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कोरोना संकट में मदद के लिए UNGA में विश्व के कई नेताओं ने भारत का जताया आभार, वैक्सीन का फिर निर्यात करने के फैसले का दुनिया भर में स्वागत

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वैश्विक कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह अगुवाई की है, उससे पूरी दुनिया में भारत की तारीफ हो रही है। इस संकट की घड़ी में प्रधानमंत्री मोदी ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए वैक्सीन, दवा और अन्य उपकरण देकर जरूरतमंद देशों की मदद की। इसका परिणाम है कि 21 सितंबर से 27 सितंबर, 2021 तक आयोजित यूएनजीए के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए विश्व के कई नेताओं ने वैक्सीन निर्यात और जरूरी मेडिकल सामग्री की आपूर्ति के लिए भारत का आभार जताया। सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने कहा कि उन देशों और संगठनों को शुक्रिया, जिन्होंने एकजुटता दिखाई और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मेरे देश और लोगों को प्रारंभिक चरण में बहुमूल्य समर्थन दिया। नाउरू के राष्ट्रपति लियोनेल रूवेन एंगिमिया, नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी, सेंट लुसिया के प्रधानमंत्री फिलिप पियरे, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस, घाना के राष्ट्रपति नाना अडो डंकवा अकुफो-अडो, नेपाल और भूटान के प्रधानमंत्री ने मदद के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद दिया। 

मोदी सरकार के फैसले की तारीफ

भारत ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम के तहत अक्टूबर 2021 में कोरोना वैक्सीन का निर्यात फिर से शुरू करेगा और कोवैक्स वैश्विक पूल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करेगा। मोदी सरकार के इस फैसले का पूरी दुनिया में स्वागत हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरन अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भारत के वैक्सीन अभियान से खासी प्रभावित नजर आईं। उन्होंने वैक्सीन निर्यात के भारत के फैसले का स्वागत किया। अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद और शक्तिशाली हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेसी ग्रेगरी मीक्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एधनोम गेब्रेयेसस ने कोरोना वैक्सीन का निर्यात बहाल करने के मोदी सरकार के फैसले की तारीफ की। गेब्रेयेसस ने कहा कि इस महत्वपूर्ण कदम से साल के अंत तक सभी देशों में 40 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

“वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना से प्रेरित है ‘वैक्सीन मैत्री’

भारत का ‘वैक्सीन मैत्री’ कार्यक्रम वास्तव में “वसुधैव कुटुम्बकम” के सदियों पुराने लोकाचार को दर्शाता है। देश में इस साल अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर आने के बाद भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन के निर्यात को रोक दिया था। भारत ने अनुदान, वाणिज्यिक खेप और कोवैक्स सुविधा के माध्यम से लगभग 100 देशों को 6.60 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज का निर्यात किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2020 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में वर्चुअल संबोधन के दौरान घोषणा की थी कि भारत के वैक्सीन उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग इस संकट से लड़ने में सारी मानवता की मदद के लिए किया जाएगा।

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