पश्चिम बंगाल में तीन चरण के मतदान से मिली फीडबैक से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हताश हो चुकी है। इसलिए उन्होंने मुस्लिम कार्ड खेलने का फैसला किया और खुले तौर पर मुस्लिमों से वोट देने की अपील की। लेकिन एक परेशानी से निकलने की कोशिश में उन्होंने दूसरी मुसीबत को दावत दे दी। चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी की अपील को आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए नोटिस जारी किया है और 48 घंटे भीतर जवाब देने को कहा है।
EC issues notice to West Bengal CM & TMC leader Mamata Banerjee over her statement on 3rd April, “appealing Muslim voters to not let their vote be split among different political parties & demanding votes on communal ground for TMC”. EC asks her to explain her stand within 48 hrs pic.twitter.com/nHH3ovElz0
— ANI (@ANI) April 7, 2021
यह नोटिस बीजेपी की शिकायत के आधार पर जारी किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 3 अप्रैल को ममता बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली में मुस्लिम मतदाताओं से टीएमसी को एकजुट होकर वोट देने और विभिन्न दलों में नहीं बंटने देने की अपील की थी। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अगुवाई में एक बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग से मुलाकात कर ममता बनर्जी की शिकायत की थी। प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से ममता बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और टीएमसी के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
दरअसल 10 अप्रैल को होने वाले चौथे चरण के मतदान में मुस्लिम मतदाताओं की अहम भूमिका होने वाली है। वहीं ममता को अपने मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी का डर सता रहा है। ऐसे में ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी की एंट्री से बीजेपी को फायदा हो सकता है। ममता इस बात को अच्छी तरह से समझ रही हैं। वहीं मुस्लिमों को एकजुट होने की अपील को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधा।
चौथे चरण के चुनाव से पहले ममता ने तुष्टिकरण का दांव खेला है जो उनके लिए गले की फांस बन गया है। वहीं पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली से दावा किया कि मुस्लिम तुष्टिकरण की रणनीति भी इस बार दीदी के किसी काम नहीं आ रही है। इसी बयान के बहाने प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि हार की बौखलाहट की ही वजह से दीदी इस तरह का बयान देने के लिए मजबूर हो गईं। दरअसल चुनावी पिच पर दीदी को बीजेपी से कड़ी चुनौती मिल रही है। वो हिदुत्व और मुस्लिम तुष्टिकरण के बीच उलझकर रह गई हैं।