है, इसे देखकर मेरा खून खौल उठा। मुझे लगता है कि बीबीसी को ऐसे कार्यों में लिप्त नहीं होना चाहिए।
The so-called documentary which is more of propaganda video was a disgraceful piece of shoddy journalism with an attack on Narendra Modi, both in his time as Gujarat CM&then his time as PM. It should never have been broadcast by BBC: British MP Bob Blackman on BBC docu on PM Modi pic.twitter.com/bQC2UqCM2I
— ANI (@ANI) February 17, 2023
बीबीसी को लताड़ा, कहा- घटिया पत्रकारिता
सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव के सदस्य और हैरो ईस्ट से सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इसके पहले भी कहा था कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री में बातों को ‘बढ़ा चढ़ाकर’ दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री एकतरफा है और इसने गोधरा ट्रेन कांड में हिंदुओं को निशाना बनाने की अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक ट्रेन में आग लग गई थी, लेकिन इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया कि गाड़ी में फ्यूल डाला गया था और हिंदुओं की हत्या करने की कोशिश कर रहे लोगों ने आग लगा दी थी। बॉब ब्लैकमैन ने जोर देकर कहा कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी की ओर से दंगों को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की अनदेखी की। इससे पहले भी 27 जनवरी 2023 को सांसद बॉब ब्लैकमैन ने बयान देते हुए बीबीसी को लताड़ लगाई थी।
#BBCSearched#EXCLUISVE | BBC is independent but it should act responsibly. I detect a sort of anti-India bias in many aspects. #BBC news is often negative about India: @BobBlackman in conversation with @PadmajaJoshi
Listen in. pic.twitter.com/n8zRyEEpH0
— TIMES NOW (@TimesNow) February 14, 2023
आइए देखते हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री का किस तरह विरोध हो रहा है और प्रधानमंत्री मोदी को समर्थन मिल रहा है…
प्रोपेगेंडा के लिए तैयार की गई इस डॉक्यूमेंट्री का ना सिर्फ भारत में विरोध हो रहा है, बल्कि ब्रिटेन में इसके खिलाफ आवाज उठ रही है। इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। लोग इसे बड़ी साजिश का हिस्सा बता रहे हैं। साथ ही बीबीसी के प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज पर सवाल उठा रहे हैं।
ब्रिटिश संसद में पीएम मोदी के समर्थन में गूंजी आवाज
सांसद लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने हाउस ऑफ लार्ड्स में प्रधानमंत्री मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पृथ्वी के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में एक हैं। उन्होंने भारत को दुनिया की सबसे तेज बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भी बताया। सांसद लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने हाउस ऑफ लार्ड्स में एक बहस के दौरान कहा, ”एक लड़के के रूप में, नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान पर चाय बेची। आज वह भारत के प्रधानमंत्री के रूप में इस धरती पर सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक हैं। आज भारत के पास G20 की अध्यक्षता है। आज भारत के पास अगले 25 वर्षों में 32 बिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का विजन है।”
“India has a vision to become, within 25 years, the 2nd largest economy in the world with a GDP of $32 trillion. The Indian Express has left the station. It is now the fastest train in the world—the fastest-growing major economy. The UK must be its closest friend and partner.” pic.twitter.com/n1Pdhalw5W
— Lord Karan Bilimoria (@Lord_Bilimoria) January 20, 2023
लॉर्ड बिलिमोरिया ने एक्सप्रेस ट्रेन से की भारत की तुलना
लॉर्ड बिलिमोरिया ने भारत की अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि भारत अब यूके से आगे निकल गया है और दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इसके अलावा भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती एक बड़ी अर्थव्यवस्था भी है। उन्होंने कहा कि भारत हर पहलू में मजबूत होता जा रहा है। उन्होंने भारत की तुलना एक्सप्रेस ट्रेन से करते हुए कहा कि इंडियन एक्सप्रेस अब स्टेशन से निकल चुकी है। यह अब दुनिया की सबसे तेज ट्रेन है। सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। यूके को इसका सबसे करीबी मित्र और भागीदार होना चाहिए। बिलिमोरिया ने यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौता का समर्थन किया।
“India has a vision to become, within 25 years, the 2nd largest economy in the world with a GDP of $32 trillion. The Indian Express has left the station. It is now the fastest train in the world—the fastest-growing major economy. The UK must be its closest friend and partner.” pic.twitter.com/n1Pdhalw5W
— Lord Karan Bilimoria (@Lord_Bilimoria) January 20, 2023
लॉर्ड रामी रेंजर ने विवादित डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ लिखा पत्र
ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन को निशाने पर लिया। बीबीसी के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए रामी रेंजर ने शिकायत की कि डॉक्यूमेंट्री न केवल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के दो बार लोकतांत्रिक रूप से चुने गए प्रधानमंत्री का अपमान करती है, बल्कि न्यायपालिका और संसद का भी अपमान करती है, जिसने नरेन्द्र मोदी की कड़ी जांच की और उन्हें बरी कर दिया। लॉर्ड रामी रेंजर ने अपने ट्वीट में लिखा कि “बीबीसी न्यूज, आपने भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत किया है और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित भारत के प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका की भी बेइज्जती की है। हम दंगों और लोगों की मौत की निंदा करते हैं लेकिन हम आपकी पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।”
Lord @RamiRanger wrote to the director general BBC strongly condemning the documentary on PM @narendramodi & said the timing of the documentary is sinister. pic.twitter.com/i6li0pkJB8
— 🇬🇧FISIUK 🇮🇳(Friends of India Soc Intl UK) (@FISI_UK) January 21, 2023
ब्रिटिश पीएम सुनक ने प्रधानमंत्री मोदी का किया समर्थन
इससे पहले ब्रिटिश संसद में पाकिस्तानी मूल के इमरान हुसैन ने बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के विचार पूछे थे। इसके जवाब में सुनक ने कहा था कि वह ऐसे चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आ रही है और बदली नहीं है। आगे सुनक ने कहा, ‘निश्चित रूप से हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो, लेकिन मैं उस चरित्र-चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं, जो नरेन्द्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है।’
UK Government PM Rishi Sunak Criticizes BBC Report:
UK PM Rishi Sunak dismisses Pakistani-origin Imran Hussain, a British MP, appearing in the House in connection with an allegation against PM Modi, which was conducted by BBC. pic.twitter.com/Uu3O72g1tU
— Kapil Kumar (@kapilkumaron) January 19, 2023
पीएम मोदी के खिलाफ बीबीसी का नया प्रोपेगैंडा
गौरतलब है कि बीबीसी ने India: The Modi Question शीर्षक से दो पार्ट में एक नई सीरीज बनाई है। इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटिश विदेश विभाग की अप्रकाशित रिपोर्ट पर आधारित बताया गया है। ब्रिटिश विदेश विभाग की रिपोर्ट का दावा है कि नरेन्द्र मोदी साल 2002 में गुजरात में हिंसा का माहौल बनाने के लिए ‘प्रत्यक्ष रूप से ज़िम्मेदार’ थे। जबकि भारत का सुप्रीम कोर्ट पहले ही प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात हिंसा में किसी भी तरह की संलिप्तता से बरी कर चुका है। ऐसे में यह साफ हो जाता है कि उन्होंने एजेंडे के तहत यह डॉक्यूमेंट्री बनाई। भारत और ब्रिटेन में इस विवादित डॉक्यूमेंट्री का जमकर विरोध हो रहा है।
#BharatWithModiJi
Bias BBC . Indians are very angry . Is BBC playing in hands of Anti India forces ,especially Pakistan. Shame!
Shame On BBCpic.twitter.com/AA8f9T5oCn— Unicorn InfoTech (@ggnvs) February 5, 2023
बीबीसी के खिलाफ ऑनलाइन याचिकाएं, सब्सक्रिप्शन हो रहे कैंसिल
ब्रिटेन में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों का गुस्सा फूट पड़ा है। लोग खुलकर अब बीबीसी का विरोध कर रहे हैं। बड़ी संख्या में भारतीय लोगों ने ऑनलाइन याचिकाएं दायर की हैं। यहां तक कि ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के लोग अब बीबीसी के सब्सक्रिप्शन को भी कैंसिल करवा रहे हैं। ब्रिटिश संस्थानों ने बीबीसी के मैनेजमेंट और संपादक को पत्र लिखकर भी आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि बीबीसी जानबूझकर भारत और ब्रिटेन को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। बीबीसी की सोच पक्षपातपूर्ण है।
बीबीसी के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन की चेतावनी
‘द रीच इंडिया’ ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष गायत्री ने कहा कि बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। इस समय हिंदू और भारत विरोधी ताकतें किसी न किसी तरह से ऋषि सुनक की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का ब्रिटेन की संसद में मुद्दा उठाने वाला पाकिस्तानी मूल का सांसद लेबर पार्टी से है। ऐसे में साफ है कि लेबर पार्टी और बीबीसी के इस डॉक्यूमेंट्री का निशाना भारतीय प्रधानमंत्री के साथ ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी हैं।
बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री के जरिये कई उद्देश्यों को पूरा करने की साजिश रची
1. पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को गलत तरह से पेश करना।
2. भारत-ब्रिटेन के रिश्तों को खराब करने की कोशिश। दोनों देशों के बीच ट्रेड डील होनी है। आरोप है कि ब्रिटेन और भारत में बैठे कुछ लोगों ने मिलकर इस डील को तुड़वाने के लिए इस तरह की डॉक्यूमेंट्री की साजिश की।
3. इस साल भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इसकी अगुआई कर रहे हैं। आरोप है कि जी-20 सम्मेलन को देखते हुए ही इस तरह भ्रामक डॉक्यूमेंट्री को रिलीज किया गया। इसके जरिए पीएम मोदी पर दाग लगाने की कोशिश हो रही है।
4. पहली बार ऋषि सुनक के रूप में ब्रिटेन में कोई भारतीय मूल का हिंदू प्रधानमंत्री बना है। ऋषि सुनक और पीएम मोदी की अच्छी दोस्ती है। आरोप ये भी है कि इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए ब्रिटेन में पीएम ऋषि सुनक की छवि को भी खराब करने की कोशिश हो रही है।
5. पूरी डॉक्यूमेंट्री में हिंदू धर्म के लोगों को गलत तरह से पेश किया गया है। ऐसे में आरोप ये भी है कि बीबीसी ने अपनी इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए हिंदू धर्म के लोगों को बदनाम करने की साजिश रची है।
एक तरफ चीन ने अपने देश में बीबीसी पर प्रतिबंध लगा रखा वहीं भारत के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए बीबीसी से समझौता कर लिया है।
चीनी हित साधने के लिए BBC और Huawei के बीच समझौता
ब्रिटेन के सार्वजनिक प्रसारण निगम बीबीसी और तकनीक क्षेत्र की दिग्गज चीनी कंपनी हुआवे के बीच धन लेकर हितों के अनुरूप प्रचार के लिए समझौता हुआ है। बीबीसी ने यह समझौता बढ़ते खर्च और सरकार की ओर से सहायता में कमी से उत्पन्न स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किया है। ब्रिटेन सरकार की ओर से मिलने वाली लाइसेंस फीस को लेकर संशय से भी बीबीसी मुश्किल में है। वहीं चीन ने विकास के पथ पर अग्रसर भारत जैसे देश को बदनाम करने और अपने हित साधने के लिए यह समझौता किया है।
प्रधानमंत्री मोदी की छवि बिगाड़ने की साजिश
प्रधानमंत्री मोदी के बारे में आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्री बनाकर उनकी छवि बिगाड़ने की साजिश की गई है। हुआवे चीन की वही दिग्गज कंपनी है जिसके कामकाज को 2019 में अमेरिका ने प्रतिबंधित किया था। इसके बाद 2020 में ब्रिटेन की सरकार ने उसे देश में 5जी नेटवर्क विकसित करने के कार्य से अलग कर दिया। भारत ने चीन के सैकडों एप पर प्रतिबंध लगाया है जिससे वह बौखलाया हुआ है और भारत को कमजोर करने और पीएम मोदी की छवि बिगाड़ने की साजिश रच रहा है।
हुआवे का संबंध चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से
अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ अन्य यूरोपीय देशों ने सुरक्षा से जुड़ी आशंकाओं के चलते हुआवे से दूरी बनाई है। इन देशों को शक है कि हुआवे का संबंध चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से है। बीबीसी और हुआवे का समझौता हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी पर दो हिस्सों में प्रसारित हुई आपत्तिजनक डाक्यूमेंट्री के बाद चर्चा में आया है। इसे भारत को कमजोर करने के षडयंत्र के तौर पर देखा जा रहा है। इससे बीबीसी से हुआवे के जुड़ने का उद्देश्य पता चला है।
This is showing that BBC is completely financially interlocked with China, through Chinese state-owned companies. The documentary basically is nothing more than a Chinese-inspired initiative: Senior Advocate & Rajya Sabha MP Mahesh Jethmalani on BBC documentary pic.twitter.com/hf6rcb4kfi
— ANI (@ANI) February 3, 2023
चीनी कंपनी हुआवे ने बीबीसी को पैसा दिया
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने दावा किया कि बीबीसी ने चीनी कंपनी से पैसा लेकर पीएम मोदी के खिलाफ डॉक्यूमेंट्री बनाई है। उन्होंने कहा कि बीबीसी भारत के खिलाफ चीन के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने के लिए चीनी कंपनी हुआवे ने बीबीसी को पैसा दिया है। जेठमलानी ने ट्विटर पर एक मीडिया रिपोर्ट का लिंक साझा करते हुए सवाल उठाया था कि बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि बीबीसी को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए पैसे की सख्त जरूरत है और इसके लिए उसे चीनी कंपनी हुआवे से पैसे मिलते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि बीबीसी बिकाऊ है।
China will not allow the broadcast of BBC World News in Chinese mainland after the broadcaster did a slew of falsified reporting on issues including Xinjiang and China’s handling of #COVID19: Chinese media
— ANI (@ANI) February 11, 2021
चीन में BBC बैन, कोरोना वायरस और उईगर महिलाओं से रेप के मामलों का खुलासा किया था
चीन ने बीबीसी वर्ल्ड न्यूज को नियमों का उल्लंघन करने पर देश में उसके प्रसारण पर फरवरी 2021 में प्रतिबंध लगा दिया। चीन में बीबीसी न्यूज को प्रतिबंधित किए जाने पर चीनी मीडिया ने कहा कि ‘चीन में झिंजियांग और चीन के कोरोना वायरस से निपटने सहित कई मुद्दों पर गलत रिपोर्टिंग करने के कारण देश में बीबीसी वर्ल्ड न्यूज़ के प्रसारण को प्रतिबंधित किया जा रहा है।
BBC ने चीन से जुड़े दो अहम खुलासे किए थे। उसने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कोरोना वायरस के मामले पर चीन कैसे दुनिया से सच्चाई छिपा रहा है। इसके बाद एक अन्य रिपोर्ट में बताया था कि चीन में उईगर मुस्लिमों के डिटेंशन कैम्प्स में महिलाओं से गैंगरेप किए जाते हैं। इस पर चीन ने कहा था कि BBC जानबूझकर झूठ और अफवाह फैला रहा है, उसकी खबरों में कोई सच्चाई नहीं है और यह चीन को बदनाम करने की साजिश है।
BBC ने भारत में वर्षों से नहीं किया नियमों का पालन, अड़ियल था रवैया, देश में कई बार लग चुका है बैन
आयकर विभाग ने टैक्स चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के कारण हाल ही में बीबीसी के दफ्तर पर सर्वे किया है। इसको लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां जिस तरह हाय-तौबा मचा रही है और भारत विरोधी बीबीसी का बचाव करने में जुटी है इससे उनका दोहरा चरित्र उजागर हो गया है। जबकि सच यह है कि बीबीसी कई वर्षों से ट्रांसफर प्राइसिंग के साथ ही नियमों की अनदेखी करता आ रहा है। इस बावत BBC को कई नोटिस जारी किए गए थे लेकिन उसने जवाब देना तो दूर अड़ियल रवैया अपनाए रखा। उसके बाद आयकर विभाग ने सर्वे का काम शुरू किया। अब तो देशभर में बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग शुरू हो चुकी है। यह भी कोई नई मांग नहीं है, इससे पहले कई बार बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग होती रही है। आजादी के बाद बीबीसी पर देश में कई बार प्रतिबंध लगाए भी चुके हैं।
बीबीसी ने वर्षों से ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों का पालन नहीं किया
बीबीसी ने वर्षों से ट्रांसफर प्राइसिंग नियमों का लगातार पालन नहीं किया है। उसी के परिणामस्वरूप, बीबीसी को कई नोटिस जारी किए गए हैं। हालांकि, बीबीसी लगातार इस पर ध्यान नहीं दे अड़ियल रवैया अपनाकर इसकी अनदेखी करता रहा। मतलब कि इस नियम के प्रति बीबीसी Non-compliance रहा है। अभी जो सर्वे (Income Tax Survey) किया गया है, उसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि कितने की टैक्स चोरी हुई है। सूत्रों के अनुसार, बीबीसी ने बड़े पैमाने पर अपने मुनाफे को काफी हद तक डायवर्ट किया है।
क्या है ट्रांसफर प्राइसिंग, जिसके लिए BBC पर हुई कार्रवाई
ट्रांसफर प्राइसिंग का निर्धारण एक अकाउंटिंग प्रेक्टिस है। यह उस मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है जो किसी कंपनी में एक डिवीजन कंपनी के ही किसी दूसरे डिवीजन से प्राप्त करता है या भुगतान करता है। दरअसल, किसी एक कंपनी के कोई डिवीजन अन्य डिवीजन से वस्तु या सेवा की खरीद बिक्री करते रहते हैं। उनके बीच कोई नकदी का आदान प्रदान होता नहीं है, बस उसे अकाउंट में चढ़ा लिया जाता है। उसे ही इनकम टैक्स की भाषा में ट्रांसफर प्राइसिंग कहते हैं।
ट्रांसफर प्राइसिंग पर काफी रहा है विवाद
ट्रांसफर प्राइसिंग पर काफी विवाद पहले भी रहा है। तभी तो इसके लिए इनकम टैक्स विभाग ने नियम बनाए हैं। इसे ही ट्रांसफर प्राइसिंग रूल कहते हैं। दरअसल, ट्रांसफर प्राइसिंग किसी कंपनी या इनटिटी को सहायक कंपनियों, सहयोगी कंपनियों, या सामान्य रूप से नियंत्रित कंपनियों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए कीमतों की स्थापना की अनुमति देता है। टैक्स अथॉरिटीज किसी कंपनी के टैक्स से बचने या कम टैक्स चुकाने की दशा में ऐसी प्राइसिंग के जरिए टैक्स के ऊंचे रेट वाले देश से कम टैक्स वाले देश में इनकम के ट्रांसफर रोकने के लिए आमतौर पर सख्त नियम लागू करता है। इन्हीं नियमों की आड़ में कुछ कंपनियां खूब फायदा भी उठाती है।
इमरजेंसी के दौरान 1975 में डॉक्यूमेंट्री से मचा था बवाल
अभी गुजरात दंगे पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर देशभर में लोग बीबीसी पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। कुछ उसी तरह की मांग इमरजेंसी का दौर में भी उठाई गई थी। जब बीबीसी ने भारत पर डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। तब इंदिरा गांधी सरकार ने बीबीसी पर भारत विरोधी खबरें चलाने का आरोप लगाया था। इमरजेंसी को लेकर ये खबरें प्रसारित की जा रही थीं। सरकार ने कहा था कि बीबीसी भारत की छवि धूमिल करने का एक भी मौका नहीं गंवाता है। इमरजेंसी के दौरान बीबीसी ने अपने जाने-माने पत्रकार मार्क टुली को वापस बुला लिया था।
वर्ष 1970 में बंद किया गया था बीबीसी दफ्तर
1970 में तब इंदिरा गांधी सरकार ने बीबीसी को बैन कर दिया था जब एक शो में भारत की नकारात्मक तस्वीर पेश की गई थी। 1970 में, जब फ्रांसीसी निर्देशक लुइस मैले की डॉक्यूमेंट्री सीरीज बीबीसी पर दिखाई गई, तो इसके परिणामस्वरूप दिल्ली स्थित बीबीसी का दफ्तर 2 साल के लिए बंद कर दिया गया था।
1970 की गर्मियों में लुइस मैले की 2 डॉक्यूमेंट्री कलकत्ता और फैंटम इंडिया का प्रसारण ब्रिटिश टेलीविजन पर किया गया था। इस प्रसारण के बाद ब्रिटेन में बसे भारतीयों ने बीबीसी की तीखी आलोचना की थी। विरोध का ये स्वर दिल्ली पहुंचा और सरकार को भी इसकी जानकारी मिली। तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं।
2015 में दिल्ली गैंग रेप को लेकर लगा बैन
मार्च 2015 की बात है। दिल्ली हाईकोर्ट ने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर बैन के फैसले को सही ठहराया था। यह दिल्ली गैंग रेप में दोषी मुकेश सिंह पर आधारित थी। कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्री के इंटरनेट ब्रॉडकास्ट पर भी रोक लगा दी थी।
2017 में बीबीसी पर लगी यह रोक
2017 में बीबीसी को पांच साल के लिए भारत के राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों में फिल्माने से रोक दिया गया था। तब भारत सरकार ने दावा किया था कि बीबीसी की रिपोर्टिंग के कारण देश की छवि को ‘अपूरणीय क्षति’ पहुंची है।
बीबीसी ने 2008 में बालश्रम पर दिखाई थी फेक स्टोरी
जून 2008 में भारत सरकार और बीबीसी के बीच टकराव देखने को मिली थी। उस दौरान बीबीसी ने एक पैनोरमा शो में एक फुटेज दिखाया जिसमें बच्चे एक वर्कशॉप में काम करते हुए दिख रहे थे। इस पर काफी हंगामा हुआ और बाल श्रम को बढ़ावा देने के आरोप लगे। लेकिन बाद में ये स्टोरी ही फर्जी निकली। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की सरकारी बॉडी ने फैसला सुनाया कि एक प्रमुख खोजी रिपोर्टिंग कार्यक्रम ने बेंगलुरु के वर्कशॉप में कपड़ों की सिलाई करने वाले बच्चों की नकली फुटेज बनाई।
देश में लगे बीबीसी के होर्डिंग बताते हैं… उसे भारी फंडिंग मिली है
एक तरफ बीबीसी भारत को कमजोर करने के लिए डाक्यूमेंट्री लेकर आती है वहीं वह देश में जगह-जगह होर्डिंग लगाकर अपना प्रचार करती है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बीबीसी की पहुंच बन सके। यह भी भारत को कमजोर करने के लिए बीबीसी को की जा रही अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग को दर्शाता है। इससे समझा जा सकता है कि अंतर्राष्ट्रीय ताकतें किस तरह भारत और मोदी सरकार को कमजोर करने के लिए काम कर रही हैं।