मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लापरवाही का खामियाजा आज दिल्ली की जनता भुगत रही है। दिल्ली में जो ऑक्सीजन संकट है, वो केजरीवाल की लापरवाही और राजनीति की वजह से उत्पन्न हुआ है। कोरोना की पहली लहर से सबक लेते हुए मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार को 8 ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड से पैसे जारिए किए थे, लेकिन केजरीवाल सिर्फ एक ही प्लांट लगा पाये। आज अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ कर महामारी पर राजनीति करने में लगे हैं।
केजरीवाल की इस नाकामी का खुलासा केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में किया। मंत्रालय ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से दिसंबर 2020 में ही केजरीवाल सरकार को ऑक्सीजन के लिए राशि मुहैया कराई थी। केंद्र सरकार द्वारा यह राशि दिल्ली में 8 PSA (Pressure Swing Absorption) ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए दी गई थी लेकिन केजरीवाल सरकार ने अब तक मात्र एक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले पर केजरीवाल सरकार को जमकर फटकार लगाई और कहा कि सरकार के कुप्रशासन और अक्षमता के कारण आज राजधानी में ऑक्सीजन का संकट उत्पन्न हुआ है। कोर्ट ने सरकार से यह सवाल भी किया कि केंद्र सरकार द्वारा फंड दिए जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार अब तक मात्र एक PSA ऑक्सीजन प्लांट क्यों स्थापित कर पाई है?
Delhi High Court in its order asks Kejriwal govt-when Central govt had sanctioned funds in Dec. 2020 to set up 8 Pressure Swing Absorption(PSA) Plants for production of oxygen, why only one has become operational till date.
As usual, Delhi Govt had no answers. pic.twitter.com/1b60NRWTee— Monika Arora (@advmonikaarora) April 23, 2021
केंद्र सरकार के अधिकारी निपुण विनायक के मुताबिक दिल्ली में सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफ़दरगंज अस्पताल में अभी तक PSA ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना हेतु साइट क्लियरेन्स नहीं दिया गया है। दो अस्पतालों में साइट क्लियरेन्स का काम पूरा हो गया है जहां 30 अप्रैल तक ऑक्सीजन संयंत्र के उपकरण स्थापित कर दिए जाएँगे। कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य के बाकी अस्पताल भी केंद्र की योजनाओं के साथ सामंजस्य बैठाकर कार्य करें।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड से देश के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये जारी किए थे। इस रकम से देश भर में 162 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट्स लगाये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने इस फैसले से जहां मरीजों को बड़ी राहत दी, वहीं विपक्ष को करारा जवाब दिया, जो बार-बार पीएम केयर्स फंड के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठा रहा था।
स्थापित किए जाने वाले 162 ऑक्सीजन प्लांट्स की क्षमता 154.19 मिट्रिक टन होगी। इन ऑक्सीजन प्लांट को 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगाया जा रहा है। 201 करोड़ रुपये में 137.33 करोड़ रुपये मशीनों की आपूर्ति, कमीशनिंग और सेंट्रल मेडिकल सप्लाई स्टोर का मैनेजमेंट शुल्क है। 64.25 करोड़ रुपये वार्षिक रखरखाव के लिए खर्च किया जाएगा।
देश में न तो कोरोना की दूसरी लहर आने की कोई चेतावनी थी और न ही इतनी अधिक ऑक्सीजन की मांग बढ़ने की संभावना थी। फिर भी केंद्र की मोदी सरकार सजग थी। पूरे देश में ऑक्सीजन की समस्या से निजात दिलाने के लिए पहल की, लेकिन केजरीवाल जैसे असफल मुख्यमंत्रियों की घटिया राजनीति की वजह से आज जनता ऑक्सीजन के लिए संघर्ष कर रही है।