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सोनिया फर्जीवाड़े और ममता गुंडागर्दी के सहारे जीतना चाहती है पश्चिम बंगाल का चुनाव

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और सोनिया गांधी की कांग्रेस के बीच लोकतंत्र की हत्या करने और मजाक बनाने की होड़ लगी है। जहां ममता अपने टीएमसी के गुंडों के भरोसे चुनाव मैदान में उतरी है, वहीं सोनिया गांधी को अपने फर्जी न्यूज फैलाने वाली सोशल मीडिया टीम पर भरोसा है। दोनों पार्टियां राज्य की जनता को धोखा देने के लिए हत्या, मारपीट, फर्जीवाड़े जैसा हर हथकंडा अपना रही हैं। 

28 फरवरी, 2021 को कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में कांग्रेस और वाम दलों की एक संयुक्त रैली हुई। कांग्रेस की आईटी सेल ने इस रैली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर किया। आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक सरल पटेल ने तस्वीर के साथ दावा किया कि इस रैली में भाग लेने के लिए लाखों लोग ब्रिगेड मैदान में एकत्र हुए थे। लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। इन तस्वीरों से पश्चिम बंगाल में लोगों का गुस्सा साफ़ नजर आ रहा है। यह तस्वीर निश्चित रूप से दिल्ली के साथ-साथ कोलकाता में भी शासकों की रातों की नींद हराम कर देगी।

सरल पटेल के ट्वीट के बाद कांग्रेस नेताओं में तस्वीरों को शेयर करने की होड़ लग गई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रह चुके पत्रकार पंकज पचौरी ने भी उसी तस्वीर को साझा करते हुए ऐतिहासिक होने का दावा किया।

तस्वीर देखकर गदगद कांग्रेसियों की खुशी ज्यादा देर तक नहीं रह सकी। कांग्रेस के इस फर्जीवाड़े की पोल जल्द खुल गई। दरअसल, कांग्रेसियों द्वारा शेयर की जी रही तस्वीरें फर्जी निकलीं। दोनों तस्वीरें 3 फरवरी, 2019 को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में वामपंथी दलों की रैली में ली गई थी। जो लगभग दो साल पुरानी हैं। जून 2020 में वामपंथी पार्टी के फॉलोवर्स के एक ग्रुप – ’रेड क्लब’ द्वारा भी इसी तस्वीर को शेयर किया गया था।

बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कांग्रेस के इस फर्जीवाड़े पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि लेफ्ट के फोटोशॉप करने वालों को पता होना चाहिए कि इस बार की रैली में रेड की तुलना में हरे झंडे अधिक थे। एक मुस्लिम मौलवी के साथ उनके हताशा भरे गठबंधन के लिए धन्यवाद, जो 1946 में मुस्लिम लीग की तरह खुलेआम स्वतंत्रता की मांग कर रहा है।

कांग्रेस और उसके समर्थकों ने फर्जी तस्वीरों के माध्यम से यह जताने की कोशिश की है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में कांग्रेस काफी मजबूत है। वाम दलों और आईएसएफ नेता अब्बास सिद्दीकी के साथ उसका गठबंधन कड़ी टक्कर दे रहा है। इस गठबंधन को जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है। लेकिन फर्जीवाड़े की पोल खुलने से उनके मंसूबों पर पानी फिर गया है।

उधर ममता बनर्जी के गुंडे लगातार बीजेपी और उसके समर्थकों को निशाना बना रहे हैं। नॉर्थ 24 परगना से एक और मामला सामने आया है। यहां बीजेपी कार्यकर्ता गोपाल मजूमदार ने आरोप लगाया कि 27 फरवरी को तीन टीएमसी कार्यकर्ता उनके घर में घुसे और उनकी मां पर हमला किया। इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है। हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बुजुर्ग महिला के चेहरे पर चोट के गंभीर निशान देखे जा सकते हैं। बुजुर्ग महिला को बेरहमी से पीटे जाने की घटना की सोशल मीडिया पर हर कोई निंदा कर रहा है।

26 फरवरी, 2021 की रात को ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के गुंडों ने फूलबगान इलाके में बीजेपी के गोदाम में घुसकर तोड़फोड़ की और पार्टी की पब्लिसिटी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके साथ ही वहां रखी कई कीमती वस्तुओं को भी उठा कर ले गए। बीजेपी का आरोप है कि ये सब टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने किया है। बीजेपी ने कहा कि टीएमसी के लोगों ने न सिर्फ गाड़ियां तोड़ी बल्कि कई चीजें चुराई भी। बीजेपी नेताओं ने मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

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