दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना से निपटने में नाकाम साबित हो रहे हैं। खुद मुख्यमंत्री ये स्वीकार कर रहे हैं कि दिल्ली में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। नये आंकड़े के मुताबिक प्रति 10 लाख की आबादी के अनुपात में दिल्ली में कोरोना से संक्रमित लोगों और मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है। दिल्ली में प्रति 10 लाख की आबादी पर संक्रमितों की संख्या 1262, महाराष्ट्र में 637, गुजरात 274 और तमिलनाडु में 360 है। इसी प्रकार प्रति 10 लाख की आबादी पर मौतों की संख्या के मामले में भी दिल्ली की स्थिति सबसे खराब है। प्रति 10 लाख की आबादी पर दिल्ली में 33, महाराष्ट्र में 22, गुजरात में 17 और तमिलनाडु में 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
कांग्रेस गठबंधन द्वारा शासित महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या 11,793 है, तमिलनाडु में 27,256, दिल्ली में 25,004 और गुजरात में 18,609 है और अगर कोरोना से मौत की बात करें तो यह महाराष्ट्र में 2710, तमिलनाडु में 223, दिल्ली में 761 और गुजरात में 1,115 हैं। इन आंकड़ों को राज्यों की जनसंख्या के अनुपात पर देखने पर दिल्ली की स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक है।
Why is Delhi's battle against Covid-19 descending into chaos? The number of people testing positive for Coronavirus is spiking but the government is pushing for lesser testing. Which means, the situation could be worse than the infection numbers suggest. https://t.co/q0htIzqA4b pic.twitter.com/Ix25q2oypP
— Rahul Kanwal (@rahulkanwal) June 7, 2020
लगातार पांचवे दिन 1200 से अधिक नए मामले
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो गया है। केजरीवाल सरकार के स्थिति नियंत्रण होने के दावों के विपरीत दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या विस्फोटक तरीके से बढ़ रही है। दिल्ली में लगातार पांचवें दिन कोरोना के 1200 से ज्यादा मामले आए हैं। 7 जून, 2020 के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में दिल्ली में 1320 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन्हें मिलाकर कुल मरीजों की संख्या 27,654 हो चुकी है। शनिवार को विभिन्न अस्पतालों से 349 मरीजों को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई। लेकिन बीते चौबीस घंटे में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। हालांकि दिल्ली में अब तक कोरोना से 761 लोगों की मौत हो चुकी है।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण (07/06/2020) | |
कुल संक्रमित | 27,654 |
जांच | 2,46,873 |
मौतें | 761 |
ठीक हुए | 10,664 |
सक्रिय मामले | 16,229 |
मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप
एक तरफ जहां प्रति दस लाख की आबादी पर दिल्ली में कोरोना संक्रमितों और मौत की संख्या सबसे ज्यादा है वहीं दिल्ली सरकार पर कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप लग रहे हैं। कई मीडिया में ये खबरें आ चुकी हैं कि दिल्ली सरकार के आंकड़े और क्रबिस्तान, श्मशान और अस्पतालों के आंकड़े में भारी अंतर है। दिल्ली में 1000 से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत का दावा किया जा रहा है लेकिन केजरीवाल सरकार पर सही आंकड़े छिपाने के आरोप लग रहे हैं।
दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई!
दिल्ली के मुंख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्लीवासियों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि दिल्ली सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। 7 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस में केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में कोरोना के सीरियस मरीजों के लिए 30,000 बिस्तरों की व्यवस्था कर ली गई है लेकिन दो महीने बाद 7 जून को प्रेस कांफ्रेंस कर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों को दिल्ली के लोगों के इलाज के फैसले का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जून के अंतिम तक दिल्ली को 15,000 बिस्तरों की जरूरत होगी और अभी दिल्ली सरकार के पास 9,000 बेड है। ऐसे में दिल्ली के बाहर के लोग इलाज के लिए आएंगे तो स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ा सकती है।
आगे जानिए दिल्ली के विवादित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना महामारी को लेकर किस प्रकार नाकाम होने पर निजी अस्पतालों पर ठीकरा फोड़ने में लगे हैं।
झूठे केजरीवाल की खुली पोल, निजी अस्पतालों पर फोड़ा नाकामियों का ठीकरा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठ बोलने के मामले में रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। अब केजरीवाल के दावे की हवा निकल गई है। दिल्ली में मरीज बेड के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं। मरीज मर रहे हैं। उनके परिजन गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। दिल्ली में पूरी तरह अव्यवस्था का आलम है। चौतरफा हमले के बाद केजरीवाल ने अपनी नाकामियों का ठीकरा निजी अस्पतालों पर फोड़ा है।
निजी अस्पतालों पर लगाया राजनीतिक सेटिंग का आरोप
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के कुछ अस्पतालों की पॉलिटिकल पार्टीज से सेटिंग हैं और वे बदमाशी कर रहे हैं। चंद अस्पताल बहुत पावरफुल हो गए हैं, सभी पार्टियों में उनकी पहुंच है। इसके बाद चेतावनी भरे लहजे में केजरीवाल ने कहा कि मरीज का इलाज अस्पताल को करना ही होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो हम उनके खिलाफ ऐक्शन लेंगे। केजरीवाल ने एसिम्प्टोमेटिक संदिग्धों से कहा कि वे टेस्ट न कराएं क्योंकि इससे लोड बढ़ेगा।
निजी अस्पतालों को केजरीवाल की धमकी
अब केजरीवाल निजी अस्पतालों को धमकी दे रहे हैं। उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा, “उन अस्पतालों का कहना चाहता हूं कि आपको कोरोना के मरीजों का नियमों के हिसाब से इलाज करना ही होगा। कुछ दो-चार अस्पताल इस गलतफहमी में हैं कि वे ब्लैक मार्किंटिंग कर लेंगे, उन अस्पतालों को बख्शा नहीं जाएगा। कल से एक- एक अस्पताल के मालिक को बुला रहे हैं और पूछ रहे हैं कि कोरोना के मरीजों का इलाज तो करना ही होगा। 20 फीसदी बेड तो रखने ही होंगे, नहीं तो 100 फीसदी बेड कोरोना के लिए कर लेंगे।”
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 6, 2020