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मोदी सरकार ने दी अंतरिक्ष, बैंकिंग, पशुधन और डेयरी क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों को मंजूरी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार, 24 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अंतरिक्ष, बैंकिंग, पशुधन और डेयरी क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों को मंजूरी दी गई। कैबिनेट की बैठक में इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। अंतरिक्ष, पशुपालन, उड्डयन और तेल क्षेत्रों में लिए गए इन फैसलों से आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति मिलेगी। बैठक के बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि शहरी, सहकारी और बहु-राज्य सहकारी बैंकों को रिजर्व बैंक की सीधी निगरानी के तहत लाया जाएगा।

अब रिजर्व बैंक की निगरानी में रहेंगे सभी को-ऑपरेटिव बैंक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट बैठक हुई। बैठक फैसला किया गया कि देश के 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और 58 मल्टी स्टेट बैंक तुरंत प्रभाव से रिजर्व बैंक के सीधे सुपरविजन पॉवर में होंगे। अब सभी बैंकिंग नियम इन को-ऑपरेटिव बैंकों पर लागू होगा। इन 1540 बैंकों में अभी 8 करोड़ 60 लाख खाताधारक हैं।

अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों की शुरुआत
कैबिनेट ने स्पेस सेक्टर को लेकर भी एक बड़ा फैसला किया। सरकार ने नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर के गठन का फैसला किया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने के लिए इसमें निजी क्षेत्र को मंजूरी दी गई है। इससे उद्योग जगत न केवल अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भागीदारी निभाएगा, बल्कि हमारी स्पेस टेक्नोलॉजी को भी नई ऊर्जा मिलेगी। यह निर्णय भारत को बदलने तथा देश को आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से आधुनिक बनाने के प्रधानमंत्री के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है। इससे न केवल इस क्षेत्र में तेजी आएगी बल्कि भारतीय उद्योग विश्व की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़े पैमान पर रोजगार की संभावनाएं हैं और भारत एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी पावरहाउस बन रहा है।

ओबीसी कमीशन का समय छह महीने बढ़ा
कैबिनेट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग का कार्यकाल छह महीने बढ़ाने का फैसला किया है। आयोग को अन्य पिछड़े वर्गों के अंदर वर्गीकरण के मुद्दे पर गौर करने की भी जिम्मेदारी दी गई है। आयोग का कार्यकाल 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया गया है। ओबीसी की वर्तमान सूची में शामिल ऐसे समुदाय जिन्हें केन्द्र सरकार के पदों पर नियुक्ति और केन्द्र सरकार के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में ओबीसी के लिए आरक्षण योजना का कोई खास लाभ नहीं है, उनको आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन का लाभ मिलने का अनुमान है। इससे उन जातियों/ समुदायों से संबंधित लोगों फायदा होगा, जो एसईबीसी की केन्द्रीय सूची में शामिल हैं लेकिन केन्द्र सरकार के पदों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए वर्तमान ओबीसी आरक्षण योजना का उन्हें फायदा नहीं हुआ था।

पशुधन के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की योजना
पशुधन को लेकर बड़ा फैसला किया गया है। सरकार ने पशुपालन, डेयरी और पशुधन संबंधी उद्यमों के विकास संबंधी बुनियादी ढांचे के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के विकास कोष की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद करीब 35 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। योजना के तहत बैंक संबंधित क्षेत्रों में उद्यम शुरू करने के लिए 90 प्रतिशत तक ऋण देंगे। सरकार ने इस योजना के तहत सभी ऋण के लिए ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की। विकास कोष, डेयरी, मांस प्रसंस्करण और पशु आहार संयंत्रों में ढांचागत निवेश को प्रोत्साहन देगा। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों में किसान उत्पादक संघ, एमएसएमई, खंड 8 के तहत आने वाली कम्पनियां, निजी क्षेत्र की कम्पनियां और व्यक्तिगत उद्यमी शामिल होंगे।

मुद्रा लोन योजना में ब्याज में छूट
कैबिनेट की बैठक में छोटे व्यापारियों की मदद के लिए एक बड़े निर्णय को मंजूरी दी गई है। अब प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत दिए गए शिशु लोन की वापसी पर ब्याज में 12 महीने तक 2 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। पीएमएमवाई के तहत आय सृजन गतिविधियों के लिए दिए जाने वाले 50,000 रुपये तक के लोन को ‘शिशु ऋण’ कहा जाता है। इसका फायदा शिशु मुद्रा लोन लेने वाले 9 करोड़ 37 लाख लोगों को मिलेगा। यह योजना 1 जून, 2020 से लागू होगी और 31 मई 2021 तक चलेगी। इसपर इस वर्ष 1542 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को मंजूरी
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में कुशीनगर हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में मंजूरी दे दी है। कुशीनगर हवाई अड्डा श्रावस्ती, कपिलवस्तु, लुंबिनी (कुशीनगर खुद एक बौद्ध सांस्कृतिक स्थल है) जैसे बौद्ध सांस्कृतिक स्थलों के निकट स्थित है और “अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे” के रूप में घोषित होने से हवाई यात्रियों के लिए संपर्क में सुधार होगा। अंतरराष्ट्रीय सीमा के काफी नजदीक होने के कारण यह सामरिक लिहाज से काफी अहम स्थान है। कुशीनगर गोरखपुर से 50 किलोमीटर पूर्व में है। यह प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है।

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