न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका को लेकर जारी बहस के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक और बड़ा खुलासा किया है। कांग्रेस राज के काले कारनामे को सामने लाते हुए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ‘क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने क़ानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी।’
क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने क़ानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी ।
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 21, 2025
इसके साथ ही बीजेनी नेता दुबे कांग्रेस काल के एक और काले कारनामे का खुलासा करते हुए लिखा कि ‘कांग्रेस के संविधान बचाओ की एक मजेदार कहानी,असम में बहरुल इस्लाम साहिब ने कांग्रेस की सदस्यता 1951 में ली,तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस ने उन्हें 1962 में राज्यसभा का सदस्य बना दिया,छह साल बाद दुबारा 1968 में राज्य सभा का सदस्य सेवाभाव के लिए बनाया,इनसे बड़ा चमचा कॉग्रेस को नज़र नहीं आया राज्यसभा से बिना इस्तीफ़ा दिलाए हाईकोर्ट का जज 1972 में बना दिया,फिर 1979 में असम हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बना दिया,बेचारे 1980 में रिटायर हो गए,लेकिन यह तो कांग्रेस है जनवरी 1980 में रिटायर हुए जज को दिसंबर 1980 में सीधे सुप्रीम कोर्ट का जज बना दिया,1977 में इंदिरा गांधी जी के उपर लगे सभी भ्रष्टाचार के केस इन्होंने तन्मयता से ख़त्म कर दिए ,फिर ख़ुश होकर कांग्रेस ने इन्हें 1983 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर कर कॉग्रेस से राज्यसभा का तीबारा सदस्य 1983 में ही बना दिया ।मैं कुछ नहीं बोलूँगा?’
कांग्रेस के संविधान बचाओ की एक मजेदार कहानी,असम में बहरुल इस्लाम साहिब ने कांग्रेस की सदस्यता 1951 में ली,तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस ने उन्हें 1962 में राज्यसभा का सदस्य बना दिया,छह साल बाद दुबारा 1968 में राज्य सभा का सदस्य सेवाभाव के लिए बनाया,इनसे बड़ा चमचा कॉग्रेस को नज़र…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) April 22, 2025
निशिकांत दुबे की ओर से किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक और कानूनी हलकों में ये खबर सुर्खियों में है। वकालत की डिग्री ना होते हुए भी सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठाए जाने को लेकर लोग सवाल कर रहे हैं कि जब वांचू ने कानून की पढ़ाई नहीं की, तब उन्हें उच्च न्यायिक पदों पर कैसे नियुक्त किया गया। खुलासे के बाद संविधान बचाओ का नारा लगाने वाले कांग्रेसी नेता निशाने पर आ गए हैं। लोग सोशल मीडिया पर कांग्रेस पर तंज कस रहे हैं। आप भी देखिए सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है…
हां, यह कथन सही है कि जस्टिस कैलाशनाथ वांचू, जो 1967-1968 में भारत के मुख्य न्यायाधीश थे, के पास औपचारिक कानून की डिग्री नहीं थी। उस समय, भारतीय सिविल सेवा (ICS) अधिकारियों को उनकी प्रशिक्षण और अनुभव के आधार पर न्यायिक पदों पर नियुक्त करना आम था। वांचू की नियुक्ति तत्कालीन नियमों…
— Grok (@grok) April 21, 2025
वाह नेहरू सर वाह!
कैलाशनाथ वांचू एक कश्मीरी पंडित था, नेहरू का करीबी था। आज़ादी से कुछ महीने पहले ही नेहरू ने अंग्रेजों से सेटिंग करके इसको इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज बनवा दिया था। उसके बाद इंदिरा गांधी ने मुख्य न्यायधीश बनवा दिया।स्वयं नेहरू से अपनी डिग्री का प्रथम वर्ष उत्तीर्ण… pic.twitter.com/vcSNfLkU0Y
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) May 10, 2024
जो कांग्रेस आज लोकतंत्र और संविधान की बड़ी बड़ी बातें कर रही है जरा उनके काले कारनामे में भी देख लो…!!
जब देश के राष्ट्रपति चुनाव में जीत की घोषणा जामा मस्जिद से हुई, तो दूसरी ओर बिना लॉ की डिग्री वाले व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट का सीजेआई बना दिया।
साल था 1967 यह साल राजनीतिक… pic.twitter.com/mb0y3V9d6x
— अजय प्रताप सिंह (Ajay) (@iAjaySengar) April 20, 2025
सुप्रीम कोर्ट पर गंभीर सवाल pic.twitter.com/LmIU3fcgiJ
— Rameshwar Yogi 🇮🇳✌️🕉️🔱🪷 (@RameshwarAryaji) April 22, 2025
बात जब उठी हैं तो दूर तक जाएगी जब तक पूरे विश्व में किरकिरी नहीं हो जाती ??
क्या आप जानते हैं कि भारत में #सुप्रीम_कोर्ट के एक कैलाश नाथ वांचू नाम से ऐसे #मुख्य_न्यायाधीश भी अप्वाइंट हुए थे जिनके पास लॉ की डिग्री तक नहीं थी ??
चलिए #इंदिरा #कांग्रेस का काला कारनामा पढ़िए ??
👇 pic.twitter.com/cFdRGH8ChD— ऋषि राज शंकर (सनातनी)🇮🇳 (@Principalrashtr) April 21, 2025
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक न्यायधीश ऐसे भी थे कैलाश नाथ वांचू जिनके पास लॉ की डिग्री तक नहीं थी… 😵💫
जी हाँ! साल 1967 जब देश के राष्ट्रपति चुनाव में जीत की घोषणा जामा मस्जिद से हुई, तो दूसरी ओर बिना लॉ की डिग्री वाले व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट का CJI बना दिया :-
साल था… pic.twitter.com/5lKHY6eila
— Bhaskar Mishra (@Bhaskar_m11) April 19, 2025
1937 में अंग्रेजी शासन की अनुकंपा पर “सत्र एवं जिला न्यायधीश” बनाए गए सिविल सर्विस के अधिकारी को 1947 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश फिर 1967 में भारत का मुख्य न्यायाधीश बनाने के पीछे कौन-सी मजबूरी थी?
या फिर पर्दे के पीछे कोई सांठगांठ काम कर रही थी?#कैलाशनाथ_वांचू
— Adv Sunil Sharma (@AdvSunilSharma_) April 22, 2025
क्या भारत की जनता जानती है कि –
जस्टिस कैलाशनाथ वांचू, जो 1967-1968 में भारत के मुख्य न्यायाधीश थे, के पास औपचारिक कानून की डिग्री नहीं थी ?उस समय, भारतीय सिविल सेवा (ICS) अधिकारियों के पद पर कांग्रेस सरकार के पसंदीदा लोगों को बैठा दिया जाता था, क्योंकि लोग जागरूक नहीं थे… pic.twitter.com/DAqLNAh48d
— 🪷 Jugal Kej ( Modi ka Parivar 🪷) (@RaamBansal) April 22, 2025
क्या आपको पता है कि 1967-68 में भारत के मुख्य न्यायाधीश कैलाशनाथ वांचू जी ने क़ानून की कोई पढ़ाई नहीं की थी ।
इनको इन्दिरा फ़िरोज खान ने नियुक्त किया था!!! pic.twitter.com/sgY1quPpFe
— बैरागी (@VairagiUvaaCH) April 22, 2025
हमारी न्यायपालिका कितनी क्यूट है, आइये थ्रेड के माध्यम से देखते हैं:
थ्रेड 1
सुप्रीम कोर्ट ने मुर्शिदाबाद हिंसा की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने से ही इनकार कर दिया
बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग पर कहा कि हम कार्यपालिका में हस्तक्षेप नहीं कर सकते जबकि… pic.twitter.com/JQvjRi2of1
— Abhay Pratap Singh (बहुत सरल हूं) (@IAbhay_Pratap) April 21, 2025
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