पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वोट के लिए अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में इतनी अंधी हो चुकी है कि वो सारे कायदे-कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं। 3 अप्रैल, 2021 को हुगली में दिया गया उनका एक भड़काऊ भाषण बिहार के एक पुलिसकर्मी के लिए जानलेवा बन गया। पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर क्षेत्र के गोलापोखर थाना क्षेत्र में स्थित पनतापाड़ा गांव की भीड़ ने बिहार के थानेदार अश्विनी कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
सोशल मीडिया पर ममता बनर्जी के भड़काऊ भाषण को थानेदार अश्विनी कुमार की मॉब लिंचिंग के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। 3 अप्रैल, 2021 को हुगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ममता को कहते सुना जा सकता है कि अगर अल्पसंख्यकों के इलाके में अत्याचार हो रहा है, तो आप एकजुट होकर अजान देना शुरू कर दीजिए, सब लोग इकट्ठा हो जाइए।
Mamata Banerjee on 8th April: If something happens in your area, Give Azaan & get united
10th April: SHO Ashwin Kumar reaches M Area to catch bike thieves, Moqsue Loudspeaker announces to assemble crowd & he is lynchd pic.twitter.com/nrpohJrHsU
— Scar (@YourRishbh) April 13, 2021
सोशल मीडिया में ममता के भड़काऊ भाषण को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, उसकी पुष्टि किशनगंज के एसडीपीओ जावेद अंसारी के बयान से भी होती है। एसडीपीओ के मुताबिक थानेदार की हत्या करने वाले भीड़ को वहां की एक मस्जिद से बकायदा अनाउंस करके जुटाया गया था। दो लोगों ने हल्ला कर पहले लोगों को बुलाया और फिर देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। एसडीपीओ ने कहा कि मस्जिद से ऐलान कर लोगों को इकट्ठा किया गया था कि चोर आ गए हैं, डाकू आ गए हैं जिसके बाद भीड़ ने हमारे थानेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
इस मामले में अब तक पश्चिम बंगाल से पांच जबकि बिहार से तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है। मस्जिद से अनाउंस कर भीड़ इकट्ठा करने के मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड फिरोज और इजराइल थे जिनको पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसी केस में लापरवाही बरतने और थानेदार को अकेला छोड़कर भागने वाले पुलिसकर्मियों को भी सस्पेंड किया गया है।
गौरतलब है कि किशनगंज थाने के थानेदार अश्विनी कुमार मोटरसाइकल चोरी के एक मामले में छापामारी करने पश्चिम बंगाल गए थे, जहां पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर क्षेत्र के गोलापोखर थाना में स्थित पनतापाड़ा गांव की भीड़ ने इस घटना को अंजाम दिया। अश्विनी इस हादसे में बुरी तरह जख्मी हो गए, जिन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
बेटे की शहादत का सदमा थानेदार अश्विनी कुमार की मां नहीं सह सकीं और उनका दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया। सात साल पहले अपने पति महेश्वरी यादव को खोने के बाद अब आंचल सूना होने से मां उर्मिला देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। आखिरकार वो इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और अपने प्राण त्याग दिए। इसके बाद दोनों के शव का एक ही साथ अंतिम संस्कार किया गया।