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जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन से वायु प्रदूषण में रिकॉर्ड कमी, पहली बार देश के 102 शहरों की हवा हुई साफ

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कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर बीते रविवार को जनता कर्फ्यू लागू की गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया। कोरोना से लड़ने के इन दोनों उपायों का सकारात्मक असर हुआ है। लोग खुली और स्वच्छ हवा में सांस ले पा रहे हैं। बुधवार को जब देश के शहरों के वायु प्रदूषण की जांच की गई, तो हैरान करने वाले नतीजे सामने आये। शहरों के वायु प्रदूषण में काफी कमी दर्ज की गई। ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत के तमाम शहरों की हवा इतनी ज्यादा साफ-सुथरी हुई है। बुधवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक भी 77 के अंक पर यानि संतोषजनक श्रेणी में रहा।कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश के तमाम हिस्सों में वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है। यूं तो प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार की रात को देश में लॉकडाउन की घोषणा की। लेकिन, इससे पहले से ही सड़कों पर उतरने वाले वाहनों की तादाद में भारी कमी आ गई थी। इसके चलते वातावरण में पीएम 2.5 प्रदूषक कण और नाइट्रोजन ऑक्साइड के चलते होने वाले प्रदूषण में खासी कमी आई है। सेंटर फॉर रिसर्च फॉर एनर्जी द्वारा जारी एक विश्लेषण के अनुसार रविवार को राष्ट्रव्यापी जनता कर्फ्यू के दौरान जनवरी-मार्च की अवधि में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) का औसत निम्नतम स्तर दर्ज किया गया, जो कि साल 2017 के बाद से पहली बार हुआ।

केंद्र के विश्लेषक सुनील दहिया के अनुसार, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में इस गिरावट से पता चलता है कि शहरों की परिवहन पूरी तरह से फॉस्सिल फ्यूल यानी जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है। उन्होंने कहा, ‘हमें डीलिंक पर ध्यान देना होगा और लॉकडाउन से हमारा यही सबक होगा। 

मालूम हो कि जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर गाड़ियों की संख्या काफी कम है। इससे प्रदूषण भी कम हुआ है। पिछले साल की तुलना में पीएम 2.5 का स्तर देखा जाए तो यह भी 26 प्रतिशत तक कम हुआ है। वायु प्रदूषण पर काम करने वाली संस्था सफर ने भी ये स्टडी जारी की है। साथ ही पीएम 10 की सांद्रता में भी तेजी से गिरावट आई है।

इसी क्रम में बुधवार को देश के ज्यादातर हिस्सों की हवा बेहद साफ-सुथरी रही। न केवल दिल्ली, बल्कि मुंबई, पुणे और बेंगलूरू में वायु प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ। ईंधन कम जलने की वजह से NO2 में 60 से 80 फीसदी, पीएम 10 के स्तर में 15 से 20 फीसदी और पीएम 2.5 के स्तर में 30 से 40 फीसदी की कमी आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से प्रतिदिन देश के 104 शहरों के बारे में वायु गुणवत्ता बुलेटिन जारी किया जाता है। बुधवार को केवल दो शहर ऐसे रहे जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के अंक के ऊपर यानी खराब श्रेणी में रहा।

सीपीसीबी के मुताबिक लखनऊ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को 220 के अंक पर और मुजफ्फरपुर का सूचकांक 275 के अंक पर रहा। 201 से ज्यादा सूचकांक होने पर उसे खराब श्रेणी में रखा जाता है। जबकि, जीरो से 50 तक के सूचकांक को अच्छा, 50 से 100 तक के अंक वाले सूचकांक को संतोषजनक और 101 से 200 तक के सूचकांक को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।

ये बड़े शहर सबसे अच्छे
शहर             वायु गुणवत्ता सूचकांक
लुधियाना                 27
जलंधर                   35
कोची                    40
पंचकूला                 43
चेन्नई                     46

लॉकडाउन के चलते दिल्ली वाले भले ही घर के अंदर रहने को पाबंद हों, लेकिन इस समय हवा इतनी साफ-सुथरी है कि खुलकर सांस ली जा सकती है। सीपीसीबी के मुताबिक बुधवार दिन में राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 77 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को संतोषजनक श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली में वर्ष भर में ऐसे मौके गिने-चुने ही होते हैं जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 के अंक के नीचे आता हो।

 

 

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