इकोनॉमी के मोर्चे पर एक के बाद एक खुशखबरी ने देश के लोगों को कई तोहफे एक साथ दिए हैं। एक ओर दुनिया की कई बड़ी रेटिंग एजेंसिया देश की अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी को लेकर अपने अनुमानों में इजाफा कर रही हैं, तो दूसरी ओर महंगाई के मोर्चे पर भी अच्छी खुशखबरी सामने आई है।
मोदी सरकार में महंगाई के मोर्चे पर बड़ी खुशखबरी
त्योहारी सीजन में देश में रिटेल महंगाई पांच महीनों के सबसे निचले स्तर पर रही है, बाजार में सब्जियों के दाम 22 फीसदी गिरे हैं और खाने-पीने के सामान की महंगाई कम हुई है। सितंबर महीने में रिटेल महंगाई घटकर 4.35 प्रतिशत पर आ गई। यह 5 महीने का निचला स्तर है। इससे पहले खुदरा महंगाई अप्रैल 2021 में 4.23 प्रतिशत थी।
खाने-पीने की चीजों की महंगाई | |
सितंबर | 0.68 % |
अगस्त | 3.11% |
सितंबर के महीने में खाने -पीने की चीजों की महंगाई दर इस प्रकार रही
सितंबर में रिटेल महंगाई दर | |
अनाज और उत्पाद | -0.61% |
मांस एवं मछली | 7.00% |
दूध एवं दुग्ध उत्पाद | 3.11% |
सब्जियां | -22.47% |
देश में रिटेल महंगाई लगातार तीसरे महीने 2 से 6 फीसदी के बीच रही है। RBI ने हालिया मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में इस वित्त वर्ष के लिए महंगाई का अनुमान 5.7% से घटाकर 5.3% कर दिया था।
जानकारों का कहना है कि इकोनॉमी के मोर्चे पर तेज विकास और महंगाई काबू में रहने की वजह से भारत दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले बेहतर हालत में है।
- अगस्त के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में सुधार हुआ है
- अगस्त के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 11.9 फीसदी रहा है
- जुलाई में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 5 फीसदी रहा
RBI ने रखा है 2 से 6 फीसदी तक का टारगेट
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 4 फीसदी रखा है. इसमें 2 फीसदी का मार्जिन दिया गया है। अगर देश में महंगाई की अधिकतम दर 6 फीसदी और न्यूनतम दर 2 फीसदी रहे तो ये हालात RBI के दायरे में आते हैं । अगर महंगाई दर इस दायरे को क्रॉस करती है तो सरकार और सेंट्रल बैंक दोनों के लिए परेशानी बढ़ जाती है। पिछले तीन महीनों से रिटेल महंगाई 6 फीसदी से कम है, साफ है कि ये आम लोगों के साथ सरकार के लिए भी बड़ी खुशखबरी है।
मोदी विरोधी दलों के दावों के उलट है हकीकत
कांग्रेस महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार को घेरने की झूठी कोशिशों में जुटी रहती है, लेकिन हकीकत बिल्कुल इसके उलट है। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार की तुलना में मनमोहन सरकार में अधिक थी महंगाई की दर।
कोरोना संकट ने भारत सहित पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। ऐसे मुश्किल समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ना सिर्फ कोरोना के असर को कम करने में सफल रही, बल्कि अर्थव्यवस्था और लोगों की मदद कर महंगाई को भी नियंत्रण में रखा। इसकी वजह से जहां आज अर्थव्यवस्था में तेजी दिखाई दे रही है, वहीं आम जनता को महंगाई की मार से भी राहत मिली है। उधर कांग्रेस और अन्य सियासी दल महंगाई को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन विश्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों ने कांग्रेस के दावों की पोल खोलकर रख दी है। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक मोदी सरकार में महंगाई की दर मनमोहन सरकार की तुलान में काफी कम रही है।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने महंगाई पर काफी हद तक काबू पा लिया था। 2004 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने तब उपभोक्ता कीमतों के आधार पर महंगाई दर 3.767 प्रतिशत थी, लेकिन जैसे ही कांग्रेस ने सत्ता संभाली महंगाई ने विकराल रूप धारण करना शुरू कर दिया। मनमोहन सिंह के 10 साल के शासन में मोदी सरकार की तुलना में महंगाई न सिर्फ बढ़ी बल्कि इसकी रफ्तार भी बहुत तेज रही। 2009, 2010 और 2013 ऐसे साल रहे जब महंगाई दर 10 प्रतिशत से भी ज्यादा रही। 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में महंगाई की वजह से कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई।
जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागड़ोर संभाली तो उन्हें मनमोहन सरकार से विरासत में 6.65 प्रतिशत की महंगाई दर मिली। 2014 में उपभोक्ता कीमतों के आधार पर भारत में महंगाई दर 6.65 थी। लेकिन मनमोहन सरकार के विपरीत मोदी सरकार के सत्ता संभालते ही महंगाई दर में गिरावट आना शुरू हो गया। प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में लगातार 5 साल महंगाई दर 5 प्रतिशत के नीचे रही, और 3 साल तो यह 3 प्रतिशत के करीब रही। अब देश कोरोना संकट से उबरने लगा है और महंगाई दर में गिरावट के संकेत मिलने लगे हैं। उद्योग धंधों में रौनक लौट आई है, सेंसेक्स नई ऊंचाइयों की तरफ अग्रसर है।
मनमोहन सरकार के 10 साल में महंगाई दर
सत्ता संभालते ही बढ़ने लगी महंगाई दर |
वर्ष | महंगाई दर |
2005 | 4.2 |
2006 | 5.7 |
2007 | 6.3 |
2008 | 8.3 |
2009 | 10.8 |
2010 | 11.9 |
2011 | 8.8 |
2012 | 9.3 |
2013 | 11.0 |
2014 | 6.6 |
मोदी सरकार के 6 सालों में महंगाई दर
सत्ता संभालते ही महंगाई दर में गिरावट |
वर्ष | महंगाई दर |
2015 | 4.9 |
2016 | 4.9 |
2017 | 3.3 |
2018 | 3.9 |
2019 | 3.7 |
2020 | 6.6 |