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संदेशखाली में TMC के ‘गुंडों’ पर लेफ्ट-लिबरल गैंग की बेशर्म चुप्पी, तृणमूल नेता सुंदर और कम उम्र की हिंदू महिलाओं को करते रहे टारगेट, गवर्नर बोले- संदेशखाली का सच भयावह और अंतरात्मा को हिलाने वाला

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पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना जिले के संदेशखाली से देशभर को यह साफ-साफ संदेश जा रहा है कि ममता बनर्जी की सरकार में किस निर्ममता से हिंदू महिलाओं का यौन उत्पीड़न हो रहा है। हैरत की बात है कि टीएमसी के गुंडों की काली करतूतों के उजागर हो जाने के बावजूद लेफ्ट-लिबरल गैंग को होंठों पर चुप्पी के ताले लग गए हैं। यहां तक कि इस गैंग में शामिल महिलाओं तक को पश्चिम बंगाल की हिंदू महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और उत्पीड़न नजर नहीं आ रहा है। संदेशखाली जैसा वीभत्स मामला यदि किसी भाजपा शासित प्रदेश में हो गया होता, तो ये गैंग इतने खतरनाक शब्दों की ऐसी जुगाली करता कि मानवता भी शर्मसार हो जाती। लेकिन अब इन्हें पश्चिम बंगाल में शर्मसार हो रही बहन-बेटियां दिखाई नहीं दे रही हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो हिंदू महिलाओं के साथ हुईं यौन उत्पीड़न की वारदातों को दंगे का रूप दे दिया है। वे अपने पार्टी के गुंडों की काली-करतूतों पर पर्दा डालने के लिए बेवजह आरएसएस को बदनाम करने पर उतर आई हैं। सरकार के इस पक्षपातपूर्ण रवैये के बाद उच्च न्यायालय को भी संज्ञान लेकर कहना पड़ा है कि सरकार संदेशखाली से धारा 144 हटाए। बेहतर होगा कि पुलिस जन-विरोध को कुचलने के बजाए दोषियों को गिरफ्तार करने के प्रयास करे।

पीड़ित दलित और आदिवासी महिलाओं की दास्तान अंदर तक झकझोर देने वाली
बीते कुछ दिनों से पश्चिम बंगाल का संदेशखाली हिंसा की आग में झुलस रहा है। संदेशखाली का पूरा मामला ED की कार्रवाई के बाद लोगों के सामने आया है। काबिले जिक्र है कि पिछले माह 5 जनवरी, 2024 को ED के अधिकारियों ने राशन भ्रष्टाचार मामले में संदेशखाली के सरबेड़िया में तृणमूल नेता शेख शाहजहां से पूछताछ करने पहुंचे हुए थे। तृणमूल के गुंड़ों की मदद से न सिर्फ नेता शाहजहां शेख फरार हो जाने में कामयाब रहा, बल्कि इस दौरान सरकारी अधिकारियों पर भी हमले भी किए गए थे। इसके बाद से ही स्थानीय लोगों ने अपनी आवाज तेज कर दी और खुल कर सामने आ गए। गांव के लोग शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इन प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हो रही है।

लेफ्ट-लिबरल गैंग ने इस ओर से अपने आंख-कान बंद कर लिए
संदेशखाली की पीड़ित दलित और आदिवासी महिलाओं की बात हर किसी को अंदर तक झकझोर देने वाली है, लेकिन लेफ्ट-लिबरल गैंग ने इस ओर से अपने आंख-कान बंद कर लिए हैं। राशन भ्रष्ट्रचार मामले को लेकर जांच करने पहुंचे ED और केंद्रीय बलों पर 5 जनवरी को हुए हमलों के 33 दिनों के बाद 7 फरवरी को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में फिर से हंगामा होने लगा। इस बार गांव वालों का विरोध प्रदर्शन तृणमूल समर्थकों के खिलाफ था। संदेशखाली की महिलाओं ने वहां के टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके समर्थकों पर यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया। महिलाएं लगातार नेता और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही हैं और लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। आक्रोशित महिलाओं और लोगों ने शाहजहां के करीबी विश्वासपात्र और टीएमसी नेता शिबू हाजरा के खेत और पॉल्ट्री फॉर्म में आग भी लगा दी। आरोप है कि पॉल्ट्री फॉर्म गांव के लोगों की जमीन छीनकर उसपर अवैध तरीके से बनाया गया। ये कई तरह के अवैध कार्यों का सेंटर था।

यौन उत्पीड़न करने वालों की गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतरीं महिलाएं
संदेशखाली में शुरू हुए बवाल ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया। विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं लाठी-डंडों और बांस के साथ सड़कों पर उतर आईं। महिलाओं की मांग थी कि तृणमूल के स्थानीय नेता शेख शाहजहां, ब्लॉक अध्यक्ष शिवप्रसाद हाजरा और उनके साथी उत्तम सरदार को गिरफ्तार किया जाए। संदेशखाली की महिलाओं में भयंकर आक्रोश देखने को मिल रहा है। महिलाएं शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग करते हुए फिर से सड़कों पर उतर आईं। आरोप है कि शाहजहां ने पार्टी के नाम पर गांव वालों पर लम्बे समय तक जो अत्याचार किया है। ऐसे में महिलाओं की मांग है कि उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इस दौरान गांववालों और तृणमूल समर्थक के एक गुट के बीच मारपीट की घटना भी सामने आई थी। जानकारी के मुताबिक, केंद्र द्वारा बंगाल को बकाया फंड से वंचित करने का आरोप लगाकर तृणमूल ने संदेशखाली के त्रिमोहानी बाजार में जनजाति समुदाय के एक वर्ग के साथ एक रैली निकाली थी। इसमें शेख शाहजहां के जयकारे लगाने के बाद ही हंगामा शुरू हुआ था।

कोर्ट की रोक के बावजूद अब एंट्री प्वाइंट्स पर लगाई धारा 144
घटना के दो दिन बाद 9 फरवरी की रात से संदेशखाली में धारा 144 लागू कर दी गई थी। इसके बाद से कई दिनों तक संदेशखाली ब्लॉक-2 के 8 ग्राम पंचायत इलाकों में दुकान-बाजार बंद रहे। इंटरनेट सेवाएं भी ठप कर दी गई। संदेशखाली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। इलाकों में पुलिस लगातार गश्ती लगा रही है। संदेशखाली जाने वाले सभी मार्गों (जल व सड़क) पर पुलिस कड़ी नजर रख रही है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूरे संदेशखाली से धारा 144 हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन पुलिस ने नई रणनीति अपनाते हुए संदेशखाली से तो धारा 144 हटा ली है लेकिन उसे पूरे इलाके में जो प्रवेश द्वार हैं, वहां निषेधाज्ञा लगा दी है। बुधवार सुबह संदेशखाली में 19 जगहों पर फिर से धारा 144 जारी कर दी गई। ये स्थान मूलतः संदेशखाली के प्रवेश मार्ग हैं। इसके चलते विपक्ष का दावा है कि लोगों की आवाजाही रोकने के लिए कुछ जगहों पर धारा 144 जारी कर दी गई है।

राज्यपाल बोस दौरा कर बोले- मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला
पश्चिम बंगाल 24 उत्तरी परगना जिले में हिंसा को लेकर बंगाल के राज्यपाल ने भी राज्य के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किए हैं। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने संदेशखाली में अशांत क्षेत्रों का दौरा किया और तृणमूल कांग्रेस के फरार नेता शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला प्रदर्शनकारियों से बात की थी। इस दौरान राज्यपाल ने महिलाओं को आश्वासन दिया कि उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए पूरी मदद की जाएगी। राज्यपाल ने स्थानीय महिलाओं से कहा कि चिंता मत कीजिए, आपको न्याय जरूर मिलेगा। महिलाओं को कहते सुना गया कि वह अपने लिए शांति और सुरक्षा चाहती हैं। वह और प्रताड़ना नहीं झेल सकतीं हैं। राज्यपाल ने संवाददाताओं से कहा कि मैंने जो देखा वह भयावह, स्तब्ध करने वाला और मेरी अंतरात्मा को हिला देने वाला था।

हिंदुओं के नरसंहार के लिए जानी जाती हैं ममता बनर्जी- स्मृति ईरानी
पश्चिम बंगाल में संदेशखाली की घटना को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे निशाने पर लिया है। ईरानी ने कहा कि स्मृति ईरानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदुओं के नरसंहार के लिए जानी जाती है। ईरानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) के गुंडे लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं। ईरानी ने ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि ममता बनर्जी टीएमसी कार्यकर्ताओं को यह इजाजत कैसे दे रही है कि वो घर-घर जाकर गुंडागर्दी कर रहे हैं। ईरानी ने मीडिया से संदेशखाली की कुछ महिलाओं ने अपनी व्यथा को बांग्ला में साझा किया है। ईरानी ने आरोप लगाया कि टीएमसी के गुंडे घर-घर जाकर देखते थे कि किस घर की कौन सी औरत सुंदर है। कौन कम उम्र की है? महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी के लोग उन्हें रात में उठा कर लेकर चले जाते थे। जब तक तृणमूल कांग्रेस वाले नहीं चाहते थे तब तक इन औरतों को नहीं छोड़ा जाता था। ईरानी ने कहा कि महिलाओं ने बताया है कि टीएमसी के गुंडे अधिकतर हिंदू परिवार की महिलाओं को टारगेट कर के जाते थे।

लाठीचार्ज में बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार हुए घायल
संदेशखाली हुई हिंसा को लेकर, हंगामा लगातार जारी है। संदेशखाली हिंसा के विरोध में वहां जा रहे भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी चोटिल हो गए थे। वह पुलिस के साथ हुई झड़प में चोटिल हो गए। संदेशखाली मामले को लेकर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। आरोप है कि मामले को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। सुकांत मजूमदार को बशीरहाट मल्टी-फैसिलिटी हास्पिटल ले जाया गया था। संदेशखाली के मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली क्षेत्र में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतों पर राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के गुंडे अपनी मनमानी चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री को अपने राज्य की पीड़ित महिलाओं के साथ खड़ा होना चाहिए था लेकिन हो इसका उलट रहा है। मुख्यमंत्री अपराध करने वालों को बचाने में लगी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और अगर उनमें थोड़ी भी शिष्टता बची है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। तभी पीड़ितों को इंसाफ मिल सकेगा।

बीजेपी ने बनाई मंत्रियों और सांसदों की समिति, मायावती ने कहा एक्शन ले सरकार
संदेशखाली प्रकरण के बाद तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में सियासत गरमाई हुई है। पश्चिम बंगाल राजनीतिक दलों के लिए अखाड़ा बन चुका है। पश्चिम बंगाल के उत्तर परगना जिले के संदेशखाली में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न एवं हिंसा की घटना का मामला अब तूल पकड़ चुका है। बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों एवं सांसदों की 6 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। आरोप है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर इस प्रतिनिधि मंडल को पुलिस ने जाने से रोक दिया है। इसी बीच संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न पर बीएसपी चीफ मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, ‘पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हाल ही में महिला उत्पीड़न आदि की उजागर हुई घटनाओं को लेकर वहां जारी तनाव व हिंसा अति चिन्तनीय है। राज्य सरकार इस मामले में निष्पक्ष होकर दोषियों के खिलाफ सख़्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि ऐसी घटनाओं की आगे यहाँ पुनरावृति ना हो सके।’

सरकार और पार्टी नेताओं की गलती मानने के बजाए ममता संघ को ठहरा रही जिम्मेदार
पश्चिम बंगाल में संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और हिंसा के मुद्दे पर बीजेपी आक्रामक है। बीजेपी विधानसभा से लेकर संदेशखाली और राज्य के दूसरे हिस्सों में इस मुद्दे पर प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा मांग रही है तो वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी अपनी और पार्टी नेताओं की गलती मानने के बजाए संदेशखाली में हिंसा के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। ममता बनर्जी ने विधानसभा में संदेशखाली के मुद्दे पर अपनी बात रखी। विपक्ष के हंगामे के बीच ममता बनर्जी ने कहा कि संदेशखाली में राज्य महिला आयोग को भेजा गया है। पुलिस दल बनाकर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बनर्जी ने आरोप लगाया कि आरएसएस का वहां आधार है। 7-8 साल पहले वहां दंगे हुए थे। यह संवेदनशील दंगा स्थलों में से एक है। हमने सरस्वती पूजा के दौरान स्थिति को मजबूती से संभाला, अन्यथा अन्य योजनाएं भी थीं।

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